शक्तियों के पृथक्करण की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए। भारतीय संविधान में ऐसे कौन-से प्रावधान हैं, जो शक्तियों के पृथक्करण को प्रतिबिंबित करते हैं?(उत्तर 200 शब्दों में दें)
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शक्तियों के पृथक्करण की अवधारणा एक ऐसी सिद्धांत है जिसमें सरकार की विभिन्न संगठनाओं या अधिकारियों को विशिष्ट क्षेत्रों में शक्तियों का पृथक्करण किया जाता है, ताकि वे अपने क्षेत्र में स्वतंत्रता से निर्णय ले सकें और अपने कार्यों के लिए जिम्मेदार हों। यह विभिन्न संगठनों और अधिकारियों को स्वतंत्रता और सामर्थ्य प्रदान करता है ताकि सरकारी कार्य प्रभावी रूप से संचालित हो सके।
भारतीय संविधान में शक्तियों के पृथक्करण को प्रतिबिंबित करने के कई प्रावधान हैं। कुछ मुख्य प्रावधान निम्नलिखित हैं:
इन प्रावधानों के माध्यम से भारतीय संविधान ने शक्तियों के पृथक्करण की अवधारणा को प्रतिबिंबित किया है और सरकारी संगठनों को स्वतंत्रता और सामर्थ्य प्रदान किया है ।