भूमि अर्जन, पुनरुद्धार और पुनर्वासन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013 पहली जनवरी, 2014 से प्रभावी हो गया है। इस अधिनियम के लागू होने से कौन-से महत्त्वपूर्ण मुद्दों का समाधान निकलेगा? भारत में उद्योगीकरण और कृषि पर ...
भूमि तक पहुंच और प्रभावी नियंत्रण का महत्व: भारत में समावेशी विकास और निर्धनता उन्मूलन के लिए भूमि तक पहुंच और प्रभावी नियंत्रण अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। भूमि संसाधन न केवल कृषि के लिए आवश्यक हैं बल्कि आवास, उद्योग और अन्य विकासात्मक गतिविधियों के लिए भी जरूरी हैं। निर्धन परिवारों और वंचित समुदायों केRead more
भूमि तक पहुंच और प्रभावी नियंत्रण का महत्व:
भारत में समावेशी विकास और निर्धनता उन्मूलन के लिए भूमि तक पहुंच और प्रभावी नियंत्रण अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। भूमि संसाधन न केवल कृषि के लिए आवश्यक हैं बल्कि आवास, उद्योग और अन्य विकासात्मक गतिविधियों के लिए भी जरूरी हैं। निर्धन परिवारों और वंचित समुदायों के लिए भूमि की उपलब्धता और नियंत्रण न केवल उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार करता है बल्कि सामाजिक न्याय भी सुनिश्चित करता है। भूमि पर अधिकार से गरीबों को आत्मनिर्भरता मिलती है और वे अपनी आजीविका सुधार सकते हैं।
हाल के भूमि सुधार उपाय:
प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY): यह योजना गरीबों को किफायती आवास उपलब्ध कराने पर केंद्रित है। इसके तहत, भूमि और आवास दोनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
भूमि रिकॉर्ड डिजिटलाइजेशन: भूमि रिकॉर्ड को डिजिटल रूप में संजोने के लिए ‘स्वामित्व योजना’ और ‘भूमि अभिलेखों का डिजिटलीकरण’ जैसे उपाय अपनाए गए हैं। इससे भूमि स्वामित्व की पारदर्शिता बढ़ी है और भ्रष्टाचार की संभावना कम हुई है।
कृषि भूमि सुधार: कृषि भूमि की बंटवारा और भूमिहीन किसानों को भूमि का वितरण बढ़ाने के लिए कई राज्य सरकारों ने भूमि सुधार कानून लागू किए हैं। इन सुधारों के तहत, भूमि के बंटवारे और पुनर्वितरण की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया गया है।
न्यायसंगत भूमि वितरण: भूमिहीन किसान और आदिवासी समुदायों को भूमि का अधिकार देने के लिए विशेष कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जैसे कि ‘भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन कानून’, जो न्यायसंगत और पारदर्शी तरीके से भूमि का पुनर्वितरण सुनिश्चित करता है।
ये उपाय समावेशी विकास के लिए आवश्यक हैं क्योंकि ये वंचित वर्गों को सशक्त बनाते हैं और उनकी जीवनस्तर में सुधार करते हैं। प्रभावी भूमि प्रबंधन और वितरण न केवल सामाजिक और आर्थिक सुधारों की दिशा में कदम बढ़ाते हैं बल्कि विकास की समावेशिता को भी बढ़ावा देते हैं।
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भूमि अर्जन, पुनरुद्धार और पुनर्वासन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013: समाधान और प्रभाव परिचय भूमि अर्जन, पुनरुद्धार और पुनर्वासन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013 (RFCTLARR अधिनियम) 1 जनवरी, 2014 से लागू हुआ। यह अधिनियम भूमि अर्जन, मुआवजा, और पुनर्वासन से सRead more
भूमि अर्जन, पुनरुद्धार और पुनर्वासन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013: समाधान और प्रभाव
परिचय भूमि अर्जन, पुनरुद्धार और पुनर्वासन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013 (RFCTLARR अधिनियम) 1 जनवरी, 2014 से लागू हुआ। यह अधिनियम भूमि अर्जन, मुआवजा, और पुनर्वासन से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित करता है।
महत्त्वपूर्ण मुद्दों का समाधान
उद्योगीकरण और कृषि पर प्रभाव
निष्कर्ष RFCTLARR अधिनियम, 2013 उचित मुआवजा, पारदर्शिता, और व्यापक पुनर्वासन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। जबकि यह भूमि मालिकों के अधिकारों की रक्षा करता है, यह उद्योगीकरण की गति और कृषि भूमि के उपयोग को प्रभावित कर सकता है।
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