1857 का विप्लव ब्रिटिश शासन के पूर्ववर्ती सौ वर्षों में बार-बार घटित छोटे एवं बड़े स्थानीय विद्रोहों का चरमोत्कर्ष था। यह विप्लव विभिन्न कारकों के परिणामस्वरूप हुआ, जिनमें से कुछ प्रमुख कारण हैं:
1. ब्रिटिश शासन का विस्तार और दमनकारी नीतियाँ: ब्रिटिश सरकार ने अपने शासन का विस्तार करते हुए स्थानीय राजाओं और जमींदारों को हटाना शुरू किया, जिससे स्थानीय लोगों में असंतुष्टता फैल गई।
2. आर्थिक शोषण: ब्रिटिश सरकार ने भारतीय अर्थव्यवस्था का शोषण किया, जिससे किसानों और श्रमिकों की स्थिति खराब हो गई।
3. सामाजिक और सांस्कृतिक परिवर्तन: ब्रिटिश सरकार ने भारतीय संस्कृति और परंपराओं को बदलने का प्रयास किया, जिससे स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया।
इन कारकों के परिणामस्वरूप, विभिन्न स्थानों पर छोटे और बड़े विद्रोह हुए, जिनमें से कुछ प्रमुख विद्रोह हैं:
1. संथाल विद्रोह (1855-56)
2. मोपला विद्रोह (1841-1921)
3. वेल्लोर विद्रोह (1806)
4. बर्मा विद्रोह (1824-26)
इन विद्रोहों का चरमोत्कर्ष 1857 के विप्लव में हुआ, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का पहला बड़ा उभार था। इस विप्लव ने ब्रिटिश शासन की नींव को हिला दिया और भारतीयों को अपनी स्वतंत्रता की लड़ाई के लिए प्रेरित किया।