हालांकि, निष्पक्षता को लोक सेवा के लिए प्रमुख नैतिक मूल्यों में से एक के रूप में निर्धारित किया गया है, फिर भी इसे लोक सेवाओं में करुणा के प्रति बाधक के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। चर्चा कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
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निष्पक्षता लोक सेवा के प्रमुख नैतिक मूल्यों में से एक है, जिसका अर्थ है कि सभी नागरिकों के साथ समान और उचित व्यवहार किया जाए। यह सुनिश्चित करता है कि निर्णय और सेवाएं किसी व्यक्तिगत पक्षपात या भेदभाव से मुक्त हों। हालांकि, यह करुणा के प्रति बाधक नहीं बनती। निष्पक्षता और करुणा दोनों की महत्वपूर्ण भूमिकाएं होती हैं। करुणा का मतलब है सहानुभूति और दया, जो किसी की कठिनाइयों को समझने और उनकी सहायता करने की क्षमता को दर्शाती है।
लोक सेवाओं में करुणा की उपस्थिति आवश्यक है ताकि व्यक्तिगत जरूरतों और परिस्थितियों के अनुसार मदद प्रदान की जा सके। निष्पक्षता का उद्देश्य यह है कि यह करुणा किसी भी प्रकार की असमानता या भेदभाव को बढ़ावा न दे। सही संतुलन स्थापित करने पर, निष्पक्षता और करुणा एक-दूसरे को पूरा करती हैं, जिससे एक न्यायसंगत और सहानुभूतिपूर्ण सेवा सुनिश्चित होती है।