‘आम तौर पर कहा जाता है कि वैश्वीकरण सांस्कृतिक समांगीकरण को बढ़ावा देता है, परन्तु ऐसा प्रतीत होता है कि भारतीय समाज में उसके कारण सांस्कृतिक विशिष्टताएं सुदृढ़ हो गई हैं। सुस्पष्ट कीजिये । (250 words) [UPSC 2018]
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वैश्वीकरण और भारतीय सांस्कृतिक विशिष्टताएँ: एक विश्लेषण
परिचय: वैश्वीकरण को सामान्यतः सांस्कृतिक समांगीकरण (cultural homogenization) के रूप में देखा जाता है, जहां विभिन्न संस्कृतियों के बीच समानता और एकरूपता को बढ़ावा मिलता है। लेकिन भारत में वैश्वीकरण के प्रभाव ने सांस्कृतिक विशिष्टताओं को सुदृढ़ किया है। यह स्थिति विभिन्न कारणों से उत्पन्न हुई है।
वैश्वीकरण का प्रभाव:
भारतीय सांस्कृतिक विशिष्टताओं की सुदृढ़ता:
निष्कर्ष: वैश्वीकरण ने भारत में सांस्कृतिक समांगीकरण को बढ़ावा देने के बजाय सांस्कृतिक विशिष्टताओं को सुदृढ़ किया है। संस्कृतिक पुनरुत्थान, स्थानीयता का उभार, और सांस्कृतिक संरक्षण जैसे पहलुओं के माध्यम से भारतीय समाज ने वैश्वीकरण के प्रभावों के बावजूद अपनी सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखा है और उसे बढ़ावा दिया है।