ई-प्रदूषण तथा अन्तरिक्ष प्रदूषण को समझाइये। इसके प्रबन्धन के लिए क्या सुझाव दिए गए हैं? (125 Words) [UPPSC 2022]
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ई-प्रदूषण और अन्तरिक्ष प्रदूषण: समझ और प्रबंधन
ई-प्रदूषण: ई-प्रदूषण, इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट (ई-वेस्ट) से होने वाला प्रदूषण है, जिसमें पुरानी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज, जैसे कंप्यूटर और मोबाइल फोन, शामिल होते हैं। इसमें लेड, मर्करी, और कैडमियम जैसी विषाक्त सामग्री होती है, जो पर्यावरण और स्वास्थ्य को हानि पहुंचाती है।
प्रबंधन सुझाव:
अन्तरिक्ष प्रदूषण: अंतरिक्ष प्रदूषण, या स्पेस डेब्री, अंतरिक्ष में废弃 उपग्रहों और रॉकेट के चरणों का जमा होना है, जो सक्रिय उपग्रहों और अंतरिक्ष मिशनों को खतरे में डालता है।
प्रबंधन सुझाव:
इन सुझावों से ई-प्रदूषण और अंतरिक्ष प्रदूषण के प्रभाव को कम किया जा सकता है, जिससे पर्यावरण और अंतरिक्ष संचालन की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
**ई-प्रदूषण** (E-waste) उन इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और उनके हिस्सों का अवशेष है जो अब उपयोग में नहीं हैं। इसमें कंप्यूटर, मोबाइल फोन, टेलीविजन आदि शामिल हैं। ई-प्रदूषण में हानिकारक रसायन और धातुएं होती हैं जो पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं।
**अंतरिक्ष प्रदूषण** (Space Debris) पृथ्वी की कक्षा में छोड़े गए नाकाम उपग्रह, रॉकेट के टुकड़े, और अन्य मानव निर्मित वस्तुएं हैं जो अब उपयोगी नहीं हैं। यह अंतरिक्ष में टकराव का खतरा बढ़ाता है और भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए जोखिम पैदा करता है।
**प्रबंधन सुझाव:** ई-प्रदूषण के लिए, पुनर्चक्रण (recycling) और जिम्मेदार निपटान आवश्यक है। अंतरिक्ष प्रदूषण के लिए, निष्क्रिय उपग्रहों को हटाने और नई तकनीकों के विकास पर जोर दिया गया है, जिससे अंतरिक्ष मलबे को कम किया जा सके।