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विचार करते हुए कि साइबरस्पेस देश के लिए खतरा प्रस्तुत करता है, भारत को ऐसे अपराधों को रोकने के लिए एक "डिजिटल सशस्त्र बल” की आवश्यकता है। राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति, 2013 के प्रभावी कार्यान्वयन में दिखाई देने वाली चुनौतियों की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए, इस नीति का समालोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए । (200 words) [UPSC 2015]
राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति, 2013: समालोचनात्मक मूल्यांकन और चुनौतियाँ 1. पृष्ठभूमि: साइबरस्पेस पर खतरे: भारत में डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर की वृद्धि के साथ, साइबर हमलों, डेटा उल्लंघनों, और सूचना सुरक्षा की समस्याएँ बढ़ गई हैं। राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति, 2013 का उद्देश्य इन खतरों से निपटने के लिएRead more
राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति, 2013: समालोचनात्मक मूल्यांकन और चुनौतियाँ
1. पृष्ठभूमि:
2. नीति के प्रमुख उद्देश्य:
3. प्रभावी कार्यान्वयन में चुनौतियाँ:
a. संरचनात्मक और संसाधन संबंधी बाधाएँ:
b. कानूनी और विनियामक चुनौतियाँ:
c. प्रौद्योगिकी और मानव संसाधन की कमी:
d. बदलते साइबर खतरों का सामना:
4. सुधार के सुझाव:
a. संसाधन और संरचनात्मक सुधार:
b. कानूनी सुधार:
c. क्षमता निर्माण:
d. अनुसंधान और विकास:
निष्कर्ष: राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति, 2013 एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन इसके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए संरचनात्मक, कानूनी, और प्रौद्योगिकी से संबंधित चुनौतियों का समाधान आवश्यक है। इन चुनौतियों को दूर करने के लिए संसाधनों और रणनीतियों में सुधार और अद्यतन किए जाने चाहिए।
See lessसाईबर आक्रमण के सम्भावित खतरों की एवम् इन्हें रोकने के लिए सुरक्षा ढांचे की विवेचना कीजिए । (150 words) [UPSC 2017]
साइबर आक्रमण के संभावित खतरे और सुरक्षा ढांचा **1. साइबर आक्रमण के संभावित खतरे: **1. डेटा उल्लंघन: संवेदनशील जानकारी की खुलासा: साइबर आक्रमण से व्यक्तिगत पहचान विवरण, वित्तीय रिकॉर्ड और बौद्धिक संपत्ति जैसी संवेदनशील जानकारी उजागर हो सकती है। उदाहरण के लिए, 2020 में फेसबुक डेटा उल्लंघन ने 53 करोड़Read more
साइबर आक्रमण के संभावित खतरे और सुरक्षा ढांचा
**1. साइबर आक्रमण के संभावित खतरे:
**1. डेटा उल्लंघन:
**2. रैंसमवेयर हमले:
**3. सेवा में विघ्न:
**2. सुरक्षा ढांचा:
**1. उन्नत खतरा पहचान प्रणाली:
**2. नियमित सॉफ़्टवेयर अपडेट और पैचिंग:
**3. कर्मचारी प्रशिक्षण और जागरूकता:
**4. मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (MFA):
हालिया उदाहरण:
निष्कर्ष:
अंकीयकृत (डिजिटाइन्ड) दुनिया में बढ़ते हुए साइबर अपराधों के कारण डाटा सुरक्षा का महत्त्व बहुत बढ़ गया है। जस्टिस बी० एन० श्रीकृष्णा समिति रिपोर्ट में डाटा की सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर सोच-विचार किया गया है। आपके विचार में साइबर स्पेस में निजी डाटा की सुरक्षा से संबंधित इस रिपोर्ट की खूबियाँ और खामियाँ क्या-क्या है? (250 words) [UPSC 2018]
साइबर स्पेस में निजी डाटा की सुरक्षा पर जस्टिस बी. एन. श्रीकृष्णा समिति रिपोर्ट की खूबियाँ और खामियाँ खूबियाँ: व्यापक डेटा सुरक्षा ढांचा: रिपोर्ट ने व्यापक और मजबूत डेटा सुरक्षा ढांचा पेश किया है, जिसमें डेटा संग्रहण, प्रसंस्करण, और उपयोग के मानक और दिशा-निर्देश शामिल हैं। डेटा संरक्षण विधेयक का मसौRead more
साइबर स्पेस में निजी डाटा की सुरक्षा पर जस्टिस बी. एन. श्रीकृष्णा समिति रिपोर्ट की खूबियाँ और खामियाँ
खूबियाँ:
खामियाँ:
निष्कर्ष: जस्टिस बी. एन. श्रीकृष्णा समिति की रिपोर्ट ने भारत में डेटा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, लेकिन इसके कार्यान्वयन और अनुपालन को लेकर कुछ चुनौतियाँ भी हैं। रिपोर्ट का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करना आवश्यक है ताकि भारतीय नागरिकों के व्यक्तिगत डेटा की रक्षा की जा सके।
See lessसाइबरडोम परियोजना क्या है? स्पष्ट कीजिए कि भारत में इंटरनेट अपराधों को नियंत्रित करने में यह किस प्रकार उपयोगी हो सकता है। (150 words) [UPSC 2019]
साइबरडोम परियोजना 1. परियोजना का विवरण: साइबरडोम एक सुरक्षा समाधान है, जिसे केरल पुलिस ने विकसित किया है। इसका उद्देश्य साइबर अपराध और इंटरनेट सुरक्षा के क्षेत्र में समन्वय और संगठित प्रयास को बढ़ावा देना है। यह परियोजना साइबर अपराधों के विश्लेषण, रिस्पांस और प्रिवेंशन के लिए एकीकृत मंच प्रदान करतीRead more
साइबरडोम परियोजना
1. परियोजना का विवरण:
2. इंटरनेट अपराधों पर प्रभाव:
3. हाल के उदाहरण:
साइबरडोम भारत में साइबर अपराध को नियंत्रित करने और सुरक्षा में सुधार लाने के लिए प्रभावी उपकरण के रूप में उभर रहा है।
See lessसाइबर अपराध के विभिन्न प्रकारों और इस खतरे से लड़ने के आवश्यक उपायों की विवेचना कीजिए। (150 words) [UPSC 2020]
साइबर अपराध के विभिन्न प्रकार फिशिंग (Phishing): उदाहरण: "ईमेल स्कैम्स" - धोखाधड़ी वाले ईमेल, जैसे "सावधान रहें – आपका बैंक खाता खतरे में है", जो व्यक्तिगत जानकारी चुराने का प्रयास करते हैं। रैंसमवेयर (Ransomware): उदाहरण: "WannaCry" - एक रैंसमवेयर हमला जिसने दुनियाभर में हजारों कंप्यूटरों को लॉक करRead more
साइबर अपराध के विभिन्न प्रकार
साइबर अपराध से लड़ने के आवश्यक उपाय
इन उपायों से साइबर अपराध की रोकथाम और नियंत्रण संभव है, जिससे डिजिटल सुरक्षा में सुधार होता है।
See lessभारत की आन्तरिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, सीमा पार से होने वाले साइबर हमलों के प्रभाव का विश्लेषण कीजिए। साथ ही, इन परिष्कृत हमलों के विरुद्ध रक्षात्मक उपायों की चर्चा कीजिए । (150 words) [UPSC 2021]
सीमा पार से होने वाले साइबर हमलों का भारत की आन्तरिक सुरक्षा पर प्रभाव आन्तरिक सुरक्षा पर प्रभाव: सीमा पार से साइबर हमले महत्वपूर्ण अवसंरचना जैसे ऊर्जा ग्रिड और संचार नेटवर्क को बाधित कर सकते हैं, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा होता है। उदाहरण के लिए, 2020 में मुंबई के पावर ग्रिड पर हुआ साइबर हमला,Read more
सीमा पार से होने वाले साइबर हमलों का भारत की आन्तरिक सुरक्षा पर प्रभाव
आन्तरिक सुरक्षा पर प्रभाव: सीमा पार से साइबर हमले महत्वपूर्ण अवसंरचना जैसे ऊर्जा ग्रिड और संचार नेटवर्क को बाधित कर सकते हैं, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा होता है। उदाहरण के लिए, 2020 में मुंबई के पावर ग्रिड पर हुआ साइबर हमला, जो राज्य-प्रायोजित समझा जाता है, ने बड़े पैमाने पर ब्लैकआउट किया और सुरक्षा खामियों को उजागर किया। इसके अलावा, साइबर जासूसी जो सरकारी और रक्षा संस्थानों को लक्षित करती है, संवेदनशील जानकारी को जोखिम में डालती है।
परिष्कृत साइबर हमलों के विरुद्ध रक्षात्मक उपाय
साइबर सुरक्षा ढांचे को मजबूत करना: भारत को एक ठोस साइबर सुरक्षा नीति विकसित करनी चाहिए और महत्वपूर्ण अवसंरचना सुरक्षा को बढ़ाना चाहिए। राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति 2023 इन सुरक्षा उपायों को मजबूत करने का लक्ष्य रखती है।
अंतर्राष्ट्रीय सहयोग: ग्लोबल फोरम ऑन साइबर एक्सपर्टाइज (GFCE) और द्विपक्षीय समझौतों के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों के साथ सहयोग करना, खतरों की जानकारी और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने में मदद कर सकता है।
उन्नत प्रौद्योगिकियाँ: AI और मशीन लर्निंग का उपयोग कर खतरे का पता लगाने और नियमित सुरक्षा ऑडिट्स करने से साइबर खतरों का पूर्वानुमान और प्रतिक्रिया क्षमता में सुधार हो सकता है।
इन उपायों को अपनाकर सीमा पार से होने वाले साइबर हमलों के प्रभाव को कम किया जा सकता है और आन्तरिक सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सकता है।
See lessसाइबर सुरक्षा के विभिन्न तत्त्व क्या हैं ? साइबर सुरक्षा की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए समीक्षा कीजिए कि भारत ने किस हद तक एक व्यापक राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति सफलतापूर्वक विकसित की है। (250 words) [UPSC 2022]
साइबर सुरक्षा के तत्त्व और भारत की राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति **1. साइबर सुरक्षा के तत्त्व: प्रवेश नियंत्रण: यह प्रणाली सुनिश्चित करती है कि केवल अधिकृत व्यक्ति ही नेटवर्क और डेटा तक पहुँच प्राप्त कर सकें। उदाहरण के लिए, मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (MFA) का उपयोग किया जाता है। डेटा एन्क्रिप्शन: संवेRead more
साइबर सुरक्षा के तत्त्व और भारत की राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति
**1. साइबर सुरक्षा के तत्त्व:
**2. भारत की राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति:
निष्कर्ष: भारत ने साइबर सुरक्षा के विभिन्न तत्त्वों को ध्यान में रखते हुए एक ठोस राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति तैयार की है, लेकिन साइबर खतरे के विकसित होते परिदृश्य के साथ-साथ, निरंतर उन्नति और सुधार की आवश्यकता है।
See lessकृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) में होने वाली प्रगति से राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से अवसरों के साथ-साथ चुनौतियों में भी वृद्धि होगी। भारत के संदर्भ में चर्चा कीजिए। (250 शब्दों में उत्तर दीजिए)
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और राष्ट्रीय सुरक्षा: भारत के संदर्भ में अवसर और चुनौतियाँ कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के क्षेत्र में हो रही प्रगति राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण अवसर और चुनौतियाँ दोनों प्रस्तुत करती है। भारत में, AI का उपयोग सुरक्षा प्रबंधन और रक्षा प्रणाली को समृद्ध करने के साRead more
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और राष्ट्रीय सुरक्षा: भारत के संदर्भ में अवसर और चुनौतियाँ
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के क्षेत्र में हो रही प्रगति राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण अवसर और चुनौतियाँ दोनों प्रस्तुत करती है। भारत में, AI का उपयोग सुरक्षा प्रबंधन और रक्षा प्रणाली को समृद्ध करने के साथ-साथ कई नए खतरों को भी जन्म दे रहा है।
अवसर:
चुनौतियाँ:
निष्कर्ष:
AI में प्रगति भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा पर एक महत्वपूर्ण प्रभाव डालती है। इसके अवसरों का सही उपयोग और चुनौतियों का प्रभावी समाधान करने के लिए एक संतुलित और सुविचारित रणनीति की आवश्यकता है। AI को सुरक्षा के दृष्टिकोण से मजबूत और सुसंगठित ढंग से लागू करके भारत एक सुरक्षित और तकनीकी रूप से सक्षम भविष्य की ओर अग्रसर हो सकता है।
See lessअदृश्य युद्ध (इनविजिबल वारफेयर) से आप क्या समझते हैं? भारत की सुरक्षा के समक्ष इससे उत्पन्न होने वाली चुनौतियों पर चर्चा कीजिए और इस संबंध में उठाए गए कदमों का उल्लेख कीजिए। (250 शब्दों में उत्तर दीजिए)
अदृश्य युद्ध (इनविजिबल वारफेयर) से तात्पर्य उन प्रकार के संघर्षों से है जो पारंपरिक सैन्य टकराव की बजाय गैर-संवैधानिक और अनदेखे तरीकों से लड़े जाते हैं। इसमें साइबर हमले, सूचना युद्ध, मनोवैज्ञानिक ऑपरेशंस, और अन्य अनपरंपरागत रणनीतियाँ शामिल होती हैं जो प्रत्यक्ष शारीरिक टकराव से परे होती हैं। भारत कRead more
अदृश्य युद्ध (इनविजिबल वारफेयर) से तात्पर्य उन प्रकार के संघर्षों से है जो पारंपरिक सैन्य टकराव की बजाय गैर-संवैधानिक और अनदेखे तरीकों से लड़े जाते हैं। इसमें साइबर हमले, सूचना युद्ध, मनोवैज्ञानिक ऑपरेशंस, और अन्य अनपरंपरागत रणनीतियाँ शामिल होती हैं जो प्रत्यक्ष शारीरिक टकराव से परे होती हैं।
भारत की सुरक्षा के समक्ष चुनौतियाँ:
उठाए गए कदम:
इन प्रयासों से भारत अदृश्य युद्ध की चुनौतियों का सामना कर रहा है और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में कदम उठा रहा है।
See lessकिसी देश की आर्थिक सुदृढ़ता और राष्ट्रीय सुरक्षा एक स्थिर, सुरक्षित और लचीले साइबरस्पेस पर निर्भर करती है। इस संदर्भ में, भारत की राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति को मजबूत और प्रभावी बनाने की आवश्यकता का विश्लेषण कीजिए। साथ ही, बढ़ते साइबर खतरों और जासूसी से निपटने हेतु सरकार द्वारा उठाए जाने वाले आवश्यक उपायों का सुझाव दीजिए। (250 शब्दों में उत्तर दीजिए)
किसी देश की आर्थिक सुदृढ़ता और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए साइबरस्पेस का सुरक्षित और स्थिर होना अत्यंत महत्वपूर्ण है। भारत जैसे डिजिटल रूप से उभरते राष्ट्र के लिए, जहां डिजिटल लेनदेन, सरकारी सेवाएं, और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा तेजी से साइबरस्पेस पर निर्भर हो रहे हैं, राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति कोRead more
किसी देश की आर्थिक सुदृढ़ता और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए साइबरस्पेस का सुरक्षित और स्थिर होना अत्यंत महत्वपूर्ण है। भारत जैसे डिजिटल रूप से उभरते राष्ट्र के लिए, जहां डिजिटल लेनदेन, सरकारी सेवाएं, और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा तेजी से साइबरस्पेस पर निर्भर हो रहे हैं, राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा रणनीति को मजबूत करना समय की मांग है।
भारत में बढ़ते साइबर खतरों में राज्य-प्रायोजित जासूसी, हैकिंग, साइबर आतंकवाद, और डेटा चोरी शामिल हैं। इन खतरों का सामना करने के लिए भारत को अपनी साइबर सुरक्षा रणनीति को व्यापक और प्रभावी बनाना आवश्यक है। इस रणनीति में साइबर सुरक्षा के कानूनी और नीतिगत ढांचे को मजबूत करने, सुरक्षा मानकों को लागू करने, और साइबर अपराधों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के साथ ही प्रभावी साइबर निगरानी और खुफिया तंत्र की आवश्यकता है।
बढ़ते साइबर खतरों से निपटने के लिए सरकार को कुछ आवश्यक उपाय उठाने चाहिए। सबसे पहले, साइबर सुरक्षा एजेंसियों और पुलिस को उन्नत प्रशिक्षण और उपकरण प्रदान किए जाने चाहिए। इसके अलावा, साइबर खतरों की त्वरित पहचान और प्रतिक्रिया के लिए एक मजबूत साइबर सुरक्षा संचालन केंद्र (SOC) की स्थापना की जानी चाहिए। सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना और साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना भी महत्वपूर्ण है।
साइबर सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए डेटा एन्क्रिप्शन, मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन, और नियमित सुरक्षा ऑडिट जैसी तकनीकी उपायों को भी अपनाना आवश्यक है। इसके साथ ही, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग और सूचना साझा करने की प्रक्रिया को मजबूत करना भी साइबर खतरों से निपटने में सहायक हो सकता है।
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