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सभी मानव सुख की आकांक्षा करते हैं। क्या आप सहमत हैं? आपके लिए सुख का क्या अर्थ है? उदाहरण प्रस्तुत करते हुए स्पष्ट कीजिए।(150 words) [UPSC 2014]
सभी मानव सुख की आकांक्षा हाँ, सभी मानव सुख की आकांक्षा करते हैं। यह आकांक्षा हमारे जीवन के निर्णयों और प्राथमिकताओं को प्रभावित करती है। सुख का अर्थ प्रत्येक व्यक्ति के लिए भिन्न हो सकता है, जो व्यक्तिगत अनुभव और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि पर निर्भर करता है। हाल की अनुसंधान के अनुसार, सुख का संबंध केवल भौRead more
सभी मानव सुख की आकांक्षा
हाँ, सभी मानव सुख की आकांक्षा करते हैं। यह आकांक्षा हमारे जीवन के निर्णयों और प्राथमिकताओं को प्रभावित करती है। सुख का अर्थ प्रत्येक व्यक्ति के लिए भिन्न हो सकता है, जो व्यक्तिगत अनुभव और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि पर निर्भर करता है।
हाल की अनुसंधान के अनुसार, सुख का संबंध केवल भौतिक संपत्ति से नहीं बल्कि मानसिक संतोष और जीवन की गुणवत्ता से भी है। जैसे कि World Happiness Report 2024 में सामाजिक समर्थन, स्वास्थ्य, और जीवन संतोष को प्रमुख तत्वों के रूप में बताया गया है।
मेरे लिए, सुख का मतलब है आत्म-संवेदन और पूर्णता। उदाहरण के लिए, ‘ब्लू ज़ोन’ प्रोजेक्ट में अध्ययन किया गया कि ओकिनावा के लोग लंबी उम्र और खुशहाल जीवन जीते हैं, जिनका जीवन सामाजिक जुड़ाव और संतुलित जीवनशैली पर आधारित है।
इस प्रकार, सुख की आकांक्षा सार्वभौमिक है, परंतु इसका अर्थ व्यक्तिगत अनुभव और परिस्थितियों पर निर्भर करता है।
See lessस्पष्ट कीजिए कि आचारनीति समाज और मानव का किस प्रकार भला करती है। (150 words) [UPSC 2016]
आचारनीति का समाज और मानव कल्याण पर प्रभाव 1. विश्वास और सहयोग को प्रोत्साहित करना: व्याख्या: आचारनीति विश्वास और ईमानदारी के सिद्धांतों को स्थापित करती है, जो समुदायों और संगठनों के बीच सहयोग और स्थिरता को बढ़ावा देती है। उदाहरण: कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (CSR) जैसे पहल, जैसे कि टाटा ग्रुप की CRead more
आचारनीति का समाज और मानव कल्याण पर प्रभाव
1. विश्वास और सहयोग को प्रोत्साहित करना:
2. न्याय और समानता को बढ़ावा देना:
3. जवाबदेही को सुदृढ़ करना:
4. मानव गरिमा और अधिकारों का समर्थन:
निष्कर्ष: आचारनीति विश्वास, न्याय, जवाबदेही, और मानव गरिमा को प्रोत्साहित करती है, जो समाज और मानव कल्याण में महत्वपूर्ण योगदान करती है।
See lessव्यापक राष्ट्रीय शक्ति (सी.एन.पी.) के तीन मुख्य घटकों जैसे मानवीय पूँजी, मृदु शक्ति (संस्कृति और नीतियां) तथा सामाजिक सद्भाव की अभिवृद्धि में नीति शास्त्र और मूल्यों की भूमिका का विवेचन कीजिए । (150 words) [UPSC 2020]
व्यापक राष्ट्रीय शक्ति में नीति शास्त्र और मूल्यों की भूमिका 1. मानवीय पूँजी: नीति शास्त्र और मूल्यों का मानवीय पूँजी पर महत्वपूर्ण प्रभाव होता है। नैतिक नेतृत्व और मूल्य आधारित शिक्षा के माध्यम से जिम्मेदारी, ईमानदारी, और व्यावसायिकता को बढ़ावा मिलता है। जैसे कि आईआईएम (IIMs) में नैतिक शिक्षा को शाRead more
व्यापक राष्ट्रीय शक्ति में नीति शास्त्र और मूल्यों की भूमिका
1. मानवीय पूँजी: नीति शास्त्र और मूल्यों का मानवीय पूँजी पर महत्वपूर्ण प्रभाव होता है। नैतिक नेतृत्व और मूल्य आधारित शिक्षा के माध्यम से जिम्मेदारी, ईमानदारी, और व्यावसायिकता को बढ़ावा मिलता है। जैसे कि आईआईएम (IIMs) में नैतिक शिक्षा को शामिल किया गया है, जो कुशल और नैतिक नेताओं को तैयार करता है, जिससे समग्र समाज की प्रगति और उत्पादकता बढ़ती है।
2. मृदु शक्ति (संस्कृति और नीतियां): नीति शास्त्र और मूल्यों मृदु शक्ति को सशक्त बनाते हैं। संस्कृतिक कूटनीति जैसे भारत में योग और आयुर्वेद का प्रचार, नैतिक मूल्यों और सांस्कृतिक समृद्धि पर आधारित होता है, जो अंतर्राष्ट्रीय संबंधों और वैश्विक छवि को मजबूत करता है। इसी तरह, नैतिक विदेश नीति से देशों के बीच विश्वास और सम्मान बढ़ता है।
3. सामाजिक सद्भाव: नीति शास्त्र और मूल्यों सामाजिक सद्भाव को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। समानता, न्याय, और समावेशिता के नैतिक सिद्धांत सामाजिक न्याय को सुनिश्चित करते हैं और संघर्षों को कम करते हैं। जैसे कि विभिन्न राज्यों में समावेशी नीतियों और संवाद के माध्यम से सामुदायिक तनाव को सफलतापूर्वक सुलझाया गया है, जो राष्ट्रीय स्थिरता और प्रगति के लिए आवश्यक है।
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