शीतोष्ण चक्रवात पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। यह भारत को कैसे प्रभावित करता है ? (200 Words) [UPPSC 2023]
Lost your password? Please enter your email address. You will receive a link and will create a new password via email.
Please briefly explain why you feel this question should be reported.
Please briefly explain why you feel this answer should be reported.
Please briefly explain why you feel this user should be reported.
शीतोष्ण चक्रवात: संक्षिप्त टिप्पणी और भारत पर प्रभाव
शीतोष्ण चक्रवात (Temperate Cyclone) आमतौर पर उत्तरी अक्षांशों में विकसित होते हैं और मध्य वायुमंडल में कम दबाव के कारण बनते हैं। ये चक्रवात सर्दियों में मध्य और उच्च अक्षांशों में होते हैं, और इनकी प्रमुख विशेषताएँ गति, दिशा और वायवीय विशेषताएँ होती हैं।
1. वातावरणीय प्रभाव: शीतोष्ण चक्रवात हवा के कम दबाव के कारण प्रवण वायु और मॉनसून की ओर उन्मुख होते हैं। इससे वर्षा और ठंडी हवाएं उत्पन्न होती हैं।
2. भूगोलिक प्रभाव: भारत के उत्तरी और पूर्वी तटों पर, जैसे उड़ीसा और बंगाल की खाड़ी में, शीतोष्ण चक्रवात से तटीय क्षेत्रों में भारी बारिश, बाढ़ और तूफान की स्थिति उत्पन्न होती है। यह फसलों को नुकसान पहुंचाता है और आवश्यक सेवाओं को बाधित करता है।
3. आर्थिक और सामाजिक प्रभाव: इन चक्रवातों से जन जीवन, आर्थिक गतिविधियाँ और परिवहन प्रणाली प्रभावित होती हैं। आपदाओं के बाद मरम्मत कार्य और सहायता प्रयास में वेतन और संसाधनों का बहुत अधिक खर्च होता है।
निष्कर्ष: शीतोष्ण चक्रवात भारत में मौसम और जलवायु पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालते हैं, विशेषकर तटीय क्षेत्रों में। इनके वातावरणीय और आर्थिक प्रभाव को समझना और संबंधित तैयारी आवश्यक है ताकि प्राकृतिक आपदाओं से कम से कम नुकसान हो सके।