Roadmap for Answer Writing Introduction Define shell companies as entities without active business operations or significant assets. Mention their exploitation for money laundering, despite not being illegal in themselves. Body 1. How Shell Companies Facilitate Money Laundering Fabricated Transactions Fact: Shell companies can claim monetary transactions on ...
आपदा जोखिम न्यूनीकरण (DRR) और सेंडाई आपदा जोखिम न्यूनीकरण प्रारूप 1. सेंडाई आपदा जोखिम न्यूनीकरण प्रारूप (2015-2030) के तहत किए गए उपाय: पूर्व-हस्ताक्षरित उपाय: राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना: भारत ने 2016 में अपनी राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना तैयार की, जो सेंडाई प्रारूप के सिद्धांतों के अनुरूप है। इसRead more
आपदा जोखिम न्यूनीकरण (DRR) और सेंडाई आपदा जोखिम न्यूनीकरण प्रारूप
1. सेंडाई आपदा जोखिम न्यूनीकरण प्रारूप (2015-2030) के तहत किए गए उपाय:
- पूर्व-हस्ताक्षरित उपाय:
- राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना: भारत ने 2016 में अपनी राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना तैयार की, जो सेंडाई प्रारूप के सिद्धांतों के अनुरूप है। इसमें आपदा जोखिम कम करने और सतत विकास को प्राथमिकता दी गई है।
- आपदा प्रबंधन कानून: 2005 के आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) स्थापित किए गए थे, जो सेंडाई प्रारूप की दिशा में पूर्व प्रयास थे।
- आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्यक्रम: डिजास्टर रिस्क रिडक्शन (DRR) के तहत विभिन्न जागरूकता अभियान और आपदा तैयारी योजनाएँ शुरू की गईं। उदाहरण के लिए, ‘नेशनल एग्जिट ड्रिल’ और ‘सिविल डिफेंस ट्रेनिंग’ कार्यक्रम।
- पश्चात-हस्ताक्षरित उपाय:
- सेंडाई प्रारूप की 7 वैश्विक प्राथमिकताएँ: भारत ने सेंडाई प्रारूप के तहत आपदा जोखिम को कम करने के लिए सात वैश्विक प्राथमिकताओं को अपनाया। इनमें आपदा जोखिम पर फोकस, वृद्धि और लचीलेपन में सुधार, और आगे की तैयारी शामिल हैं।
- राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना का पुनरावलोकन: सेंडाई प्रारूप को लागू करने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजना को अपडेट किया गया। इसमें निगरानी और मूल्यांकन तंत्र को और मजबूत किया गया है।
- सामुदायिक आधार पर उपाय: सेंडाई प्रारूप के अंतर्गत सामुदायिक आपदा प्रबंधन योजनाओं को बढ़ावा दिया गया। ‘सामुदायिक आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण’ और ‘आपदा प्रबंधन टीमों’ का गठन किया गया।
2. सेंडाई आपदा जोखिम न्यूनीकरण प्रारूप और ह्योगो कार्रवाई प्रारूप में भिन्नताएँ:
- फोकस और दायरा:
- सेंडाई प्रारूप: यह 2015-2030 के लिए एक व्यापक योजना है, जो सभी स्तरों पर आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर जोर देती है। इसमें स्थानीय और राष्ट्रीय रणनीतियों पर बल दिया गया है। यह स्थिरता और सामुदायिक सशक्तिकरण को प्राथमिकता देती है।
- ह्योगो प्रारूप: 2005-2015 तक के लिए लागू यह प्रारूप आपदा प्रबंधन पर केंद्रित था और वैश्विक लक्ष्य पर जोर देता था। इसमें सभी प्रकार की आपदाओं को शामिल किया गया, लेकिन स्थानीय स्तर पर ज्यादा फोकस नहीं था।
- उद्देश्य और दृष्टिकोण:
- सेंडाई प्रारूप: आपदा जोखिम में कमी के साथ स्थिर विकास की दिशा में कदम उठाता है। इसमें लचीलेपन में वृद्धि और सूचना प्रबंधन को प्रमुखता दी गई है।
- ह्योगो प्रारूप: आपदाओं से राहत और फिर से निर्माण के प्रयासों पर अधिक ध्यान दिया गया। यह आपदा की पूर्व तैयारी के बजाय आपदा प्रबंधन पर केंद्रित था।
3. निष्कर्ष: सेंडाई आपदा जोखिम न्यूनीकरण प्रारूप ने भारत में आपदा जोखिम न्यूनीकरण के दृष्टिकोण को नया दिशा दिया है। इसके माध्यम से, स्थानीय स्तर पर सामुदायिक सशक्तिकरण और स्थिर विकास को प्राथमिकता दी गई है, जो ह्योगो प्रारूप की विशेषताएँ और दृष्टिकोण से भिन्न है।
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Model Answer Introduction Shell companies, defined as entities without active business operations or significant assets, are often exploited for illicit activities like money laundering. While not inherently illegal, their misuse raises significant concerns. Mechanisms of Money Laundering FabricatedRead more
Model Answer
Introduction
Shell companies, defined as entities without active business operations or significant assets, are often exploited for illicit activities like money laundering. While not inherently illegal, their misuse raises significant concerns.
Mechanisms of Money Laundering
Measures to Limit Shell Companies
In conclusion, while shell companies pose significant risks for money laundering, ongoing regulatory measures aim to mitigate these threats effectively.
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