सार्वजनिक जीवन के आधारिक सिद्धांत क्या हैं? इन में से किन्हीं तीन सिद्धांतों को उपयुक्त उदाहरणों के साथ स्पष्ट कीजिए। (150 words) [UPSC 2019]
शासन, सुशासन और नैतिक शासन 1. शासन: परिभाषा: शासन उस प्रक्रिया, संरचना और संस्थानों का समूह है जिसके माध्यम से सत्ता और निर्णय लेने की प्रक्रियाएँ संचालित होती हैं। यह शासन के विभिन्न स्तरों पर काम करता है, जैसे कि सरकार, प्रशासन, और न्यायपालिका। उदाहरण: भारतीय संसद का कार्य शासन की एक प्रक्रिया है,Read more
शासन, सुशासन और नैतिक शासन
1. शासन:
- परिभाषा: शासन उस प्रक्रिया, संरचना और संस्थानों का समूह है जिसके माध्यम से सत्ता और निर्णय लेने की प्रक्रियाएँ संचालित होती हैं। यह शासन के विभिन्न स्तरों पर काम करता है, जैसे कि सरकार, प्रशासन, और न्यायपालिका।
- उदाहरण: भारतीय संसद का कार्य शासन की एक प्रक्रिया है, जिसमें कानून बनाना और नीतियों को लागू करना शामिल है।
2. सुशासन:
- परिभाषा: सुशासन से तात्पर्य है कि शासन की प्रक्रियाएँ प्रभावी, पारदर्शी, जवाबदेह और नागरिकों की आवश्यकताओं के प्रति संवेदनशील हों। यह निष्पक्षता और दक्षता को प्राथमिकता देता है।
- उदाहरण: महमूदाबाद में बुनियादी सुविधाओं का सुधार के लिए स्वच्छ भारत मिशन का कार्य सुशासन का एक उदाहरण है, जिसमें नागरिकों की भागीदारी और पारदर्शिता को बढ़ावा दिया गया।
3. नैतिक शासन:
- परिभाषा: नैतिक शासन नीतिगत निर्णयों और प्रशासनिक कार्यों में नैतिकता और ईमानदारी को प्रमुखता देता है। यह भ्रष्टाचार और दुरुपयोग को रोकने के लिए नैतिक मानदंडों पर जोर देता है।
- उदाहरण: लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013 का उद्देश्य सार्वजनिक अधिकारियों के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार के खिलाफ नैतिक शासन को प्रोत्साहित करना है।
निष्कर्ष: शासन प्रबंधन की प्रक्रिया को दर्शाता है, सुशासन प्रभावी और पारदर्शी प्रशासन को सुनिश्चित करता है, और नैतिक शासन नैतिकता और ईमानदारी पर बल देता है।
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सार्वजनिक जीवन के आधारिक सिद्धांत **1. ईमानदारी परिभाषा: ईमानदारी का तात्पर्य नैतिक सिद्धांतों और सत्यता का पालन करने से है, जिसमें पारदर्शिता और स्पष्टता शामिल है। उदाहरण: अमित शाह, केंद्रीय गृह मंत्री, ने डिजिटल करप्शन के खिलाफ सख्त उपायों के तहत ‘ई-नाम’ जैसे प्लेटफॉर्म को बढ़ावा दिया, जिससे सरकारRead more
सार्वजनिक जीवन के आधारिक सिद्धांत
**1. ईमानदारी
परिभाषा: ईमानदारी का तात्पर्य नैतिक सिद्धांतों और सत्यता का पालन करने से है, जिसमें पारदर्शिता और स्पष्टता शामिल है।
उदाहरण: अमित शाह, केंद्रीय गृह मंत्री, ने डिजिटल करप्शन के खिलाफ सख्त उपायों के तहत ‘ई-नाम’ जैसे प्लेटफॉर्म को बढ़ावा दिया, जिससे सरकारी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और ईमानदारी सुनिश्चित की जा सके।
**2. जवाबदेही
परिभाषा: जवाबदेही का मतलब है अपने कार्यों और निर्णयों के प्रति जिम्मेदार होना और उन पर रिपोर्ट देना।
उदाहरण: सोनिया गांधी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष, ने लोकसभा चुनावों के दौरान पार्टी के वित्तीय विवरणों को सार्वजनिक किया, जिससे पार्टी के खर्च और योगदानों के प्रति जवाबदेही बढ़ी।
**3. समानता
परिभाषा: समानता का तात्पर्य सभी व्यक्तियों को समान अवसर और निष्पक्ष उपचार देने से है, भले ही वे किसी भी सामाजिक या आर्थिक स्थिति में हों।
उदाहरण: प्रकाश जावड़ेकर, केंद्रीय पर्यावरण मंत्री, ने ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के तहत ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में समान रूप से स्वच्छता सुविधाओं का विस्तार किया, जिससे सभी नागरिकों को स्वच्छता के लाभ मिले और समाज में समानता बढ़ी।
ये सिद्धांत सार्वजनिक जीवन में नैतिकता और पारदर्शिता को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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