मानसून एशिया में रहने वाली संसार की 50 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या के भरण-पोषण में सफल मानसून जलवायु को क्या अभिलक्षण समनुदेशित किए जा सकते हैं ? (250 words) [UPSC 2017]
Lost your password? Please enter your email address. You will receive a link and will create a new password via email.
Please briefly explain why you feel this question should be reported.
Please briefly explain why you feel this answer should be reported.
Please briefly explain why you feel this user should be reported.
मानसून एशिया, जिसमें संसार की 50 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या निवास करती है, में पाए जाने वाले मानसून जलवायु के विशेष अभिलक्षण इसे खाद्य सुरक्षा और जीवनदायिनी संसाधनों की उपलब्धता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके प्रमुख अभिलक्षण निम्नलिखित हैं:
1. मौसमी वायु परिवर्तन:
मानसून जलवायु की सबसे प्रमुख विशेषता इसकी मौसमी वायु परिवर्तन है। गर्मियों में, समुंदर से आ रही आर्द्र हवाएँ भूमि पर भारी वर्षा लाती हैं, जबकि सर्दियों में, भूमि से समुंदर की ओर सूखी और ठंडी हवाएँ बहती हैं। यह वायु परिवर्तन भूमि और समुद्र के बीच तापमान अंतर के कारण होता है।
2. उच्च वर्षा:
मानसून के दौरान, आमतौर पर जून से सितंबर तक, अत्यधिक और सुसंगठित वर्षा होती है। यह भारी वर्षा कृषि के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह जल स्रोतों को पुनः भर देती है और मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखती है। धान, गेहूँ और मक्का जैसे खाद्य फसलों के लिए यह वर्षा अनिवार्य है।
3. तापमान की भिन्नता:
मानसून जलवायु में ग्रीष्मकाल में उच्च तापमान और सर्दियों में ठंडा तापमान देखा जाता है। ग्रीष्मकाल की ऊँची तापमान वाली स्थितियाँ मानसून हवाओं को प्रेरित करती हैं, जो वर्षा लाती हैं।
4. कृषि की उत्पादकता:
यह जलवायु किसानी गतिविधियों के लिए आदर्श है। मानसून की वर्षा खेतों को सिंचाई के लिए आवश्यक पानी प्रदान करती है, जिससे खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
5. जैव विविधता और पारिस्थितिक तंत्र:
मानसून जलवायु समृद्ध जैव विविधता और विभिन्न पारिस्थितिक तंत्रों को समर्थन देती है, जैसे कि उष्णकटिबंधीय वन और दलदल। ये पारिस्थितिक तंत्र न केवल पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखते हैं, बल्कि स्थानीय जीवन और आजीविका का भी समर्थन करते हैं।
इन विशेषताओं के कारण, मानसून जलवायु खाद्य सुरक्षा, कृषि उत्पादन, और पारिस्थितिक तंत्रों के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जिससे यह बड़ी जनसंख्या के जीवन के लिए आवश्यक संसाधन प्रदान करती है।