“वंचितों के विकास और कल्याण की योजनाएं अपनी प्रकृति से ही दृष्टिकोण में भेदभाव करने वाली होती हैं।” क्या आप सहमत हैं ? अपने उत्तर के पक्ष में कारण दीजिए । (250 words) [UPSC 2023]
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वंचितों के विकास और कल्याण की योजनाएं अपनी प्रकृति से ही दृष्टिकोण में भेदभाव करने वाली होती हैं,” इस विचार से सहमत होने के कई कारण हैं।
1. विशिष्ट लक्ष्यों की प्राप्ति: वंचित वर्गों के लिए बनाई गई योजनाएं सामान्य योजनाओं से भिन्न होती हैं, क्योंकि उनका उद्देश्य विशिष्ट सामाजिक और आर्थिक बाधाओं को दूर करना होता है। उदाहरण के लिए, अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिए विशेष आरक्षण, सब्सिडी, और अन्य सहायता योजनाएं बनती हैं। ये योजनाएं सामान्य वर्ग के लिए उपलब्ध साधनों और अवसरों से अलग होती हैं, ताकि वंचित वर्ग को उनकी स्थिति के आधार पर समान अवसर प्राप्त हो सकें।
2. समानता की ओर कदम: वंचित वर्गों के लिए विशेष योजनाओं का उद्देश्य समानता प्राप्त करना होता है। यदि ये योजनाएं सामान्य वर्ग के लिए समान होतीं, तो वंचित वर्ग की विशिष्ट समस्याएं और आवश्यकताएं पूरी नहीं हो पातीं। उदाहरण के लिए, एक सामान्य शिक्षा नीति सभी बच्चों को एक समान शिक्षा देने का प्रयास करती है, लेकिन वंचित वर्ग के बच्चों के लिए अतिरिक्त समर्थन की आवश्यकता होती है, जैसे कि निःशुल्क शिक्षा, किताबें, और अन्य संसाधन।
3. प्रभावशीलता में अंतर: विशेष योजनाएं उन लोगों तक पहुँचती हैं जिन्हें सामान्य योजनाओं से लाभ नहीं होता। इन योजनाओं की संरचना और कार्यान्वयन वंचित वर्ग की विशेष परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए की जाती हैं, जिससे उनकी प्रभावशीलता में सुधार होता है।
4. समान अवसरों की स्थापना: वंचित वर्ग के लिए विशेष योजनाएं उनके सामाजिक और आर्थिक पिछड़ेपन को दूर करने के लिए आवश्यक हैं। यह दृष्टिकोण भेदभावपूर्ण नहीं होता, बल्कि असमानता को दूर करने का प्रयास होता है, ताकि सभी वर्गों को समान अवसर मिल सकें।
इन कारणों से, वंचितों के विकास और कल्याण के लिए बनाई गई योजनाएं अक्सर दृष्टिकोण में भेदभावपूर्ण लगती हैं, लेकिन उनका उद्देश्य असल में समानता और समावेशिता को बढ़ावा देना होता है।