“सूचना का अधिकार अधिनियम में किये गये हालिया संशोधन सूचना आयोग की स्वायत्तता और स्वतंत्रता पर गम्भीर प्रभाव डालेंगे”। विवेचना कीजिए। (150 words) [UPSC 2020]
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सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI Act, 2005) के तहत नागरिकों को सरकारी जानकारी प्राप्त करने का अधिकार मिलता है, जो शासन में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व सुनिश्चित करता है। हाल ही में किए गए संशोधनों में सूचना आयुक्तों के कार्यकाल और वेतन निर्धारण का अधिकार केंद्र सरकार को सौंपा गया है।
इन संशोधनों से सूचना आयोग की स्वायत्तता और स्वतंत्रता पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। पहले, मुख्य सूचना आयुक्त और राज्य सूचना आयुक्तों की नियुक्ति, कार्यकाल और वेतन की शर्तें निर्धारित थीं, जिससे उनकी स्वतंत्रता सुनिश्चित होती थी। लेकिन अब केंद्र सरकार को इन मामलों में निर्णय लेने का अधिकार मिल गया है, जिससे आयोग पर सरकार के अप्रत्यक्ष दबाव की आशंका बढ़ जाती है।
यह संशोधन सूचना आयोग की निष्पक्षता और प्रभावशीलता को कमजोर कर सकता है, क्योंकि सरकार के प्रति उत्तरदायी होने के बजाय आयोग सरकार के दबाव में आ सकता है। इससे आरटीआई अधिनियम के मूल उद्देश्यों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।