भारत में अंतर्देशीय जल परिवहन की समस्याओं एवं सम्भावनाओं को गिनाइए। (200 words) [UPSC 2016]
भारत का एनीमेशन और VFX (विजुअल इफेक्ट्स) उद्योग तेजी से विकसित हो रहा है, और इसके पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं: बढ़ती मांग: भारत में मनोरंजन और मीडिया क्षेत्र में बढ़ती मांग, विशेष रूप से फ़िल्मों, वेब सीरीज, और विज्ञापन के लिए उच्च गुणवत्ता वाले एनीमेशन और VFX की आवश्यकता को बढ़ा रही है। तकनीकी उन्नRead more
भारत का एनीमेशन और VFX (विजुअल इफेक्ट्स) उद्योग तेजी से विकसित हो रहा है, और इसके पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं:
- बढ़ती मांग: भारत में मनोरंजन और मीडिया क्षेत्र में बढ़ती मांग, विशेष रूप से फ़िल्मों, वेब सीरीज, और विज्ञापन के लिए उच्च गुणवत्ता वाले एनीमेशन और VFX की आवश्यकता को बढ़ा रही है।
- तकनीकी उन्नति: नई तकनीकें और सॉफ्टवेयर ने एनीमेशन और VFX में क्रांतिकारी बदलाव लाया है, जिससे भारतीय स्टूडियो उच्च गुणवत्ता के प्रोजेक्ट्स पर काम कर सकते हैं।
- सस्ती लागत: भारत में तकनीकी पेशेवरों की लागत अपेक्षाकृत कम है, जो अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों के लिए आकर्षक बनाती है।
- सरकारी प्रोत्साहन: सरकार की नीतियां और प्रोत्साहन, जैसे टैक्स छूट और सब्सिडी, उद्योग के विकास को समर्थन प्रदान कर रही हैं।
- टैलेंट पूल: देश में प्रशिक्षित और कुशल एनीमेशन और VFX कलाकारों की बढ़ती संख्या इस उद्योग को बढ़ावा दे रही है।
ये सभी कारक मिलकर भारत को एनीमेशन और VFX उद्योग के क्षेत्र में एक प्रमुख वैश्विक खिलाड़ी बना रहे हैं।
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भारत में अंतर्देशीय जल परिवहन (Inland Water Transport) की अपार संभावनाएँ हैं, लेकिन यह क्षेत्र कई समस्याओं का सामना कर रहा है, जो इसके विकास को बाधित करती हैं। समस्याएँ: अपर्याप्त बुनियादी ढाँचा: अधिकांश नदियों में जलमार्ग के लिए आवश्यक आधारभूत संरचना, जैसे कि बंदरगाह, टर्मिनल, और नेविगेशन सुविधाएँ,Read more
भारत में अंतर्देशीय जल परिवहन (Inland Water Transport) की अपार संभावनाएँ हैं, लेकिन यह क्षेत्र कई समस्याओं का सामना कर रहा है, जो इसके विकास को बाधित करती हैं।
समस्याएँ:
अपर्याप्त बुनियादी ढाँचा: अधिकांश नदियों में जलमार्ग के लिए आवश्यक आधारभूत संरचना, जैसे कि बंदरगाह, टर्मिनल, और नेविगेशन सुविधाएँ, की कमी है। यह वाहनों के निर्बाध संचालन में बाधा उत्पन्न करता है।
सभी मौसमों में नेविगेशन की कमी: कई नदियों में जलस्तर का उतार-चढ़ाव वर्ष भर बना रहता है, जिससे जलमार्ग का उपयोग सीमित हो जाता है। मानसून के दौरान जलस्तर अधिक होता है, जबकि गर्मियों में जलस्तर गिर जाता है।
धीमी गति: अंतर्देशीय जल परिवहन की गति धीमी होती है, जिससे यह समय-संवेदनशील वस्तुओं के परिवहन के लिए कम उपयुक्त होता है।
प्रदूषण और अतिक्रमण: नदियों में प्रदूषण और अवैध निर्माण से जलमार्ग संकीर्ण हो जाते हैं, जिससे नेविगेशन कठिन हो जाता है।
कम निवेश और सरकारी समर्थन: इस क्षेत्र में निवेश की कमी और सरकारी नीतियों में प्राथमिकता की कमी भी इसके विकास को बाधित करती है।
सम्भावनाएँ:
पर्यावरण के अनुकूल: जल परिवहन ईंधन-कुशल और पर्यावरण के लिए कम हानिकारक है, जिससे यह एक हरित (ग्रीन) विकल्प है।
कम लागत: सड़क और रेल परिवहन की तुलना में जल परिवहन की परिचालन लागत कम होती है, जिससे भारी और बल्क वस्तुओं के परिवहन के लिए यह एक सस्ता विकल्प है।
कनेक्टिविटी में सुधार: भारत की प्रमुख नदियाँ बड़े शहरों, बंदरगाहों और ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ती हैं। जलमार्गों के विकास से इन क्षेत्रों के बीच कनेक्टिविटी और व्यापार में वृद्धि हो सकती है।
पर्यटन विकास: नदियों और जलमार्गों के बेहतर उपयोग से पर्यटन उद्योग को भी बढ़ावा मिल सकता है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ होगा।
मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट: जलमार्गों को सड़कों और रेल नेटवर्क से जोड़कर मल्टीमॉडल परिवहन प्रणाली विकसित की जा सकती है, जिससे भारत के परिवहन क्षेत्र की दक्षता में वृद्धि होगी।
समग्र रूप से, अगर समस्याओं का समाधान किया जाए और बुनियादी ढाँचे में सुधार हो, तो अंतर्देशीय जल परिवहन भारत के परिवहन नेटवर्क में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।
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