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लोक सेवकों द्वारा कुशल सार्वजनिक सेवा वितरण सुनिश्चित करने और भारत में परिवर्तन लाने के लिए उभरती हुई प्रौद्योगिकियों का उपयोग किन विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है? (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
लोक सेवकों द्वारा कुशल सार्वजनिक सेवा वितरण और भारत में परिवर्तन लाने के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों का उपयोग विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है: डिजिटल सेवाएं: ई-गवर्नेंस प्लेटफॉर्म्स, जैसे कि सरकारी पोर्टल्स और मोबाइल एप्स, नागरिकों को सेवाएं सीधे और त्वरित रूप से प्रदान कर सकते हैं, जैसे कि पहचान पतRead more
लोक सेवकों द्वारा कुशल सार्वजनिक सेवा वितरण और भारत में परिवर्तन लाने के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों का उपयोग विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है:
इन प्रौद्योगिकियों का एकीकृत उपयोग सार्वजनिक सेवा वितरण को अधिक कुशल, पारदर्शी, और नागरिक-केंद्रित बना सकता है।
See lessग्रामीण भारत में ई-गवर्नेस पहलों की सफलता के लिए नागरिक भागीदारी महत्वपूर्ण है।" टिप्पणी कीजिए। (150 शब्दों में उत्तर दें)
ग्रामीण भारत में ई-गवर्नेस पहलों में नागरिक भागीदारी की महत्वता ग्रामीण भारत में ई-गवर्नेस पहलों की सफलता के लिए नागरिक भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है। ई-गवर्नेस के माध्यम से प्रशासनिक सेवाओं और सूचनाओं की डिजिटल पहुंच से ग्रामीण क्षेत्रों में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाई जा सकती है। जानकारी और प्रशिक्Read more
ग्रामीण भारत में ई-गवर्नेस पहलों में नागरिक भागीदारी की महत्वता
ग्रामीण भारत में ई-गवर्नेस पहलों की सफलता के लिए नागरिक भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है। ई-गवर्नेस के माध्यम से प्रशासनिक सेवाओं और सूचनाओं की डिजिटल पहुंच से ग्रामीण क्षेत्रों में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाई जा सकती है।
इस प्रकार, नागरिक भागीदारी ग्रामीण ई-गवर्नेस पहलों की सफलता और प्रभावशीलता के लिए एक प्रमुख तत्व है।
See lessई-शासन केवल नवीन प्रौद्योगिकी की शक्ति के उपयोग के बारे में नहीं है, अपितु इससे अधिक सूचना के 'उपयोग मूल्य' के क्रांतिक महत्य के बारे में है। स्पष्ट कीजिए। (150 words) [UPSC 2018]
ई-शासन और सूचना के 'उपयोग मूल्य' का महत्व ई-शासन केवल नवीन प्रौद्योगिकी के उपयोग तक सीमित नहीं है; इसका एक प्रमुख पहलू सूचना के 'उपयोग मूल्य' को समझना और लागू करना भी है। सूचना की उपलब्धता: ई-शासन द्वारा नागरिकों को सरकार की सेवाओं और सूचनाओं तक सीधी और त्वरित पहुंच मिलती है। इससे पारदर्शिता बढ़ती हRead more
ई-शासन और सूचना के ‘उपयोग मूल्य’ का महत्व
ई-शासन केवल नवीन प्रौद्योगिकी के उपयोग तक सीमित नहीं है; इसका एक प्रमुख पहलू सूचना के ‘उपयोग मूल्य’ को समझना और लागू करना भी है।
निष्कर्ष: ई-शासन में सूचना के ‘उपयोग मूल्य’ का क्रांतिक महत्व होता है, क्योंकि यह केवल तकनीकी नवाचार नहीं, बल्कि नागरिकों की सेवाओं और शासन के सुधार में जानकारी के प्रभावी उपयोग को दर्शाता है।
See lessसूचना और संप्रेषण प्रौद्योगिकी (आई.सी.टी.) आधारित परियोजनाओं /कार्यक्रमों का कार्यान्वयन आम तौर पर कुछ विशेष महत्वपूर्ण कारकों की दृष्टि से ठीक नहीं रहता है। इन कारकों की पहचान कीजिए और उनके प्रभावी कार्यान्वयन के उपाय सुझाइए । (150 words) [UPSC 2019]
सूचना और संप्रेषण प्रौद्योगिकी (आई.सी.टी.) आधारित परियोजनाओं के कार्यान्वयन में आमतौर पर निम्नलिखित महत्वपूर्ण कारक प्रभावित करते हैं: 1. संसाधनों की कमी: आई.सी.टी. परियोजनाओं के लिए आवश्यक वित्तीय और तकनीकी संसाधनों की कमी अक्सर कार्यान्वयन में बाधा डालती है। उपाय: परियोजनाओं के लिए स्थिर वित्तीय आRead more
सूचना और संप्रेषण प्रौद्योगिकी (आई.सी.टी.) आधारित परियोजनाओं के कार्यान्वयन में आमतौर पर निम्नलिखित महत्वपूर्ण कारक प्रभावित करते हैं:
1. संसाधनों की कमी:
आई.सी.टी. परियोजनाओं के लिए आवश्यक वित्तीय और तकनीकी संसाधनों की कमी अक्सर कार्यान्वयन में बाधा डालती है।
उपाय: परियोजनाओं के लिए स्थिर वित्तीय आवंटन और संसाधन प्रबंधन की योजना बनानी चाहिए।
2. तकनीकी जटिलता:
नई तकनीकी प्रणालियों को अपनाना और उन्हें एकीकृत करना जटिल हो सकता है, जिससे प्रौद्योगिकी की उचित तैनाती में समस्याएँ आती हैं।
उपाय: प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित किए जाएँ ताकि संबंधित कर्मी तकनीकी प्रणालियों को समझ सकें और सही तरीके से उपयोग कर सकें।
3. डिजिटल साक्षरता की कमी:
लोगों की डिजिटल साक्षरता की कमी के कारण आई.सी.टी. परियोजनाओं का प्रभाव सीमित हो सकता है।
उपाय: व्यापक डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम और जागरूकता अभियान चलाए जाएँ।
4. प्रवर्तन और निगरानी की कमी:
परियोजनाओं की प्रगति पर निगरानी और प्रवर्तन की कमी से कार्यान्वयन में ढिलाई होती है।
उपाय: सख्त निगरानी तंत्र और प्रगति रिपोर्टिंग प्रणाली स्थापित की जानी चाहिए।
इन उपायों के माध्यम से आई.सी.टी. आधारित परियोजनाओं का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जा सकता है।
See less"चौथी औद्योगिक क्रांति (डिजिटल क्रांति) के प्रादुर्भाव ने ई-गवर्नेन्स को सरकार का अविभाज्य अंग बनाने में पहल की है"। विवेचन कीजिए। (150 words) [UPSC 2020]
चौथी औद्योगिक क्रांति, जिसे डिजिटल क्रांति भी कहा जाता है, ने ई-गवर्नेन्स को सरकार का अनिवार्य हिस्सा बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। डिजिटल क्रांति के प्रभाव: प्रभावशीलता और पारदर्शिता: ई-गवर्नेन्स के माध्यम से सरकारी सेवाओं का डिजिटलीकरण ने प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित और पारदर्शी बनाया है। यहRead more
चौथी औद्योगिक क्रांति, जिसे डिजिटल क्रांति भी कहा जाता है, ने ई-गवर्नेन्स को सरकार का अनिवार्य हिस्सा बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
डिजिटल क्रांति के प्रभाव:
प्रभावशीलता और पारदर्शिता: ई-गवर्नेन्स के माध्यम से सरकारी सेवाओं का डिजिटलीकरण ने प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित और पारदर्शी बनाया है। यह भ्रष्टाचार और देरी को कम करता है, जिससे नागरिकों को त्वरित और प्रभावी सेवाएँ प्राप्त होती हैं।
सुलभता और समावेशिता: डिजिटल प्लेटफॉर्म्स ने सरकार की सेवाओं को दूरदराज के क्षेत्रों तक पहुँचाने में मदद की है। इससे नागरिकों के लिए सरकारी योजनाओं और सूचनाओं तक पहुँच आसान हो गई है।
डेटा विश्लेषण और नीति निर्माण: डिजिटल क्रांति ने डेटा संग्रहण और विश्लेषण को सरल बना दिया है, जिससे सरकार को सटीक जानकारी पर आधारित नीतियों को लागू करने में सहायता मिलती है।
सुरक्षा और निगरानी: आधुनिक तकनीकें सुरक्षा और निगरानी तंत्र को मजबूत बनाती हैं, जिससे सार्वजनिक सुरक्षा और अपराध नियंत्रण में सुधार होता है।
इन पहलुओं ने ई-गवर्नेन्स को न केवल एक प्रशासनिक टूल के रूप में बल्कि सरकार की कार्यप्रणाली का अविभाज्य अंग बना दिया है, जिससे सार्वजनिक सेवाओं की गुणवत्ता और पहुँच में सुधार हुआ है।
See lessभारत में ई-गवर्नेस में पारदर्शिता और जवाबदेहिता को बढ़ावा देने में ओपन डेटा क्या भूमिका निभा सकता है? देश में ओपन डेटा की गुणवत्ता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने में कौन-सी चुनौतियां विद्यमान हैं? (250 शब्दों में उत्तर दीजिए)
ओपन डेटा भारत में ई-गवर्नेस में पारदर्शिता और जवाबदेहिता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। यह सार्वजनिक रूप से उपलब्ध डेटा है जिसे जनता, अनुसंधानकर्ता, और व्यवसायिक संगठन उपयोग कर सकते हैं। ओपन डेटा को उपयोग करके सरकार अपने निर्णयों के लिए सार्वजनिक जानकारी उपलब्ध करा सकती है और जनतRead more
ओपन डेटा भारत में ई-गवर्नेस में पारदर्शिता और जवाबदेहिता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। यह सार्वजनिक रूप से उपलब्ध डेटा है जिसे जनता, अनुसंधानकर्ता, और व्यवसायिक संगठन उपयोग कर सकते हैं। ओपन डेटा को उपयोग करके सरकार अपने निर्णयों के लिए सार्वजनिक जानकारी उपलब्ध करा सकती है और जनता को सरकारी कामकाज में पारदर्शिता और भागीदारी प्रदान कर सकती है।
ओपन डेटा की गुणवत्ता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने में कई चुनौतियाँ हैं। इनमें सबसे मुख्य हैं डेटा की सुरक्षा और गोपनीयता। सरकार को उपयुक्त तकनीकी सुरक्षा उपाय अपनाने और डेटा की सही गोपनीयता सुनिश्चित करने की जरूरत है।
अगली चुनौती है डेटा की गुणवत्ता। डेटा का सत्यापन, मानकीकरण, और संगठन करना मुश्किल हो सकता है।
तीसरी चुनौती है तकनीकी और मानव संसाधनों की कमी। ओपन डेटा के प्रबंधन और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए उचित संसाधनों की आवश्यकता है।
इन चुनौतियों का सामना करने के लिए, सरकार को सशक्त डेटा प्रबंधन नीतियों को अपनाना होगा ताकि ओपन डेटा का सही उपयोग किया जा सके और लोगों को भरोसा और पारदर्शिता मिल सके।
See lessअभिशासन के एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में ई-शासन ने सरकारों में प्रभावशीलता, पारदर्शिता और जवाबदेयता का आगाज कर दिया है। कौन-सी अपर्याप्तताएं इन विशेषताओं की अभिवृद्धि में बाधा बनती हैं ? (150 words)[UPSC 2023]
ई-शासन में पारदर्शिता, प्रभावशीलता और जवाबदेयता की बाधाएँ "डिजिटल विभाजन": ई-शासन के प्रभावी कार्यान्वयन में सबसे बड़ी बाधा डिजिटल विभाजन है। ग्रामीण और गरीब क्षेत्रों में इंटरनेट की पहुँच और डिजिटल साक्षरता की कमी से लोग सरकारी सेवाओं का पूरा लाभ नहीं उठा पाते। "तकनीकी और इंफ्रास्ट्रक्चर समस्याएँ":Read more
ई-शासन में पारदर्शिता, प्रभावशीलता और जवाबदेयता की बाधाएँ
निष्कर्ष: इन अपर्याप्तताओं को दूर करना आवश्यक है ताकि ई-शासन के द्वारा सरकार की प्रभावशीलता, पारदर्शिता, और जवाबदेही को बढ़ाया जा सके और नागरिकों को बेहतर सेवाएँ मिल सकें।
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