प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) भारत के आर्थिक विकास के लिए गैर-ऋण वित्त के एक महत्वपूर्ण स्रोत के रूप में कार्य कर सकता है। भारत में FDI को बढ़ावा देने हेतु उठाए गए कदमों के संदर्भ में चर्चा कीजिए। (250 शब्दों में उत्तर दीजिए)
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भारत ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिससे यह देश के आर्थिक विकास के लिए एक प्रमुख गैर-ऋण वित्तीय स्रोत बन गया है। इन कदमों में प्रमुख पहलू निम्नलिखित हैं:
**1. नीतिगत सुधार:**
भारत सरकार ने एफडीआई नीतियों में सुधार किया है ताकि विदेशी निवेशकों के लिए निवेश करना आसान हो। उदाहरण के लिए, एफडीआई नीति को सहज और पारदर्शी बनाने के लिए विभिन्न सेक्टरों में एफडीआई की सीमा बढ़ाई गई है, जैसे कि रक्षा, विमानन, और खुदरा में।
**2. स्वचालन और उदारीकरण:**
FDI के नियमों को स्वचालित और सरल बनाने के लिए कई सुधार किए गए हैं। इस प्रक्रिया में, सरकार ने ‘ऑटोमैटिक’ एफडीआई मार्ग की सुविधा प्रदान की है, जिससे कई सेक्टरों में एफडीआई की अनुमति बिना पूर्व स्वीकृति के मिल जाती है। इससे निवेशकों को तेजी से और बिना बेतहाशा कागजी कार्यवाही के निवेश करने की सुविधा मिली है।
**3. नीतिगत स्थिरता और सुसंगतता:**
भारत ने निवेशकों को आश्वस्त करने के लिए नीतिगत स्थिरता सुनिश्चित की है। निवेशकों के लिए पारदर्शिता और स्पष्टता को बढ़ावा देने के लिए स्थिर और सुसंगत नीतियों का पालन किया गया है, जिससे निवेशकों को दीर्घकालिक दृष्टिकोण से विश्वास मिला है।
**4. निवेश संवर्धन और प्रोत्साहन:**
सरकार ने विदेशी निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न प्रोत्साहन योजनाएं शुरू की हैं, जैसे कि कर लाभ, विशेष आर्थिक क्षेत्रों (SEZs) में निवेश पर छूट, और विभिन्न क्षेत्रीय प्रोत्साहन योजनाएं।
**5. अवसंरचना और लॉजिस्टिक सुधार:**
भारत ने निवेश को आकर्षित करने के लिए अवसंरचना में सुधार किया है, जैसे कि बेहतर परिवहन, लॉजिस्टिक, और उद्योग-विशिष्ट पार्कों का विकास। इस प्रकार, निवेशकों को बेहतर सुविधाएं और सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।
**6. निवेशक सुविधा केंद्र:**
निवेशकों के लिए ‘एक खिड़की’ (one-stop) सुविधा केंद्र की स्थापना की गई है, जहां वे सभी आवश्यक सेवाओं और जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, जिससे निवेश प्रक्रिया को सरल और त्वरित बनाया गया है।
इन कदमों से भारत ने न केवल एफडीआई के प्रवाह को बढ़ाया है, बल्कि इसे उच्च गुणवत्ता वाले निवेश और तकनीकी प्रगति के स्रोत के रूप में स्थापित किया है। यह निवेश भारत की आर्थिक वृद्धि, रोजगार सृजन, और तकनीकी उन्नति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
भारत ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं ताकि आर्थिक विकास को गति मिल सके और विभिन्न क्षेत्रों में पूंजी निवेश आकर्षित हो सके। इन कदमों में शामिल हैं:
इन पहलों ने भारत को एक निवेश अनुकूल वातावरण प्रदान किया है और विदेशी निवेशकों को आकर्षित किया है, जिससे देश की आर्थिक वृद्धि और रोजगार सृजन में योगदान हुआ है।