यद्यपि कृषि सब्सिडी ने किसानों की आय में वृद्धि की है, तथापि इन्होंने पर्यावरणीय निम्नीकरण और जैव विविधता के ह्रास में भी योगदान दिया है। भारत के संदर्भ में चर्चा कीजिए। (250 शब्दों में उत्तर दें)
भारत में कृषि क्षेत्र को प्रदान की जाने वाली प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष सब्सिडी प्रत्यक्ष सब्सिडी: न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP): MSP एक महत्वपूर्ण प्रत्यक्ष सब्सिडी है जिसमें सरकार कुछ फसलों के लिए न्यूनतम मूल्य की गारंटी देती है। उदाहरण के लिए, 2023 में गेहूं का MSP ₹2,125 प्रति क्विंटल था। सब्सिडी वालRead more
भारत में कृषि क्षेत्र को प्रदान की जाने वाली प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष सब्सिडी
प्रत्यक्ष सब्सिडी:
- न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP): MSP एक महत्वपूर्ण प्रत्यक्ष सब्सिडी है जिसमें सरकार कुछ फसलों के लिए न्यूनतम मूल्य की गारंटी देती है। उदाहरण के लिए, 2023 में गेहूं का MSP ₹2,125 प्रति क्विंटल था।
- सब्सिडी वाले उर्वरक: सरकार उर्वरकों को सब्सिडी दरों पर उपलब्ध कराती है। उर्वरक सब्सिडी योजना, जिसमें यूरिया और डीएपी (डायमोनियम फास्फेट) शामिल हैं, किसानों की लागत को कम करने और कृषि उत्पादन को बढ़ाने में मदद करती है।
- ऋण पर ब्याज सब्सिडी: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों को ऋण पर सब्सिडी प्राप्त होती है, जो विपरीत परिस्थितियों में वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
अप्रत्यक्ष सब्सिडी:
- विद्युत सब्सिडी: किसानों को सिंचाई के लिए सब्सिडी पर बिजली मिलती है। यह अप्रत्यक्ष सब्सिडी कृषि उत्पादन की लागत को कम करती है लेकिन संसाधनों के अत्यधिक उपयोग का कारण बनती है।
- जल सब्सिडी: सिंचाई के लिए जल उपयोग पर सब्सिडी प्रदान की जाती है, जिसमें सिंचाई अवसंरचना जैसे नहरों और चेक डैम्स में निवेश शामिल है।
- बीज सब्सिडी: उच्च उपज देने वाले और हाइब्रिड बीजों के लिए सब्सिडी प्रदान की जाती है, जिससे उत्पादन क्षमता बढ़ती है।
विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यू० टी० ओ०) द्वारा उठाए गए मुद्दे:
- व्यापार में विकृति: डब्ल्यू० टी० ओ० का तर्क है कि ये सब्सिडी अंतरराष्ट्रीय व्यापार में विकृति उत्पन्न करती हैं और भारतीय किसानों को वैश्विक बाजारों में अनुचित लाभ देती हैं। उदाहरण के लिए, MSP के कारण अधिशेष उत्पादन और वैश्विक वस्तु मूल्य पर प्रभाव पड़ सकता है।
- डब्ल्यू० टी० ओ० समझौतों का पालन न करना: डब्ल्यू० टी० ओ० ने चिंता व्यक्त की है कि कुछ सब्सिडी कृषि परिदृश्य के समझौते (AoA) का उल्लंघन कर सकती हैं। उदाहरण के लिए, यदि सब्सिडी अनुमेय सीमा से अधिक हो जाती है, तो विवाद उत्पन्न हो सकते हैं।
- पर्यावरणीय प्रभाव: अप्रत्यक्ष सब्सिडी, विशेषकर जल और बिजली पर, अस्थिर कृषि प्रथाओं में योगदान करती हैं, जिससे संसाधनों का अत्यधिक दोहन और पर्यावरणीय क्षति होती है।
- समानता की समस्याएँ: सब्सिडी का लाभ बड़े किसानों को अधिक होता है, जो छोटे किसानों की तुलना में असमानता को बढ़ा सकता है।
संक्षेप में, जबकि सब्सिडी भारतीय कृषि क्षेत्र को समर्थन प्रदान करती हैं, ये डब्ल्यू० टी० ओ० के नियमों के तहत महत्वपूर्ण समस्याएँ भी उत्पन्न करती हैं, विशेषकर व्यापार विकृति और स्थिरता के मुद्दों के संदर्भ में।
See less
कृषि सब्सिडी ने भारतीय किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार किया है, लेकिन इसके साथ ही पर्यावरण और जैव विविधता को भी प्रभावित किया गया है। सब्सिडी के प्राप्तकर्ताओं ने उन्हें उन्नत तकनीकी उपकरण और कृषि तकनीकियों तक पहुंचाने में मदद की है, जिससे उत्पादन में वृद्धि हुई है। इससे विभिन्न फसलों की उत्पादकतRead more
कृषि सब्सिडी ने भारतीय किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार किया है, लेकिन इसके साथ ही पर्यावरण और जैव विविधता को भी प्रभावित किया गया है। सब्सिडी के प्राप्तकर्ताओं ने उन्हें उन्नत तकनीकी उपकरण और कृषि तकनीकियों तक पहुंचाने में मदद की है, जिससे उत्पादन में वृद्धि हुई है। इससे विभिन्न फसलों की उत्पादकता में सुधार और अन्न स्वावलंबन की दिशा में कदम बढ़ा है।
हालांकि, सब्सिडी के प्रयोग में वृद्धि ने पर्यावरणीय निम्नीकरण और जैव विविधता को प्रभावित किया है। कृषि सब्सिडी की अधिक उपयोगिता के लिए किसानों ने अधिक खेती की, जिससे भूमि के अधिक उपयोग, जल प्रयोग और उपयोगिता की भी वृद्धि हुई। इसके परिणामस्वरूप, भूमि की उपयोगिता में बढ़ोतरी, जल संकट, और जैव विविधता के ह्रास की मुश्किलें उत्पन्न हुई हैं।
इस संदर्भ में, भारत को सुदृढ़ और समर्थनयोग्य कृषि नीतियों की आवश्यकता है जो किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारते हुए पर्यावरणीय समृद्धि और जैव विविधता की सुरक्षा कर सके। सब्सिडी के सही उपयोग, उचित मूल्य निर्धारण, और जल संरक्षण के लिए नई तकनीकों का प्रयोग करना महत्वपूर्ण है ताकि कृषि के सहायक कार्यों के साथ पर्यावरण और जैव विविधता को भी संरक्षित किया जा सके।
See less