“एक कल्याणकारी राज्य की नैतिक अनिवार्यता के अलावा, प्राथमिक स्वास्थ्य संरचना धारणीय विकास की एक आवश्यक पूर्व शर्त है।” विश्लेषण कीजिए। (150 words) [UPSC 2021]
सामाजिक विकास के लिए जराचिकित्सा (geriatrics) और मातृ स्वास्थ्य देखभाल (maternal health care) की दिशा में सुदृढ़ नीतियों की आवश्यकता अत्यंत महत्वपूर्ण है। जराचिकित्सा: वृद्ध जनसंख्या का बढ़ना: भारत में वृद्ध जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है, जिसके लिए विशेष स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरत है, जैसे वृद्धावस्थाRead more
सामाजिक विकास के लिए जराचिकित्सा (geriatrics) और मातृ स्वास्थ्य देखभाल (maternal health care) की दिशा में सुदृढ़ नीतियों की आवश्यकता अत्यंत महत्वपूर्ण है।
जराचिकित्सा:
वृद्ध जनसंख्या का बढ़ना: भारत में वृद्ध जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है, जिसके लिए विशेष स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरत है, जैसे वृद्धावस्था संबंधी रोगों की जांच और उपचार।
सामाजिक सुरक्षा: वृद्ध व्यक्तियों को स्वास्थ्य देखभाल, मानसिक समर्थन और सामाजिक सुरक्षा की नीतियाँ सुनिश्चित करनी होंगी, ताकि उनकी जीवन गुणवत्ता में सुधार हो सके।
मातृ स्वास्थ्य देखभाल:
स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच: गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं के लिए समुचित स्वास्थ्य सेवाएं, जैसे नियमित जांच, टीकाकरण, और प्रसव पूर्व देखभाल, की आवश्यकता है।
आहार और पोषण: मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए पोषण संबंधी नीतियों को सुदृढ़ करना आवश्यक है, जिससे गर्भवती महिलाओं और शिशुओं को आवश्यक पोषण मिल सके।
इन क्षेत्रों में सुधार से सामाजिक विकास को गति मिलेगी, स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा, और समाज के कमजोर वर्गों की भलाई सुनिश्चित होगी।
"एक कल्याणकारी राज्य की नैतिक अनिवार्यता के अलावा, प्राथमिक स्वास्थ्य संरचना धारणीय विकास की एक आवश्यक पूर्व शर्त है" इस कथन का विश्लेषण करते हुए: नैतिक अनिवार्यता: मूलभूत अधिकार: कल्याणकारी राज्य का उद्देश्य अपने नागरिकों को जीवन की गुणवत्ता सुधारने के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा प्रदान करना हRead more
“एक कल्याणकारी राज्य की नैतिक अनिवार्यता के अलावा, प्राथमिक स्वास्थ्य संरचना धारणीय विकास की एक आवश्यक पूर्व शर्त है” इस कथन का विश्लेषण करते हुए:
नैतिक अनिवार्यता:
मूलभूत अधिकार: कल्याणकारी राज्य का उद्देश्य अपने नागरिकों को जीवन की गुणवत्ता सुधारने के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा प्रदान करना है। प्राथमिक स्वास्थ्य संरचना जैसे क्लीनिक और स्वास्थ्य केंद्र बुनियादी स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध कराती हैं, जो नैतिक दृष्टिकोण से अनिवार्य हैं।
धारणीय विकास:
स्वास्थ्य और उत्पादकता: अच्छी प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएँ बीमारी और मृत्यु दर को कम करती हैं, जिससे कार्यक्षमता और उत्पादकता में सुधार होता है। इससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलता है।
समानता और समावेशन: प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएँ सभी वर्गों को समान अवसर प्रदान करती हैं, जिससे सामाजिक असमानता घटती है और समावेशी विकास को बढ़ावा मिलता है।
दीर्घकालिक स्थिरता: प्राथमिक स्वास्थ्य में निवेश दीर्घकालिक स्वास्थ्य लाभ सुनिश्चित करता है, जो धारणीय विकास के लिए आवश्यक है।
इस प्रकार, प्राथमिक स्वास्थ्य संरचना नैतिक जिम्मेदारी के साथ-साथ धारणीय विकास की एक आवश्यक शर्त भी है।
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