फसल पद्धति और फसल प्रणाली के बीच अंतर को स्पष्ट कीजिए। साथ ही, भारत में प्रचलित विभिन्न प्रकार की फसल प्रणालियों पर चर्चा कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
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फसल पद्धति और फसल प्रणाली में अंतर यह है कि फसल पद्धति एक विशिष्ट फसल की उगाने की विधि को दर्शाती है, जबकि फसल प्रणाली एक साथ उगाई जाने वाली विभिन्न फसलों का एक व्यवस्थित समूह है।
फसल पद्धति: यह एक विशिष्ट फसल के उत्पादन की विधि को संदर्भित करती है, जैसे कि सिंचित, वर्षा आधारित, या जैविक खेती। उदाहरण के लिए, चावल की खेती में हवाई खेत की विधि एक फसल पद्धति है।
फसल प्रणाली: यह एक कृषि प्रबंधन प्रणाली है जिसमें एक साथ या अनुक्रमिक रूप से उगाई जाने वाली फसलों का संयोजन होता है। यह फसलें विभिन्न उद्देश्यों, जैसे खाद्य सुरक्षा, भूमि उपयोग या आर्थिक लाभ के लिए चुनी जाती हैं।
भारत में प्रमुख फसल प्रणालियाँ निम्नलिखित हैं:
मल्टी-क्रॉपिंग (Multi-Cropping): एक ही खेत में विभिन्न फसलों की बारी-बारी से खेती, जैसे कि गेंहू के बाद चने की फसल।
इंटर-क्रॉपिंग (Inter-Cropping): एक ही समय में विभिन्न फसलों की खेती, जैसे मक्का और दालें एक साथ।
सिल्वो-अग्रीकल्चर (Silvo-Agriculture): कृषि और वानिकी के संयोजन में फसलें, जैसे पेड़ और फसलें एक ही खेत में उगाना।
रोटेशनल क्रॉपिंग (Rotational Cropping): एक ही क्षेत्र में समय-समय पर विभिन्न फसलों का अनुक्रम, जैसे गेंहू और चावल का परिवर्तन।
ये प्रणालियाँ भूमि उपयोग को बेहतर बनाती हैं और संसाधनों का कुशल प्रबंधन सुनिश्चित करती हैं।