असहयोग आंदोलन के पश्चात् क्रांतिकारी गतिविधियों के उदय के पीछे निहित कारणों को उदाहरण सहित समझाइए।(उत्तर 200 शब्दों में दें)
चौरी चौरा की घटना (5 फरवरी 1922) भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई, जो असहयोग आंदोलन की गति को कुछ समय के लिए धीमा कर दी थी। इस घटना में, उत्तर प्रदेश के चौरी चौरा गांव में ब्रिटिश पुलिस की एक थाने पर हिंसक हमला हुआ, जिसमें कई पुलिसकर्मी मारे गए। इसके परिणामस्वरूप,Read more
चौरी चौरा की घटना (5 फरवरी 1922) भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई, जो असहयोग आंदोलन की गति को कुछ समय के लिए धीमा कर दी थी। इस घटना में, उत्तर प्रदेश के चौरी चौरा गांव में ब्रिटिश पुलिस की एक थाने पर हिंसक हमला हुआ, जिसमें कई पुलिसकर्मी मारे गए। इसके परिणामस्वरूप, महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन को तत्काल स्थगित करने का निर्णय लिया।
असहयोग आंदोलन (1920-22) का उद्देश्य ब्रिटिश शासन के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रतिरोध और नागरिक अवज्ञा के माध्यम से स्वाधीनता की दिशा में बढ़ना था। गांधीजी ने जनसाधारण को इस आंदोलन में शामिल होकर ब्रिटिश शासन के खिलाफ व्यापक जनमत तैयार करने के लिए प्रेरित किया। आंदोलन ने ब्रिटिश सरकार की नीतियों और उनके औपनिवेशिक नियंत्रण के खिलाफ एक विशाल जनगोष्ठी का रूप लिया।
हालांकि चौरी चौरा की हिंसात्मक घटना ने आंदोलन की गति को अवश्य धीमा किया, लेकिन यह घटना स्वतंत्रता संघर्ष की रणनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में उभरी। गांधीजी ने हिंसा के खिलाफ अपनी मजबूत स्थिति को दोहराया और अहिंसात्मक आंदोलन के सिद्धांत को बनाए रखा। इसने यह स्पष्ट किया कि स्वतंत्रता संघर्ष का मार्ग केवल अहिंसा और सत्याग्रह के माध्यम से ही संभव है।
आखिरकार, इस घटना ने भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष को एक नई दिशा दी, जिसमें गांधीजी के अहिंसात्मक सिद्धांत को अपनाया गया। यह भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण अनुभव साबित हुआ और आगे चलकर भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की रणनीति और दृष्टिकोण को आकार देने में योगदान दिया।
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असहयोग आंदोलन के पश्चात् क्रांतिकारी गतिविधियों के उदय के पीछे कई कारण थे। नेतृत्व की अभाव: असहयोग आंदोलन के दौरान नेतृत्व की कमी थी, लेकिन इसके बाद कुछ नेताओं ने अभियानों का संचालन किया जो लोगों को ध्यान में रखने में माहिर थे। उत्पीड़न और अत्याचार: सामाजिक वर्गों के उत्पीड़न और अत्याचार के कारण लोगRead more
असहयोग आंदोलन के पश्चात् क्रांतिकारी गतिविधियों के उदय के पीछे कई कारण थे।
इन कारणों के संयोजन से क्रांतिकारी गतिविधियों में वृद्धि हुई और लोगों के बीच एक नया जागरूकता स्तर उत्पन्न हुआ।
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