एक जन सूचना अधिकारी को ‘सूचना का अधिकार अधिनियम’ के अंतर्गत एक आवेदन मिलता हैं। वांछित सूचना एकत्र करने के बाद उसे पता चलता है कि वह सूचना स्वयं उसी के द्वारा लिये गये कुछ निर्णयों से संबंधित है, जो पूर्ण रूप से सही नहीं थे। इन निर्णयों में अन्य कर्मचारी भी सहभागी थे। सूचना प्रकट होने पर स्वयं उसके तथा अन्य सहयोगियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है, जिसमें दण्ड कभी सम्भावित है। सूचना प्रकट न करने पर या आशिक सूचना उपलब्ध कराने पर कम दण्ड या दण्ड मुक्ति भी मिल सकती है। जन सूचना अधिकारी एक ईमानदार एवं कर्त्तव्यनिष्ठ व्यक्ति हैं, परंतु जिस विशिष्ट निर्णय, जिसके संबंध में आर.टी.आई. में आवेदन किया गया है, वह गलत निर्णय है। वह अधिकारी आपके पास सलाह के लिये आता है। ऐसी स्थिति में आप उसे क्या सलाह देंगे? तर्कपूर्ण ढंग से व्याख्या कीजिये। (200 Words) [UPPSC 2018]