भारत के जनजातीय समुदायों की विविधताओं को देखते हुए किस विशिष्ट सन्दर्भ के अन्तर्गत उन्हें किसी एकल श्रेणी में माना जाना चाहिए ? (150 words)[UPSC 2022]
Lost your password? Please enter your email address. You will receive a link and will create a new password via email.
Please briefly explain why you feel this question should be reported.
Please briefly explain why you feel this answer should be reported.
Please briefly explain why you feel this user should be reported.
भारत के जनजातीय समुदायों की विविधताओं को देखते हुए, उन्हें किसी एकल श्रेणी में वर्गीकृत करना कठिन है क्योंकि ये समुदाय सांस्कृतिक, भौगोलिक और सामाजिक दृष्टिकोण से अत्यंत विविध हैं। हालांकि, एक विशिष्ट संदर्भ के तहत इनका वर्गीकरण किया जा सकता है:
सांस्कृतिक और सामाजिक संदर्भ: भारत के जनजातीय समुदायों को सांस्कृतिक और सामाजिक संदर्भ में एकल श्रेणी में माना जा सकता है, जहां इनकी साझा विशेषताएँ जैसे कि पारंपरिक जीवनशैली, आत्मनिर्भरता, और सामूहिकता पर ध्यान केंद्रित किया जाए।
ये समुदाय सामान्यतः अपनी विशिष्ट सांस्कृतिक पहचान, पारंपरिक प्रथाओं और प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भरता के साथ जीवनयापन करते हैं। इस दृष्टिकोण से, जनजातीय समुदायों को एकल श्रेणी में “संविधानिक रूप से आदिवासी” के रूप में समझा जा सकता है, जो उनकी विशिष्ट पहचान को सम्मानित करता है और उनके अद्वितीय सामाजिक ताने-बाने को ध्यान में रखता है।