क्या विभागों से संबंधित संसदीय स्थायी समितियाँ प्रशासन को अपने पैर की उँगलियों पर रखती हैं और संसदीय नियंत्रण के लिए सम्मान-प्रदर्शन हेतु प्रेरित करती हैं? उपयुक्त उदाहरणों के साथ ऐसी समितियों के कार्यों का मूल्यांकन कीजिए। (250 words) [UPSC 2021]
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संसदीय स्थायी समितियाँ प्रशासन के कार्यों पर निगरानी और नियंत्रण रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ये समितियाँ विभागों के कार्यों और नीतियों की समीक्षा करती हैं और संसदीय नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन को जवाबदेह बनाती हैं।
संसदीय स्थायी समितियों के कार्य और उनका मूल्यांकन:
1. निगरानी और समीक्षा:
उदाहरण: लोक लेखा समिति (Public Accounts Committee – PAC) और वित्त समिति (Estimates Committee) संसदीय स्थायी समितियाँ हैं जो बजट और खर्चों की समीक्षा करती हैं। PAC का मुख्य कार्य सरकारी खातों का ऑडिट करना और वित्तीय गड़बड़ियों की पहचान करना है। इस प्रकार, यह विभागों की वित्तीय अनुशासन पर नजर रखती है।
मूल्यांकन: ये समितियाँ विभागों को पारदर्शिता और उत्तरदायित्व बनाए रखने के लिए प्रेरित करती हैं। PAC के उदाहरण के रूप में, इसने विभिन्न समय पर महत्वपूर्ण घोटालों को उजागर किया है, जैसे कि 2G स्पेक्ट्रम घोटाला और कोल घोटाला।
2. नीतिगत सलाह और सुधार:
उदाहरण: गृह मामलों की स्थायी समिति (Standing Committee on Home Affairs) और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण की स्थायी समिति (Standing Committee on Health and Family Welfare) विभागों की नीतियों की समीक्षा करती हैं और सुधार के सुझाव देती हैं।
मूल्यांकन: ये समितियाँ विभागों को नीतिगत सुधारों के लिए प्रेरित करती हैं। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण की स्थायी समिति ने स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में सुधार के लिए कई सुझाव दिए हैं, जिससे विभागों को नीतियों में बदलाव और सुधार लाने की दिशा में मार्गदर्शन मिला है।
3. सरकारी प्रदर्शन की निगरानी:
उदाहरण: संविधान समीक्षा समिति (Committee on the Constitution) और संसदीय समितियाँ (Parliamentary Committees) विभिन्न सरकारी विभागों के कार्यों की निगरानी करती हैं और प्रशासन को उसकी जिम्मेदारियों के प्रति जवाबदेह बनाती हैं।
मूल्यांकन: ये समितियाँ विभागों को उनकी कार्यप्रणाली और प्रदर्शन में सुधार के लिए प्रेरित करती हैं। संविधान समीक्षा समिति ने कई बार संविधान में सुधारों की सिफारिश की है, जिससे प्रशासन को अपनी कार्यप्रणाली को अपडेट करने में सहायता मिली है।
निष्कर्ष:
संसदीय स्थायी समितियाँ विभागों से संबंधित प्रशासनिक कार्यों की निगरानी करती हैं, पारदर्शिता बनाए रखने में मदद करती हैं, और संसदीय नियंत्रण को मजबूत करती हैं। इनके कार्यों से प्रशासन को अपनी जिम्मेदारियों का एहसास होता है और संसदीय सिस्टम के प्रति सम्मान बनाए रहता है। ये समितियाँ न केवल नीतिगत सुधारों की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं, बल्कि प्रशासनिक सुधारों के लिए भी प्रेरित करती हैं।