मीनू सदैव अपनी सहेलियों को यह बताती रहती हैं कि उसे समाज सेवा से बहुत लगाव हैं। उसकी सहेलियों ने पाया कि वह किसी भी समाज कल्याण क्रियाकलापों में सहभागिता नहीं करती। उसकी एक सहेली के पिता एक गैर सरकारी संगठन (एन.जी.ओ.) से संबद्ध हैं तथा यह समाज के गरीब वर्गों के लिये निस्तर समाज कल्याण क्रियाकलाप जैसे मुफ्त कपड़े एवं दवाइयों का विवरण आयोजित करते रहते हैं। मीनू की सहेली ने कई बार एन.जी.ओ. के लिये समय देने के लिये कहा पर मीनू ने इसमें कोई रुचि नहीं दिखाई। मीनू के व्यवहार के लिये क्या संभावित स्पष्टीकरण दिये जा सकते हैं? मनोवैज्ञानिक तौर पर औचित्य सिद्ध कीजिये। (200 Words) [UPPSC 2019]
मीनू के व्यवहार के संभावित स्पष्टीकरण:
**1. प्रेरणा और वास्तविकता का अंतर
मीनू का समाज सेवा के प्रति लगाव का दावा शायद उसके भीतर की इच्छा और वास्तविकता के बीच अंतर को दर्शाता है। वह समाज सेवा के महत्व को समझती है लेकिन उसे खुद को इसमें संलग्न होने के लिए प्रेरित नहीं कर पा रही है। यह स्थिति “हाइपोक्रेसी” (पाखंड) के लक्षण हो सकती है जहां व्यक्ति अपने विचारों और कार्यों के बीच असंगति दिखाता है।
**2. आत्म-प्रेरणा की कमी
मीनू की सक्रिय भागीदारी की कमी उसकी “आत्म-प्रेरणा” की कमी को दर्शा सकती है। मनोवैज्ञानिक सिद्धांतों के अनुसार, जब व्यक्ति अपने कार्यों के लिए व्यक्तिगत प्रेरणा नहीं रखता, तो वह सक्रिय रूप से भाग लेने में रुचि नहीं दिखाता। उदाहरण के लिए, “मास्लो का ज़रूरतों का अनुक्रम” (Maslow’s Hierarchy of Needs) सिद्धांत के अनुसार, व्यक्ति की मूलभूत जरूरतें पूरी नहीं होने पर उसे उच्चतर सामाजिक जरूरतों के प्रति सक्रिय होने में कठिनाई हो सकती है।
**3. समाज में वास्तविक प्रभाव का एहसास न होना
मीनू का समाज सेवा के प्रति उदासीनता का एक कारण यह हो सकता है कि उसे यह विश्वास नहीं है कि उसकी भागीदारी से वास्तव में कोई सकारात्मक परिवर्तन आ सकता है। यह “मनोवैज्ञानिक निराशा” (Psychological Disengagement) का एक रूप हो सकता है, जहां व्यक्ति को लगता है कि उसके प्रयास का समाज पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
**4. सामाजिक दबाव और पहचान का अभाव
मीनू का एन.जी.ओ. के साथ जुड़ने में अनिच्छा इस बात का संकेत हो सकती है कि उसे समाज सेवा के लिए कोई सामाजिक दबाव महसूस नहीं होता। जब व्यक्ति के सामाजिक या व्यक्तिगत पहचान से जुड़ी जरूरतें पूरी नहीं होतीं, तो वह समाज सेवा में भाग लेने के प्रति उदासीन हो सकता है।
उपसंहार:
मीनू का व्यवहार उसकी व्यक्तिगत प्रेरणा, आत्म-प्रेरणा की कमी, और समाज में प्रभाव के एहसास की कमी का परिणाम हो सकता है। मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण से, इन कारकों को समझने से मीनू की समाज सेवा में भागीदारी बढ़ाने के उपाय सुझाए जा सकते हैं।