Home/upsc: dwitiya vishwa yudh
- Recent Questions
- Most Answered
- Answers
- No Answers
- Most Visited
- Most Voted
- Random
- Bump Question
- New Questions
- Sticky Questions
- Polls
- Followed Questions
- Favorite Questions
- Recent Questions With Time
- Most Answered With Time
- Answers With Time
- No Answers With Time
- Most Visited With Time
- Most Voted With Time
- Random With Time
- Bump Question With Time
- New Questions With Time
- Sticky Questions With Time
- Polls With Time
- Followed Questions With Time
- Favorite Questions With Time
द्वितीय विश्व युद्ध ने वैश्विक राजनीतिक ढांचे को किस प्रकार बदल दिया? इसके बाद की घटनाओं का मूल्यांकन करें।
द्वितीय विश्व युद्ध ने वैश्विक राजनीतिक ढांचे को गहराई से बदल दिया, और इसके बाद की घटनाओं ने नए अंतरराष्ट्रीय आदेश और वैश्विक संबंधों को आकार दिया। यहाँ इस बदलाव का विस्तृत विश्लेषण किया गया है: वैश्विक राजनीतिक ढांचे में बदलाव 1. संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना स्थापना और उद्देश्य: 1945 में द्वितीयRead more
द्वितीय विश्व युद्ध ने वैश्विक राजनीतिक ढांचे को गहराई से बदल दिया, और इसके बाद की घटनाओं ने नए अंतरराष्ट्रीय आदेश और वैश्विक संबंधों को आकार दिया। यहाँ इस बदलाव का विस्तृत विश्लेषण किया गया है:
वैश्विक राजनीतिक ढांचे में बदलाव
1. संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना
2. सुपरपावर का उदय
3. उपनिवेशवाद का अंत और स्वतंत्रता आंदोलन
4. यूरोप का पुनर्निर्माण और पश्चिमी सहयोग
5. नए सैन्य और सामरिक गठबंधन
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की प्रमुख घटनाएँ
1. कोरियाई युद्ध (1950-1953)
2. वियतनाम युद्ध (1955-1975)
3. शीत युद्ध का अंत (1989-1991)
4. वैश्विक आर्थिक सुधार
निष्कर्ष
द्वितीय विश्व युद्ध ने वैश्विक राजनीतिक ढांचे को गहराई से बदल दिया। इसके परिणामस्वरूप संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना, अमेरिका और सोवियत संघ का सुपरपावर बनना, उपनिवेशवाद का अंत, और नए सैन्य और सामरिक गठबंधनों का निर्माण हुआ। इन परिवर्तनों ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति, अर्थशास्त्र, और सामाजिक परिदृश्य को नया आकार दिया और शीत युद्ध की शुरुआत से लेकर वैश्विक आर्थिक सुधारों तक के प्रमुख घटनाक्रमों को प्रेरित किया।
See lessद्वितीय विश्व युद्ध के दौरान महान शक्तियों की रणनीतियों का क्या महत्व था? ये रणनीतियाँ युद्ध के परिणामों को कैसे प्रभावित करती थीं?
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान महान शक्तियों की रणनीतियाँ युद्ध के परिणाम को सीधे प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाईं। इन रणनीतियों ने सैन्य संघर्ष, कूटनीतिक समीकरण, और युद्ध की दिशा को निर्धारित किया। यहाँ प्रमुख शक्तियों की रणनीतियों और उनके प्रभाव का विश्लेषण किया गया है: महान शक्तियों की प्Read more
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान महान शक्तियों की रणनीतियाँ युद्ध के परिणाम को सीधे प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाईं। इन रणनीतियों ने सैन्य संघर्ष, कूटनीतिक समीकरण, और युद्ध की दिशा को निर्धारित किया। यहाँ प्रमुख शक्तियों की रणनीतियों और उनके प्रभाव का विश्लेषण किया गया है:
महान शक्तियों की प्रमुख रणनीतियाँ
1. जर्मनी की रणनीतियाँ
(i) ब्लिट्जक्रेग (Blitzkrieg)
(ii) पूर्वी मोर्चे पर आक्रमण
2. ब्रिटेन की रणनीतियाँ
(i) एयर डिफेंस (Air Defense)
(ii) आर्थिक नाकाबंदी (Economic Blockade)
3. अमेरिका की रणनीतियाँ
(i) “आर्क” युद्ध की रणनीति (Island Hopping)
(ii) यूरोपीय थियेटर में उत्थान (European Theater Involvement)
4. सोवियत संघ की रणनीतियाँ
(i) स्टालिनग्राद की लड़ाई (Battle of Stalingrad)
(ii) “लेंड-लीज़ प्रोग्राम” (Lend-Lease Program)
महान शक्तियों की रणनीतियों का प्रभाव
(i) सैन्य और रणनीतिक प्रभाव
(ii) आर्थिक प्रभाव
(iii) राजनीतिक और कूटनीतिक प्रभाव
निष्कर्ष
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान महान शक्तियों की रणनीतियों ने युद्ध के परिणामों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया। जर्मनी की आक्रामक नीतियाँ, ब्रिटेन की रक्षा रणनीतियाँ, अमेरिका की आक्रमण और सहयोग की नीतियाँ, और सोवियत संघ का प्रतिरोध ने युद्ध की दिशा और परिणाम को निर्धारित किया। इन रणनीतियों ने सैन्य, आर्थिक, और राजनीतिक परिदृश्यों को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
See lessद्वितीय विश्व युद्ध के मुख्य कारण क्या थे? इसके आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक पहलुओं का विश्लेषण करें।
द्वितीय विश्व युद्ध (1939-1945) के मुख्य कारणों का विश्लेषण करते समय, इसके आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक पहलुओं को समझना आवश्यक है। यह युद्ध 20वीं सदी के सबसे बड़े और विनाशकारी संघर्षों में से एक था, और इसके कारण विश्व के राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य पर गहरा प्रभाव पड़ा। द्वितीय विश्व युद्ध के मुख्य कRead more
द्वितीय विश्व युद्ध (1939-1945) के मुख्य कारणों का विश्लेषण करते समय, इसके आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक पहलुओं को समझना आवश्यक है। यह युद्ध 20वीं सदी के सबसे बड़े और विनाशकारी संघर्षों में से एक था, और इसके कारण विश्व के राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य पर गहरा प्रभाव पड़ा।
द्वितीय विश्व युद्ध के मुख्य कारण
(i) वैचारिक और राजनीतिक कारण
(ii) आर्थिक कारण
(iii) सामाजिक कारण
द्वितीय विश्व युद्ध के प्रभाव
(i) आर्थिक प्रभाव
(ii) सामाजिक प्रभाव
(iii) राजनीतिक प्रभाव
निष्कर्ष
द्वितीय विश्व युद्ध के मुख्य कारणों में वैचारिक, राजनीतिक, आर्थिक, और सामाजिक पहलू शामिल थे। वर्साय की संधि, फासीवादी और साम्यवाद विरोधी विचारधारा, महामंदी, और सामाजिक असंतोष ने युद्ध की स्थिति को जन्म दिया। इसके परिणामस्वरूप, वैश्विक राजनीति, अर्थव्यवस्था, और सामाजिक संरचनाओं में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए, जिसमें सुपर पावर की उपस्थिति, उपनिवेशवाद का अंत, और मानवाधिकारों की नई दिशा शामिल है।
See lessकिस सीमा तक जर्मनी को दो विश्व युद्धों का कारण बनने का जिम्मेदार ठहराया जा सकता है ? समालोचनात्मक चर्चा कीजिये। (200 words) [UPSC 2015]
जर्मनी की जिम्मेदारी: दो विश्व युद्धों का कारण बनने में जर्मनी को दो विश्व युद्धों के कारणों में जिम्मेदार ठहराने का प्रश्न जटिल और बहु-आयामी है। **1. पहला विश्व युद्ध (1914-1918) पहले विश्व युद्ध में जर्मनी की भूमिका महत्वपूर्ण लेकिन एकमात्र नहीं थी। जर्मनी ने ऑस्ट्रिया-हंगरी को गारंटी दी, जो आर्कडRead more
जर्मनी की जिम्मेदारी: दो विश्व युद्धों का कारण बनने में
जर्मनी को दो विश्व युद्धों के कारणों में जिम्मेदार ठहराने का प्रश्न जटिल और बहु-आयामी है।
**1. पहला विश्व युद्ध (1914-1918)
पहले विश्व युद्ध में जर्मनी की भूमिका महत्वपूर्ण लेकिन एकमात्र नहीं थी। जर्मनी ने ऑस्ट्रिया-हंगरी को गारंटी दी, जो आर्कड्यूक फ्रांज फर्डिनेंड की हत्या के बाद युद्ध की ओर ले गई। जर्मनी का श्लीफेन योजना, जो फ्रांस पर त्वरित आक्रमण का प्रस्ताव था, युद्ध को बढ़ाने में एक प्रमुख कारण था। हालांकि, यह युद्ध कई देशों की गठबंधनों और जटिल कूटनीतिक संघर्षों का परिणाम था।
**2. दूसरा विश्व युद्ध (1939-1945)
दूसरे विश्व युद्ध में जर्मनी की भूमिका अधिक प्रत्यक्ष थी। एडॉल्फ हिटलर की नेतृत्व में, जर्मनी ने आक्रामक विस्तारवादी नीतियों को अपनाया, जिसमें पोलैंड पर आक्रमण प्रमुख था, जिसने युद्ध को शुरू किया। हिटलर की नाज़ी विचारधारा और अधिकारी शासन ने युद्ध के दौरान व्यापक उत्पीड़न और नरसंहार को जन्म दिया।
**3. वर्तमान संदर्भ और विश्लेषण
हाल के विश्लेषण और ऐतिहासिक पुनरावलोकन से पता चलता है कि जबकि जर्मनी की भूमिका महत्वपूर्ण थी, युद्धों के कारण बहुपरकारी थे। वर्साय संधि की कठोर शर्तें और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति की विफलता ने जर्मनी में चरमपंथ और सैन्यवाद को बढ़ावा दिया।
अतः, जर्मनी को दोनों विश्व युद्धों के कारणों में प्रमुख माना जा सकता है, लेकिन इन युद्धों की जटिलता और अन्य वैश्विक शक्तियों की भूमिका भी महत्वपूर्ण है।
See less