फर्टिगेशन मौलिक रूप से जल जैसे कीमती संसाधनों के उपयोग और पर्यावरण के पोषक तत्वों की क्षति को कम करते हुए बदलती जलवायु में स्थायी रूप से अधिक खाद्यान्नों के उत्पादन में मदद कर सकता है। चर्चा कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दें)
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फर्टिगेशन, जिसमें उर्वरक और जल को संयोजित किया जाता है, जल और पोषक तत्वों के उपयोग को अधिक कुशल बनाता है। इस प्रक्रिया के माध्यम से, उर्वरक सीधे पौधों की जड़ों में पहुंचते हैं, जिससे उनकी अवशोषण दर बढ़ती है और उर्वरक का अधिकतम उपयोग होता है। इससे जल की मात्रा कम होती है और पर्यावरणीय प्रदूषण भी घटता है।
बदलती जलवायु के प्रभाव में, जैसे कि अनियमित वर्षा और सूखा, फर्टिगेशन एक स्थायी समाधान प्रस्तुत करता है। यह न केवल जल का कुशल प्रबंधन सुनिश्चित करता है, बल्कि पौधों को आवश्यक पोषक तत्व समय पर प्रदान करता है, जिससे उत्पादन की मात्रा और गुणवत्ता में सुधार होता है। इस प्रकार, फर्टिगेशन जलवायु परिवर्तन के अनुकूल खेती में एक महत्वपूर्ण उपकरण बन सकता है, जिससे खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सकता है।