Home/uppsc: shasan me imandari
- Recent Questions
- Most Answered
- Answers
- No Answers
- Most Visited
- Most Voted
- Random
- Bump Question
- New Questions
- Sticky Questions
- Polls
- Followed Questions
- Favorite Questions
- Recent Questions With Time
- Most Answered With Time
- Answers With Time
- No Answers With Time
- Most Visited With Time
- Most Voted With Time
- Random With Time
- Bump Question With Time
- New Questions With Time
- Sticky Questions With Time
- Polls With Time
- Followed Questions With Time
- Favorite Questions With Time
वे कौन सी परिस्थितियाँ है जो अधिकारी की सत्यनिष्ठा के बारे में संदेह उत्पन्न करती है ? (125 Words) [UPPSC 2022]
अधिकारी की सत्यनिष्ठा पर संदेह उत्पन्न करने वाली परिस्थितियाँ 1. भ्रष्टाचार में संलिप्तता: जब अधिकारी आर्थिक भ्रष्टाचार या रिश्वतखोरी में शामिल होते हैं, तो उनकी सत्यनिष्ठा पर संदेह उत्पन्न होता है। हाल ही में, दिल्ली पुलिस रिश्वतखोरी मामला ने कई अधिकारियों की ईमानदारी पर सवाल उठाए हैं। 2. हितों काRead more
अधिकारी की सत्यनिष्ठा पर संदेह उत्पन्न करने वाली परिस्थितियाँ
1. भ्रष्टाचार में संलिप्तता: जब अधिकारी आर्थिक भ्रष्टाचार या रिश्वतखोरी में शामिल होते हैं, तो उनकी सत्यनिष्ठा पर संदेह उत्पन्न होता है। हाल ही में, दिल्ली पुलिस रिश्वतखोरी मामला ने कई अधिकारियों की ईमानदारी पर सवाल उठाए हैं।
2. हितों का टकराव: जब अधिकारियों के व्यक्तिगत या वित्तीय हित उनके आधिकारिक कर्तव्यों के साथ टकराते हैं, तो उनकी निष्पक्षता पर संदेह होता है। पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाला में शामिल अधिकारियों की यह स्थिति इसी प्रकार की थी।
3. पारदर्शिता की कमी: आय की असामान्य वृद्धि या संपत्ति का खुलासा न करना संदेह उत्पन्न करता है। नीरव मोदी मामले में कई अधिकारियों की संपत्तियों और लेनदेन ने ऐसा संदेह पैदा किया।
4. संदिग्ध संबंध: यदि अधिकारी के संदिग्ध व्यक्तियों या संस्थाओं के साथ संबंध होते हैं, तो उनकी निष्पक्षता पर प्रश्न उठते हैं। हाल के कॉर्पोरेट धोखाधड़ी मामलों में अधिकारियों के संदिग्ध संबंधों ने संदेह पैदा किया है।
निष्कर्ष: इन परिस्थितियों से अधिकारी की सत्यनिष्ठा पर संदेह उत्पन्न होता है, जिससे ईमानदारी और जवाबदेही की महत्वपूर्णता उजागर होती है।
See lessईमानदारी क्या है? शासन में ईमानदारी के दार्शनिक आधार की स्पष्ट व्याख्या कीजिये। (200 Words) [UPPSC 2020]
ईमानदारी एक नैतिक मूल्य है जो सत्यता, पारदर्शिता, और वचनबद्धता को दर्शाता है। यह व्यक्ति के आचरण में सत्य, अखंडता, और नैतिकता का प्रतीक है, जिसमें वे अपने कार्यों और निर्णयों में सच्चाई और अच्छे इरादों का पालन करते हैं। 1. शासन में ईमानदारी के दार्शनिक आधार: सामाजिक अनुबंध सिद्धांत: इस सिद्धांत के अRead more
ईमानदारी एक नैतिक मूल्य है जो सत्यता, पारदर्शिता, और वचनबद्धता को दर्शाता है। यह व्यक्ति के आचरण में सत्य, अखंडता, और नैतिकता का प्रतीक है, जिसमें वे अपने कार्यों और निर्णयों में सच्चाई और अच्छे इरादों का पालन करते हैं।
1. शासन में ईमानदारी के दार्शनिक आधार:
2. निष्कर्ष: शासन में ईमानदारी का दार्शनिक आधार सामाजिक अनुबंध, नैतिक सिद्धांत, और लोकप्रिय विश्वास पर आधारित है। यह सुनिश्चित करता है कि सरकारी अधिकारी सत्यता और नैतिकता के साथ कार्य करें, जिससे शासन की वैधता और प्रभावशीलता बनी रहे।
See less