स्थायी आजीविका सुनिश्चित करने में गरीबी आय और उत्पादक संसाधनों की कमी से अधिक बाधक है। इस संदर्भ में, भारत में मौजूद गरीबी की गतिशील प्रकृति पर चर्चा कीजिए और इस समस्या के समाधान के लिए भारत सरकार द्वारा अपनाए गए उपायों को रेखांकित कीजिए। (250 शब्दों में उत्तर दें)
भारत में गरीबी की गतिशील प्रकृति एक जटिल समस्या है, जो केवल आय और उत्पादक संसाधनों की कमी से अधिक गहरी है। गरीबी की गतिशीलता का अर्थ है कि गरीब लोगों की स्थिति केवल आर्थिक संसाधनों की कमी से नहीं, बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक और संस्थागत कारकों द्वारा भी प्रभावित होती है।
गरीबी की गतिशील प्रकृति:
समाधान के उपाय:
इन उपायों के बावजूद, गरीबी का समाधान एक सतत प्रक्रिया है, जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक समानता और प्रशासनिक सुधारों को एकीकृत रूप से लागू करना होगा। इन क्षेत्रों में समन्वित प्रयासों से ही गरीबी को स्थायी रूप से समाप्त किया जा सकता है।