राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के सांविधिक निकाय से संवैधानिक निकाय में रूपांतरण को ध्यान में रखते हुए इसकी भूमिका की विवेचना कीजिए। (150 words)[UPSC 2022]
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राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (NCBC) का सांविधिक निकाय से संवैधानिक निकाय में रूपांतरण भारतीय समाज में सामाजिक न्याय और समानता को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम है। इस परिवर्तन से आयोग को अधिक प्रभावशाली और स्वतंत्र भूमिका मिलती है।
संविधानिक स्थिति प्राप्त करने के बाद, NCBC को स्वतंत्रता और शक्ति प्राप्त होती है कि वह अधिक प्रभावी ढंग से अनुसूचित जातियों और जनजातियों के सामाजिक और आर्थिक उन्नयन के लिए काम कर सके। आयोग का यह नया दर्जा उसे स्वतंत्र रूप से काम करने की अनुमति देता है और उसके सुझाव और सिफारिशें सरकार के लिए बाध्यकारी हो सकती हैं।
इससे आयोग की सिफारिशों की गंभीरता और महत्व में वृद्धि होगी, जिससे सामाजिक न्याय को सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। यह बदलाव अनुसूचित जातियों और जनजातियों के अधिकारों की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देगा।