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कृत्रिम बुद्धि (ए० आइ०) की अवधारणा का परिचय दीजिए। ए० आइ० क्लिनिकल निदान में कैसे मदद करता है? क्या आप स्वास्थ्य सेवा में ए० आइ० के उपयोग में व्यक्ति की निजता को कोई खतरा महसूस करते हैं? (150 words)[UPSC 2023]
कृत्रिम बुद्धि (ए.आई.) की अवधारणा कृत्रिम बुद्धि (ए.आई.) का तात्पर्य मशीनों की उन प्रणालियों से है जो मानव बुद्धि की नकल करके ऐसे कार्य कर सकती हैं जिन्हें सामान्यतः मानव सोच और समझ की आवश्यकता होती है। इसमें लर्निंग, रेज़निंग, और प्रॉब्लम-सॉल्विंग शामिल हैं। ए.आई. का क्लिनिकल निदान में योगदान सटीकतRead more
कृत्रिम बुद्धि (ए.आई.) की अवधारणा
कृत्रिम बुद्धि (ए.आई.) का तात्पर्य मशीनों की उन प्रणालियों से है जो मानव बुद्धि की नकल करके ऐसे कार्य कर सकती हैं जिन्हें सामान्यतः मानव सोच और समझ की आवश्यकता होती है। इसमें लर्निंग, रेज़निंग, और प्रॉब्लम-सॉल्विंग शामिल हैं।
ए.आई. का क्लिनिकल निदान में योगदान
निजता पर खतरे
निष्कर्ष
हालांकि ए.आई. क्लिनिकल निदान में महत्वपूर्ण सुधार ला सकता है, इसके उपयोग में निजता को लेकर सुरक्षा उपाय और नैतिक दिशानिर्देश सुनिश्चित करना आवश्यक है।
See lessसरकारी कार्यकलापों के लिए, सर्वरों की क्लाउड होस्टिंग बनाम स्वसंस्थागत मशीन-आधारित होस्टिंग के लाभों और सुरक्षा निहितार्थों पर चर्चा कीजिए ।
सर्वरों की क्लाउड होस्टिंग के लाभ स्केलेबिलिटी: क्लाउड होस्टिंग सरकारी एजेंसियों को मांग के आधार पर संसाधनों को जल्दी से बढ़ाने या घटाने की अनुमति देती है। उदाहरण के लिए, COVID-19 महामारी के दौरान, सरकारों ने दूरस्थ कार्य और डिजिटल सेवाओं का समर्थन करने के लिए क्लाउड संसाधनों को तेजी से बढ़ाया। लागतRead more
सर्वरों की क्लाउड होस्टिंग के लाभ
क्लाउड होस्टिंग बनाम स्वसंस्थागत होस्टिंग के सुरक्षा निहितार्थ
निष्कर्ष: जबकि क्लाउड होस्टिंग स्केलेबिलिटी, लागत दक्षता और सुगम्यता के संदर्भ में महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करती है, यह डेटा संप्रभुता और साइबर सुरक्षा से संबंधित चुनौतियाँ भी पैदा करती है। सरकारों को इन कारकों का संतुलन बनाना चाहिए, और संभवतः क्लाउड और स्वसंस्थागत होस्टिंग के लाभों को संयोजित करने के लिए हाइब्रिड समाधान अपनाने चाहिए।
See lessS-400 हवाई रक्षा प्रणाली, विश्व में इस समय उपलब्ध अन्य किसी प्रणाली की तुलना में किस प्रकार से तकनीकी रूप से श्रेष्ठ है ? (150 words) [UPSC 2021]
S-400 हवाई रक्षा प्रणाली की तकनीकी श्रेष्ठता 1. उन्नत रडार प्रौद्योगिकी: S-400 प्रणाली में उच्च-रिज़ॉल्यूशन रडार जैसे X-बैंड रडार (96L6) और L-बैंड रडार (91N6E) शामिल हैं, जो विस्तृत पता लगाने की क्षमता प्रदान करते हैं और एक साथ कई लक्ष्यों को ट्रैक कर सकते हैं। इस रडार क्षमता से जल्द पहचान संभव होतीRead more
S-400 हवाई रक्षा प्रणाली की तकनीकी श्रेष्ठता
1. उन्नत रडार प्रौद्योगिकी: S-400 प्रणाली में उच्च-रिज़ॉल्यूशन रडार जैसे X-बैंड रडार (96L6) और L-बैंड रडार (91N6E) शामिल हैं, जो विस्तृत पता लगाने की क्षमता प्रदान करते हैं और एक साथ कई लक्ष्यों को ट्रैक कर सकते हैं। इस रडार क्षमता से जल्द पहचान संभव होती है।
2. लंबी दूरी की संलग्नता: S-400 400 किमी तक की दूरी पर लक्ष्यों को निशाना बना सकता है, जो कई अन्य प्रणालियों की तुलना में श्रेष्ठ है। उदाहरण के लिए, इसके 40N6E मिसाइल की रेंज अमेरिका के Patriot सिस्टम (160 किमी) से अधिक है।
3. बहु-लक्ष्य क्षमता: यह प्रणाली एक साथ 36 लक्ष्यों को विभिन्न मिसाइलों से संलग्न कर सकती है, जैसे 48N6E और 40N6E, जिससे यह छुपे विमानों और बैलिस्टिक मिसाइलों के खिलाफ प्रभावी है।
4. उच्च गतिशीलता: S-400 अत्यंत मोबाइल है और इसे ट्रांसपोर्टर-एरेक्टर-लॉन्चर्स (TELs) का उपयोग करके तेजी से स्थानांतरित किया जा सकता है, जो तात्कालिक प्रतिक्रिया क्षमताओं को बढ़ाता है।
5. एकीकृत प्रणाली: S-400 विभिन्न मिसाइल प्रकारों और रडार सिस्टमों को एकीकृत करता है, जो एक समग्र रक्षा परत प्रदान करता है।
हालिया उदाहरण: S-400 की क्षमताओं का प्रदर्शन सीरिया में किया गया है, जहां इसने इज़राइली हवाई हमलों को सफलतापूर्वक इंटरसेप्ट किया, जिससे इसके प्रभावशीलता की पुष्टि हुई है।
कुल मिलाकर, S-400 की उन्नत रडार, लंबी दूरी की मिसाइलें, बहु-लक्ष्य संलग्नता, गतिशीलता और एकीकरण इसे मौजूदा हवाई रक्षा प्रणालियों की तुलना में तकनीकी रूप से श्रेष्ठ बनाते हैं।
See lessहालिया समय में, पुराने ताप विद्युत संयंत्रों को बदलने और भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर्स (SMRs) की स्थापना की मांग बढ़ रही है। इस संदर्भ में, भारत में SMRs स्थापित करने की संभावनाओं और चुनौतियों का उल्लेख कीजिए। (250 शब्दों में उत्तर दीजिए)
स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर्स (SMRs) भारत में पुराने ताप विद्युत संयंत्रों को बदलने और ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए एक महत्वपूर्ण विकल्प बनते जा रहे हैं। SMRs की स्थापना की संभावनाएँ और चुनौतियाँ निम्नलिखित हैं: संभावनाएँ: ऊर्जा दक्षता और सुरक्षा: SMRs का डिजाइन अत्यधिक ऊर्जा दक्षता और सुरक्षा पर केRead more
स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर्स (SMRs) भारत में पुराने ताप विद्युत संयंत्रों को बदलने और ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए एक महत्वपूर्ण विकल्प बनते जा रहे हैं। SMRs की स्थापना की संभावनाएँ और चुनौतियाँ निम्नलिखित हैं:
संभावनाएँ:
चुनौतियाँ:
निष्कर्ष: भारत में SMRs की स्थापना की संभावनाएँ उच्च हैं, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां ऊर्जा की बढ़ती मांग और पर्यावरणीय चिंताओं को देखते हुए एक स्थिर, सुरक्षित और स्वच्छ ऊर्जा स्रोत की आवश्यकता है। हालांकि, इसके लिए निवेश, नियामक ढांचे और कचरे के प्रबंधन से संबंधित चुनौतियों का समाधान करना महत्वपूर्ण होगा। भारत को एक समग्र रणनीति के माध्यम से इन चुनौतियों का सामना करना होगा और SMRs के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करना होगा।
See lessभले ही चौथी औद्योगिक क्रांति दुनिया में क्रांति लाने का वादा करती है, किंतु इसे अपनाने में कुछ संभावित जोखिम जुड़े हैं। इस संदर्भ में, तेजी से बदलते प्रौद्योगिकी परिदृश्य को अपनाने में भारतीय उद्यमों की सहायता हेतु ध्यान केंद्रित करने वाले प्रमुख क्षेत्रों पर चर्चा कीजिए। (250 शब्दों में उत्तर दीजिए)
चौथी औद्योगिक क्रांति (4IR) ने दुनिया में क्रांति लाने का वादा किया है, लेकिन इसके साथ कुछ संभावित जोखिम भी जुड़े हैं। इन जोखिमों को ध्यान में रखते हुए, भारतीय उद्यमों को तेजी से बदलते प्रौद्योगिकी परिदृश्य को अपनाने में मदद करने के लिए निम्नलिखित प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए:Read more
चौथी औद्योगिक क्रांति (4IR) ने दुनिया में क्रांति लाने का वादा किया है, लेकिन इसके साथ कुछ संभावित जोखिम भी जुड़े हैं। इन जोखिमों को ध्यान में रखते हुए, भारतीय उद्यमों को तेजी से बदलते प्रौद्योगिकी परिदृश्य को अपनाने में मदद करने के लिए निम्नलिखित प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए:
इन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करके, भारतीय उद्यम चौथी औद्योगिक क्रांति के अवसरों को अधिकतम कर सकते हैं और संभावित जोखिमों को कम कर सकते हैं। इससे वे वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बने रह सकते हैं और उद्योग में एक अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं।
See lessकुछ ऐसे वैकल्पिक ऊर्जा भंडारण समाधानों की पहचान कीजिए, जिनका उपयोग अक्षय ऊर्जा ट्रांजिशन हेतु हमारी क्षमता का विस्तार करने के लिए लिथियम आयन बैटरी के साथ या उसके स्थान पर किया जा सकता है। (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
अक्षय ऊर्जा ट्रांजिशन के लिए लिथियम आयन बैटरी के साथ या उसके स्थान पर उपयोग किए जा सकते कुछ वैकल्पिक ऊर्जा भंडारण समाधान निम्नलिखित हैं: सोडियम आयन बैटरी: सोडियम आयन बैटरी लिथियम आयन बैटरी की तुलना में अधिक सस्ती और पृथ्वी में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होती है। यह ऊर्जा भंडारण के लिए एक टिकाऊ विकल्पRead more
अक्षय ऊर्जा ट्रांजिशन के लिए लिथियम आयन बैटरी के साथ या उसके स्थान पर उपयोग किए जा सकते कुछ वैकल्पिक ऊर्जा भंडारण समाधान निम्नलिखित हैं:
ये समाधान अक्षय ऊर्जा की स्थिरता और विश्वसनीयता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
See lessडिजिटल ट्विन प्रौद्योगिकी से आप क्या समझते हैं? इसे अपनाने के लाभ और चुनौतियां क्या हैं? (250 शब्दों में उत्तर दीजिए)
डिजिटल ट्विन प्रौद्योगिकी एक वर्चुअल मॉडल या डिजिटल प्रतिकृति है जो किसी भौतिक वस्तु, प्रणाली या प्रक्रिया का वास्तविक समय में सटीक प्रतिनिधित्व करता है। यह भौतिक और डिजिटल दुनिया के बीच एक पुल की तरह काम करता है, जहां वास्तविक दुनिया के डेटा का उपयोग कर डिजिटल मॉडल को अपडेट किया जाता है, जिससे विश्Read more
डिजिटल ट्विन प्रौद्योगिकी एक वर्चुअल मॉडल या डिजिटल प्रतिकृति है जो किसी भौतिक वस्तु, प्रणाली या प्रक्रिया का वास्तविक समय में सटीक प्रतिनिधित्व करता है। यह भौतिक और डिजिटल दुनिया के बीच एक पुल की तरह काम करता है, जहां वास्तविक दुनिया के डेटा का उपयोग कर डिजिटल मॉडल को अपडेट किया जाता है, जिससे विश्लेषण, निगरानी, और निर्णय लेने की प्रक्रियाओं को सुदृढ़ बनाया जा सकता है।
लाभ:
प्रदर्शन अनुकूलन: डिजिटल ट्विन्स के माध्यम से वास्तविक समय में उपकरणों और प्रक्रियाओं की निगरानी की जा सकती है, जिससे उनके प्रदर्शन को अनुकूलित किया जा सकता है। यह मशीनों की दक्षता बढ़ाने और डाउनटाइम को कम करने में मदद करता है।
पूर्वानुमान और रखरखाव: डिजिटल ट्विन्स डेटा विश्लेषण और मशीन लर्निंग का उपयोग कर संभावित विफलताओं का पूर्वानुमान लगाने में सक्षम होते हैं, जिससे पूर्वानुमानित रखरखाव (Predictive Maintenance) को संभव बनाया जा सकता है। इससे रखरखाव की लागत घटती है और उत्पादकता बढ़ती है।
उत्पाद विकास में सुधार: उत्पादों के डिजिटल ट्विन्स का उपयोग कर कंपनियां नए उत्पादों का सिमुलेशन और परीक्षण कर सकती हैं, जिससे विकास की लागत और समय में कमी आती है।
रीयल-टाइम डेटा विश्लेषण: वास्तविक समय के डेटा के आधार पर व्यापार और संचालन निर्णयों को सटीकता के साथ लिया जा सकता है, जिससे निर्णय प्रक्रिया को सशक्त बनाया जाता है।
चुनौतियां:
डेटा सुरक्षा और गोपनीयता: डिजिटल ट्विन्स के लिए बड़े पैमाने पर डेटा की आवश्यकता होती है, जिससे डेटा सुरक्षा और गोपनीयता के जोखिम बढ़ जाते हैं।
उच्च लागत: डिजिटल ट्विन प्रौद्योगिकी को अपनाने और इसे लागू करने के लिए उच्च प्रारंभिक निवेश की आवश्यकता होती है, जो छोटे व्यवसायों के लिए चुनौती हो सकता है।
तकनीकी जटिलता: इस प्रौद्योगिकी को लागू करने के लिए उच्च स्तर की तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है, जिससे इसे अपनाने में कठिनाई हो सकती है।
डेटा की गुणवत्ता: डिजिटल ट्विन्स की सटीकता और विश्वसनीयता पूरी तरह से डेटा की गुणवत्ता पर निर्भर करती है। खराब गुणवत्ता का डेटा गलत निष्कर्ष निकाल सकता है।
डिजिटल ट्विन प्रौद्योगिकी में उद्योगों और विभिन्न क्षेत्रों में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने की क्षमता है, लेकिन इसे अपनाने के लिए समझदारी से रणनीतिक योजना और जोखिम प्रबंधन की आवश्यकता होती है।
See lessग्रीन हाइड्रोजन में CO2 उत्सर्जन को बहुत हद तक कम करने, जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने और भारत को नेट-जीरो ऊर्जा आयात की ओर ले जाने की क्षमता है। चर्चा कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों, जैसे सौर और पवन ऊर्जा, का उपयोग करके किया जाता है, जिससे यह CO2 उत्सर्जन को काफी हद तक कम करता है। ग्रीन हाइड्रोजन की जलवायु परिवर्तन पर सकारात्मक प्रभाव और भारत के नेट-जीरो ऊर्जा लक्ष्य की दिशा में योगदान निम्नलिखित है: CO2 उत्सर्जन में कमी: ग्रीनRead more
ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों, जैसे सौर और पवन ऊर्जा, का उपयोग करके किया जाता है, जिससे यह CO2 उत्सर्जन को काफी हद तक कम करता है। ग्रीन हाइड्रोजन की जलवायु परिवर्तन पर सकारात्मक प्रभाव और भारत के नेट-जीरो ऊर्जा लक्ष्य की दिशा में योगदान निम्नलिखित है:
इस प्रकार, ग्रीन हाइड्रोजन जलवायु परिवर्तन के खिलाफ एक प्रभावी रणनीति है और ऊर्जा सुरक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
See lessराष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (NSM) के उद्देश्यों को रेखांकित करते हुए, इसकी अब तक की उपलब्धियों की विवेचना कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (NSM) का उद्देश्य भारत की सुपरकंप्यूटिंग क्षमता को बढ़ाना और विभिन्न क्षेत्रों में वैज्ञानिक, तकनीकी, और औद्योगिक अनुसंधान को सशक्त बनाना है। इसके मुख्य उद्देश्यों में शामिल हैं: सुपरकंप्यूटिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास: भारत में उच्च प्रदर्शन वाले कंप्यूटिंग सिस्टम कीRead more
राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (NSM) का उद्देश्य भारत की सुपरकंप्यूटिंग क्षमता को बढ़ाना और विभिन्न क्षेत्रों में वैज्ञानिक, तकनीकी, और औद्योगिक अनुसंधान को सशक्त बनाना है। इसके मुख्य उद्देश्यों में शामिल हैं:
अब तक की उपलब्धियाँ:
NSM ने भारत को वैश्विक सुपरकंप्यूटिंग मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है और भविष्य में अनुसंधान और विकास के नए द्वार खोले हैं।
See lessभारत ने हाल ही में अपना पहला जैविक डेटा केंद्र स्थापित किया है। इसके उद्देश्यों को रेखांकित करते हुए, इसके महत्व पर चर्चा कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
भारत ने हाल ही में अपना पहला जैविक डेटा केंद्र (Bio-Data Center) स्थापित किया है, जिसका उद्देश्य जीनोमिक्स, बायोइन्फॉर्मेटिक्स, और स्वास्थ्य संबंधी अनुसंधान को सशक्त बनाना है। इसके महत्व को निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से समझा जा सकता है: स्वास्थ्य अनुसंधान और चिकित्सा: जैविक डेटा केंद्र व्यापक जीनोRead more
भारत ने हाल ही में अपना पहला जैविक डेटा केंद्र (Bio-Data Center) स्थापित किया है, जिसका उद्देश्य जीनोमिक्स, बायोइन्फॉर्मेटिक्स, और स्वास्थ्य संबंधी अनुसंधान को सशक्त बनाना है। इसके महत्व को निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से समझा जा सकता है:
इस प्रकार, जैविक डेटा केंद्र भारत की स्वास्थ्य और अनुसंधान क्षमताओं को उन्नत बनाने में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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