भारत की आंतरिक सुरक्षा पर तस्करी और जालसाजी के प्रभावों की विवेचना कीजिए। हालिया दिनों में इनसे निपटने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं? (150 शब्दों में उत्तर दीजिए)
धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) में शेल कंपनियों का उपयोग करना एक सामान्य रणनीति है। शेल कंपनियां ऐसी फर्में होती हैं जिनके पास वास्तविक संचालन या गतिविधियां नहीं होती हैं, लेकिन कानूनी रूप से मौजूद रहती हैं। अपराधी इन कंपनियों का उपयोग संदिग्ध वित्तीय लेन-देन छिपाने, नकली लेन-देन करने और अपराध से अर्जित धRead more
धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) में शेल कंपनियों का उपयोग करना एक सामान्य रणनीति है। शेल कंपनियां ऐसी फर्में होती हैं जिनके पास वास्तविक संचालन या गतिविधियां नहीं होती हैं, लेकिन कानूनी रूप से मौजूद रहती हैं। अपराधी इन कंपनियों का उपयोग संदिग्ध वित्तीय लेन-देन छिपाने, नकली लेन-देन करने और अपराध से अर्जित धन को वैध दिखाने के लिए करते हैं। शेल कंपनियों के माध्यम से, वे धन को अलग-अलग खातों और देशों में ट्रांसफर कर सकते हैं, जिससे उसकी उत्पत्ति को छिपाना आसान हो जाता है।
शेल कंपनियों के उपयोग को रोकने के लिए उठाए गए कदम:
- कानूनी संशोधन: कई देशों ने शेल कंपनियों की पहचान और निगरानी के लिए कानूनों में सुधार किया है, जैसे कंपनी मालिकों की वास्तविक पहचान को सार्वजनिक करना।
- वित्तीय जांच: बैंकों और वित्तीय संस्थानों को संदेहास्पद लेन-देन की रिपोर्टिंग के लिए अनिवार्य किया गया है।
- अंतर्राष्ट्रीय सहयोग: देशों के बीच सहयोग और सूचना साझा करने की प्रणालियाँ स्थापित की गई हैं, जैसे कि वित्तीय क्राइम एग्ज़ीक्यूटिव टास्क फोर्स (FATF) की सिफारिशें।
इन कदमों के माध्यम से, शेल कंपनियों के माध्यम से धन शोधन को रोकने और वित्तीय प्रणाली की पारदर्शिता को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है।
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भारत की आंतरिक सुरक्षा पर तस्करी और जालसाजी का गंभीर प्रभाव पड़ता है। तस्करी, विशेष रूप से ड्रग्स, हथियार, और मानव तस्करी, अपराधियों को धन और संसाधन प्रदान करती है, जो सुरक्षा और कानून व्यवस्था को कमजोर करती है। जालसाजी, जैसे कि फर्जी दस्तावेज और वित्तीय धोखाधड़ी, आर्थिक प्रणाली में अस्थिरता उत्पन्नRead more
भारत की आंतरिक सुरक्षा पर तस्करी और जालसाजी का गंभीर प्रभाव पड़ता है। तस्करी, विशेष रूप से ड्रग्स, हथियार, और मानव तस्करी, अपराधियों को धन और संसाधन प्रदान करती है, जो सुरक्षा और कानून व्यवस्था को कमजोर करती है। जालसाजी, जैसे कि फर्जी दस्तावेज और वित्तीय धोखाधड़ी, आर्थिक प्रणाली में अस्थिरता उत्पन्न करती है और नागरिकों की सुरक्षा को खतरे में डालती है।
हालिया कदम:
इन प्रयासों के माध्यम से भारत ने आंतरिक सुरक्षा को सुदृढ़ करने और अपराध को नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाए हैं।
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