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भारत में बहुराष्ट्रीय निगमों के द्वारा प्रभावशाली स्थिति के दुरुपयोग को रोकने में भारत के प्रतिस्पर्धा आयोग की भूमिका पर चर्चा कीजिए। हाल के निर्णयों का संदर्भ लें । (150 words)[UPSC 2023]
भारत में बहुराष्ट्रीय निगमों के द्वारा प्रभावशाली स्थिति के दुरुपयोग को रोकने में भारत के प्रतिस्पर्धा आयोग की भूमिका नियामक भूमिका: "नियमों का प्रवर्तन": भारत के प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) का उद्देश्य प्रतिस्पर्धा कानूनों का पालन सुनिश्चित करना है। यह आयोग बहुराष्ट्रीय निगमों द्वारा प्रभावशाली स्थितिRead more
भारत में बहुराष्ट्रीय निगमों के द्वारा प्रभावशाली स्थिति के दुरुपयोग को रोकने में भारत के प्रतिस्पर्धा आयोग की भूमिका
नियामक भूमिका:
हाल के निर्णय:
निष्कर्ष: CCI बहुराष्ट्रीय निगमों द्वारा प्रभावशाली स्थिति के दुरुपयोग को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके हाल के निर्णय प्रतिस्पर्धा को संरक्षित करने और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने की दिशा में इसके प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
See lessनिःशुल्क कानूनी सहायता प्राप्त करने के हकदार कौन हैं? निःशुल्क कानूनी सहायता के प्रतिपादन में राष्ट्रीय विधि सेवा प्राधिकरण (एन.ए.एल.एस.ए.) की भूमिका का आकलन कीजिए । (150 words)[UPSC 2023]
निःशुल्क कानूनी सहायता प्राप्त करने के हकदार: "आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग": भारतीय संविधान के अनुच्छेद 39A के तहत, आर्थिक रूप से कमजोर और वंचित वर्गों को निःशुल्क कानूनी सहायता प्राप्त करने का अधिकार है। इसमें निम्न-आय वाले व्यक्ति, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, और अन्य सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछडRead more
निःशुल्क कानूनी सहायता प्राप्त करने के हकदार:
राष्ट्रीय विधि सेवा प्राधिकरण (NALSA) की भूमिका:
निष्कर्ष: NALSA की प्रभावी भूमिका निःशुल्क कानूनी सहायता की पहुँच और गुणवत्ता को सुनिश्चित करती है, जिससे न्यायिक प्रणाली में वंचित वर्गों की भागीदारी सुनिश्चित होती है।
See lessयद्यपि अर्ध-न्यायिक निकायों को न्यायिक निकायों के समान शक्तियाँ प्राप्त हैं तथापि दोनों के बीच अंतर के अनेक महत्वपूर्ण बिंदु विद्यमान हैं। सविस्तार वर्णन कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
भारतीय संविधान के अनुसार, अर्ध-न्यायिक निकाय (जैसे कि राष्ट्रपति और गवर्णर) को न्यायिक निकायों (जैसे कि सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालय) के साथ समान शक्तियाँ प्राप्त हैं। हालांकि, दोनों के बीच कई महत्वपूर्ण अंतर हैं। कार्यक्षेत्र: अर्ध-न्यायिक निकाय राष्ट्रीय स्तर पर कार्यरत होते हैं, जबकि न्यायिक निRead more
भारतीय संविधान के अनुसार, अर्ध-न्यायिक निकाय (जैसे कि राष्ट्रपति और गवर्णर) को न्यायिक निकायों (जैसे कि सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालय) के साथ समान शक्तियाँ प्राप्त हैं। हालांकि, दोनों के बीच कई महत्वपूर्ण अंतर हैं।
कार्यक्षेत्र:
See lessअर्ध-न्यायिक निकाय राष्ट्रीय स्तर पर कार्यरत होते हैं, जबकि न्यायिक निकाय न्यायिक मुद्दों पर फैसले देने के लिए जिम्मेदार होते हैं।
अधिकारों का प्रयोग:
अर्ध-न्यायिक निकायों का प्रमुख कार्य नीति निर्धारण और मामलों का अनुशासन है, जबकि न्यायिक निकायों का काम संविधान और कानून के मामलों में न्याय देना है।
निर्णयों की पारदर्शिता:
न्यायिक निकायों के निर्णयों की पारदर्शिता और विचार-विमर्श की गुणवत्ता उच्च होती है जिससे सामान्य जनता की विश्वासीयता बनी रहती है।
स्वतंत्रता:
न्यायिक निकायों को स्वतंत्रता के अधिकार होते हैं जिनके अंतर्गत वे अपने निर्णय अनुसार काम कर सकते हैं। यह अर्ध-न्यायिक निकायों के लिए नहीं है।
इन अंतरों के कारण, न्यायिक निकायों और अर्ध-न्यायिक निकायों के बीच महत्वपूर्ण संवेदनशीलता होनी चाहिए ताकि देश की संविधानिक सिद्धांतों का अनुसरण समान रूप से हो सके।
राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की संरचना और कार्यों का उल्लेख कीजिए। साथ ही, महिला सशक्तीकरण को प्रोत्साहन देने के लिए इस आयोग द्वारा प्रारंभ पहलों को रेखांकित कीजिए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
राष्ट्रीय महिला आयोग (National Commission for Women - NCW) भारत सरकार द्वारा स्थापित एक महत्वपूर्ण संस्था है जो महिलाओं के हितों और मुद्दों की रक्षा करती है। NCW की मुख्य उपाधिकारी एक अध्यक्ष द्वारा निर्देशित होती है और इसमें अन्य सदस्य भी शामिल होते हैं। NCW के कार्य महिला सशक्तीकरण, उनकी सुरक्षा,Read more
राष्ट्रीय महिला आयोग (National Commission for Women – NCW) भारत सरकार द्वारा स्थापित एक महत्वपूर्ण संस्था है जो महिलाओं के हितों और मुद्दों की रक्षा करती है। NCW की मुख्य उपाधिकारी एक अध्यक्ष द्वारा निर्देशित होती है और इसमें अन्य सदस्य भी शामिल होते हैं।
NCW के कार्य महिला सशक्तीकरण, उनकी सुरक्षा, उनके अधिकारों की सुरक्षा, उनकी समस्याओं के समाधान और महिलाओं के खिलाफ हो रही उत्पीड़न के खिलाफ लड़ाई के लिए नियुक्त किया गया है।
NCW द्वारा महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न पहलूओं को रेखांकित किया गया है, जैसे:
NCW का महत्वपूर्ण कार्य महिलाओं के हितों की रक्षा करना और उन्हें समाज में समानता का अधिकार सुनिश्चित करना है।
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