भारत के सतत विकास में विश्व बैंक की भूमिका का मूल्यांकन कीजिए। (200 Words) [UPPSC 2022]
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वित्तीय सहायता: विश्व बैंक भारत के सतत विकास को समर्थन देने के लिए महत्वपूर्ण वित्तीय संसाधन प्रदान करता है। अंतर्राष्ट्रीय बैंक फॉर रीकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट (IBRD) और अंतर्राष्ट्रीय विकास संघ (IDA) के माध्यम से, विश्व बैंक ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) और नेशनल हाइड्रोलॉजी प्रोजेक्ट जैसी परियोजनाओं के लिए वित्तपोषण किया है। ये परियोजनाएँ ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर और जल प्रबंधन में सुधार करती हैं।
तकनीकी विशेषज्ञता और नीति सलाह: विश्व बैंक तकनीकी विशेषज्ञता और नीति सलाह के माध्यम से भारत की नीतियों और योजनाओं में सुधार करता है। राष्ट्रीय स्वच्छ ऊर्जा मिशन के तहत, विश्व बैंक ने भारत को स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के विकास और तैनाती में मार्गदर्शन प्रदान किया है। इसके अतिरिक्त, जल संसाधन प्रबंधन और कृषि विकास में भी विश्व बैंक की सलाह ने सुधारात्मक उपाय सुझाए हैं।
संस्थान निर्माण और क्षमता वृद्धि: विश्व बैंक संस्थान निर्माण और क्षमता वृद्धि के प्रयासों में मदद करता है। अटल नवाचार मिशन और नरेगा जैसी योजनाओं में विश्व बैंक ने प्रबंधन और प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए तकनीकी सहायता और प्रशिक्षण प्रदान किया है।
सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) की दिशा में योगदान: विश्व बैंक के परियोजनाएँ और सहायता सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को प्राप्त करने में सहायक होती हैं। भारत की स्वास्थ्य और शिक्षा योजनाओं के लिए समर्थन, जैसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, ने SDGs को हासिल करने में योगदान दिया है।
निष्कर्ष: विश्व बैंक का भारत के सतत विकास में योगदान महत्वपूर्ण है, जो वित्तीय सहायता, तकनीकी विशेषज्ञता, और संस्थान निर्माण के माध्यम से होता है। इसके प्रयासों ने भारत के विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।