उत्तर प्रदेश में पर्यटन की बृहत्तर संभावनाओं पर प्रकाश डालिए । (125 Words) [UPPSC 2023]
उत्तर प्रदेश के वन्यजीव पारिस्थितिकी पर्यटन सर्किटों की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं: दुधवा राष्ट्रीय उद्यान: लखीमपुर खीरी जिले में स्थित, यह पार्क बाघ, एक सींग वाले गैंडे, और विभिन्न पक्षियों की प्रजातियों के लिए प्रसिद्ध है। यह जैव विविधता और आदिवासी सांस्कृतिक अनुभव प्रदान करता है। राजाजी राष्Read more
उत्तर प्रदेश के वन्यजीव पारिस्थितिकी पर्यटन सर्किटों की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
- दुधवा राष्ट्रीय उद्यान: लखीमपुर खीरी जिले में स्थित, यह पार्क बाघ, एक सींग वाले गैंडे, और विभिन्न पक्षियों की प्रजातियों के लिए प्रसिद्ध है। यह जैव विविधता और आदिवासी सांस्कृतिक अनुभव प्रदान करता है।
- राजाजी राष्ट्रीय उद्यान: देहरादून, हरिद्वार, और पौड़ी गढ़वाल जिलों में फैला हुआ, यह पार्क एशियाई हाथियों, बाघों और विविध वनस्पतियों का घर है। यहाँ की हरी-भरी घाटियाँ और नदियाँ पर्यटकों को आकर्षित करती हैं।
- सर्सई नवाब पक्षी अभयारण्य: इटावा जिले में स्थित, यह स्थल प्रवासी पक्षियों के लिए महत्वपूर्ण है, विशेषकर सर्दियों के मौसम में।
- कैमूर वन्यजीव अभयारण्य: कैमूर पर्वत श्रृंखला में स्थित, यह क्षेत्र अपनी ऊबड़-खाबड़ ज़मीन और विभिन्न वन्य जीवों के लिए जाना जाता है।
ये सर्किट पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देते हैं और वन्यजीवों के जीवन का निकट से अनुभव प्रदान करते हैं।
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उत्तर प्रदेश में पर्यटन की बृहत्तर संभावनाएँ 1. ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर: उत्तर प्रदेश के पास ताज महल, आगरा किला और फतेहपुर सीकरी जैसे विश्व धरोहर स्थल हैं। इन ऐतिहासिक स्थलों को संवर्धन और सांस्कृतिक पर्यटन के माध्यम से विकसित किया जा सकता है। 2. धार्मिक पर्यटन: वाराणसी, अयोध्या, और मथुरा जैसेRead more
उत्तर प्रदेश में पर्यटन की बृहत्तर संभावनाएँ
1. ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर: उत्तर प्रदेश के पास ताज महल, आगरा किला और फतेहपुर सीकरी जैसे विश्व धरोहर स्थल हैं। इन ऐतिहासिक स्थलों को संवर्धन और सांस्कृतिक पर्यटन के माध्यम से विकसित किया जा सकता है।
2. धार्मिक पर्यटन: वाराणसी, अयोध्या, और मथुरा जैसे प्रमुख धार्मिक स्थल यहाँ स्थित हैं। यात्रा सर्किट और धार्मिक समारोहों के आयोजन से धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सकता है।
3. ईको-टूरिज़्म और प्राकृतिक सुंदरता: सिद्धार्थनगर, दुधवा नेशनल पार्क, और यमुना नदी के किनारे ईको-टूरिज़्म और वन्यजीव सफारी के अवसर हैं। प्राकृतिक ट्रेल्स और अवसाद पर्यटन की संभावनाएँ हैं।
4. ग्रामीण पर्यटन: पारंपरिक गांवों और कृषि प्रथाओं के माध्यम से ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सकता है। फार्म स्टे और स्थानीय शिल्प मेले जैसे प्रयास इसकी वृद्धि में सहायक हो सकते हैं।
इस प्रकार, उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक, धार्मिक, प्राकृतिक और ग्रामीण संपत्तियाँ पर्यटन की बृहत्तर संभावनाएँ प्रस्तुत करती हैं।
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