कुछ चुनौतियों के बावजूद, भारत और बांग्लादेश के बीच आपसी समझ ने दोनों देशों के ‘गोल्डन चैप्टर (सुनहरे अध्याय)’ को जारी रखा है। विवेचना कीजिए। (250 शब्दों में उत्तर दीजिए)
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भारत और बांग्लादेश के संबंधों को ‘गोल्डन चैप्टर’ के रूप में वर्णित किया जाना उनके ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों के मजबूत होने का प्रतीक है। दोनों देशों के बीच 1971 के स्वतंत्रता संग्राम से शुरू हुई यह साझेदारी समय के साथ और गहरी हुई है। हालांकि चुनौतियाँ भी मौजूद हैं, जैसे सीमा विवाद, जल बंटवारा, और अप्रवासन के मुद्दे, लेकिन इन चुनौतियों के बावजूद, आपसी समझ और सहयोग ने द्विपक्षीय संबंधों को सकारात्मक दिशा में बनाए रखा है।
भारत और बांग्लादेश ने जल संसाधनों के प्रबंधन और सीमा सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर समझौतों के माध्यम से आपसी विश्वास को बढ़ाया है। 2015 में, भूमि सीमा समझौता (Land Boundary Agreement) का निष्पादन एक ऐतिहासिक कदम था, जिसने दशकों पुराने सीमा विवाद को सुलझाया और दोनों देशों के नागरिकों के जीवन को स्थिरता प्रदान की। इसके अलावा, गंगा नदी के जल बंटवारे पर 1996 में हुए समझौते ने जल संबंधी विवादों को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
आर्थिक क्षेत्र में, दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। भारत बांग्लादेश का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, और दोनों देशों ने अपने व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए विभिन्न समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके साथ ही, ऊर्जा सहयोग और कनेक्टिविटी परियोजनाओं ने भी द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती दी है।
सांस्कृतिक और सामाजिक स्तर पर भी, दोनों देशों के बीच घनिष्ठ संबंध बने हुए हैं, जो लोगों के बीच आपसी समझ और सहयोग को बढ़ावा देते हैं। यह आपसी समझ ही है जिसने भारत-बांग्लादेश संबंधों के ‘गोल्डन चैप्टर’ को जीवित रखा है, और भविष्य में भी इसे मजबूती से बनाए रखने की संभावना है।