“भारत में सार्वजनिक नीति बनाने में दबाव समूह महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।” समझाइए कि व्यवसाय संघ, सार्वजनिक नीतियों में किस प्रकार योगदान करते हैं। (150 words) [UPSC 2021]
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व्यापार संघों का सार्वजनिक नीतियों में योगदान
1. वकालत और लॉबिंग:
व्यापार संघ, जैसे भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) और भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (FICCI), सरकार और नीति निर्माताओं के साथ सक्रिय रूप से वकालत और लॉबिंग करते हैं। वे उन नीतियों के पक्ष में दबाव बनाते हैं जो व्यापारिक हितों को बढ़ावा देती हैं।
2. नीतिगत सिफारिशें:
ये संघ नीति निर्धारण में विशेषज्ञ राय और डेटा प्रदान करते हैं। वे आर्थिक नीतियों, कराधान और व्यापार प्रथाओं पर सुझाव देते हैं, जिससे नीतियाँ व्यवसाय-friendly बनती हैं।
3. उद्योग प्रतिनिधित्व:
विभिन्न उद्योगों का प्रतिनिधित्व करते हुए, व्यापार संघ क्षेत्रीय मुद्दों और आवश्यकताओं को उजागर करते हैं, ताकि उनकी चिंताओं को नीति चर्चाओं में शामिल किया जा सके।
4. सार्वजनिक अभियान:
संघ अक्सर अपनी नीतिगत स्थिति के समर्थन में सार्वजनिक अभियान चलाते हैं, मीडिया और जनमत का उपयोग करते हुए नीति निर्माताओं को प्रभावित करते हैं।
निष्कर्ष: व्यापार संघ सार्वजनिक नीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, वकालत, विशेषज्ञता, और उद्योग प्रतिनिधित्व के माध्यम से नीति निर्माण पर प्रभाव डालते हैं।