उस नैतिकता अथवा नैतिक आदर्श, जिसको आप अंगीकार करते हैं, से समझौता किए बिना क्या भावनात्मक बुद्धि अंतरात्मा के संकट की स्थिति से उबरने में सहायता करती है? आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए। (150 words) [UPSC 2021]
वर्तमान वैश्वीकृत और सांस्कृतिक विविधता से भरी दुनिया में, प्रभावी नेतृत्व के लिए भावनात्मक बुद्धिमत्ता (EI) के साथ-साथ सांस्कृतिक बुद्धिमत्ता (CQ) का होना आवश्यक है। जबकि EI दूसरों की भावनाओं को समझने और नियंत्रित करने में मदद करती है, CQ विभिन्न सांस्कृतिक पृष्ठभूमियों और दृष्टिकोणों को समझने और उRead more
वर्तमान वैश्वीकृत और सांस्कृतिक विविधता से भरी दुनिया में, प्रभावी नेतृत्व के लिए भावनात्मक बुद्धिमत्ता (EI) के साथ-साथ सांस्कृतिक बुद्धिमत्ता (CQ) का होना आवश्यक है। जबकि EI दूसरों की भावनाओं को समझने और नियंत्रित करने में मदद करती है, CQ विभिन्न सांस्कृतिक पृष्ठभूमियों और दृष्टिकोणों को समझने और उन पर सही प्रतिक्रिया देने में सहायक होती है।
उदाहरण के तौर पर, वैश्विक कंपनियों के CEO जैसे सत्या नडेला (Microsoft) ने सांस्कृतिक बुद्धिमत्ता का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया। नडेला ने माइक्रोसॉफ्ट की संस्कृति को बदलते हुए विविधता और समावेशन को प्राथमिकता दी, जिससे कंपनी की वैश्विक सफलता में सुधार हुआ। उन्होंने विभिन्न सांस्कृतिक पृष्ठभूमियों वाले कर्मचारियों को समझने और उनके साथ प्रभावी ढंग से संवाद स्थापित करने के लिए सांस्कृतिक बुद्धिमत्ता का उपयोग किया।
इस प्रकार, सांस्कृतिक बुद्धिमत्ता केवल विभिन्न सांस्कृतिक समूहों के साथ काम करने में मदद करती है, बल्कि वैश्विक नेतृत्व में सफलता सुनिश्चित करती है।
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भावनात्मक बुद्धि (Emotional Intelligence, EI) नैतिकता और नैतिक आदर्शों के अनुरूप व्यवहार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। EI व्यक्ति को अपनी भावनाओं को समझने, नियंत्रित करने और दूसरों के भावनात्मक संकेतों को पहचानने की क्षमता प्रदान करती है। जब व्यक्ति अपने नैतिक आदर्शों से समझौता किए बिना किसीRead more
भावनात्मक बुद्धि (Emotional Intelligence, EI) नैतिकता और नैतिक आदर्शों के अनुरूप व्यवहार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। EI व्यक्ति को अपनी भावनाओं को समझने, नियंत्रित करने और दूसरों के भावनात्मक संकेतों को पहचानने की क्षमता प्रदान करती है। जब व्यक्ति अपने नैतिक आदर्शों से समझौता किए बिना किसी संकट का सामना करता है, तो EI उसकी मदद करती है।
सहायता के पहलू:
आलोचनात्मक दृष्टिकोण:
हालांकि EI महत्वपूर्ण है, लेकिन कभी-कभी भावनात्मक प्रतिक्रियाएँ व्यक्ति को नैतिकता से भटकाने का कारण भी बन सकती हैं। ऐसे में, केवल EI पर निर्भर रहना उचित नहीं है। नैतिक निर्णय लेने के लिए तर्क और विश्लेषण भी आवश्यक हैं। इस प्रकार, EI नैतिक आदर्शों के साथ संतुलन बनाए रखने में सहायक हो सकती है, लेकिन यह एकमात्र समाधान नहीं है।
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