युद्ध का स्वरूप निरंतर बदलता रहा है तथा ड्रोन एवं काउंटर-ड्रोन सिस्टम के आगमन ने भविष्य में हमारे लड़ने के तरीके को मौलिक रूप से बदल दिया है। टिप्पणी कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
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युद्ध का स्वरूप निरंतर विकसित होता रहा है और ड्रोन तथा काउंटर-ड्रोन सिस्टम का आगमन इस बदलाव को और भी गहरा कर रहा है। ड्रोन, जो स्वचालित हवाई वाहन होते हैं, युद्धक्षेत्र में निगरानी, हवाई हमलों और सटीक लक्ष्यीकरण के लिए उपयोग किए जा रहे हैं। ये कम लागत वाले और आसानी से तैनात किए जा सकने वाले होते हैं, जो पारंपरिक सैन्य रणनीतियों को चुनौती देते हैं।
काउंटर-ड्रोन सिस्टम, जैसे कि रेडार, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियाँ, और लेजर तकनीक, ड्रोन के खतरों को पहचानने और नष्ट करने के लिए विकसित किए गए हैं। इन प्रणालियों के जरिए, ड्रोन हमलों को विफल किया जा सकता है और उनकी प्रभावशीलता को कम किया जा सकता है।
भविष्य में, ड्रोन और काउंटर-ड्रोन तकनीकें युद्ध की रणनीतियों, युद्धक्षेत्र की गतिशीलता और सैन्य अभियानों की प्रकृति को मौलिक रूप से बदल देंगी, जिससे युद्ध की अवधारणाओं और तकनीकों में क्रांतिकारी परिवर्तन होंगे।