सरकारी नीतियों के संदर्भ में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी की भूमिका का मूल्यांकन कीजिये। (125 Words) [UPPSC 2020]
सरकारी नीतियों के संदर्भ में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी की भूमिका का मूल्यांकन 1. सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (ICT) का योगदान: प्रशासनिक सुधार: ICT ने सरकारी सेवाओं की सुविधा और प्रभावशीलता में सुधार किया है। उदाहरण के लिए, e-Governance प्लेटफॉर्म जैसे मंत्रालयों की वेबसाइटें और मोबाइल एप्स नागरिRead more
सरकारी नीतियों के संदर्भ में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी की भूमिका का मूल्यांकन
1. सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (ICT) का योगदान:
- प्रशासनिक सुधार: ICT ने सरकारी सेवाओं की सुविधा और प्रभावशीलता में सुधार किया है। उदाहरण के लिए, e-Governance प्लेटफॉर्म जैसे मंत्रालयों की वेबसाइटें और मोबाइल एप्स नागरिकों को शासकीय सेवाओं तक सीधी पहुँच प्रदान करते हैं।
- डिजिटल प्लेटफॉर्म: मोडी योजना, जन धन योजना, और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) जैसे कार्यक्रमों ने लाभार्थियों को सीधे लाभ पहुंचाने में मदद की है, जिससे समाज में पारदर्शिता और कार्यक्षमता बढ़ी है।
2. हालिया उदाहरण:
- कोविड-19 महामारी के दौरान, आरोग्य सेतु एप ने संपर्क ट्रेसिंग और स्वास्थ्य डेटा के आदान-प्रदान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे स्वास्थ्य देखभाल नीतियों के कार्यान्वयन में सहायता मिली।
- ई-लर्निंग पहल ने शिक्षा की सुलभता को बढ़ाया, जैसे स्वयं और डिजिटल क्लासरूम ने विद्यार्थियों को साक्षरता और कौशल विकास में मदद की।
निष्कर्ष:
सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (ICT) ने सरकारी नीतियों को प्रभावी, पारदर्शी, और सुलभ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इससे सार्वजनिक सेवाओं की प्रणाली और सामाजिक सुधारों की सिद्धि में मदद मिली है।
अटल भू-जल योजना के उद्देश्य और प्रभाव **1. उद्देश्य अटल भू-जल योजना (Atal Bhujal Yojana) का उद्देश्य भू-जल के सतत प्रबंधन को बढ़ावा देना है। 2020 में शुरू की गई इस योजना का मुख्य लक्ष्य भू-जल पुनर्भरण और जल उपयोग में सुधार करना है। योजना जलवायु परिवर्तन और जल संकट से निपटने के लिए समुदाय आधारित प्रबRead more
अटल भू-जल योजना के उद्देश्य और प्रभाव
**1. उद्देश्य
अटल भू-जल योजना (Atal Bhujal Yojana) का उद्देश्य भू-जल के सतत प्रबंधन को बढ़ावा देना है। 2020 में शुरू की गई इस योजना का मुख्य लक्ष्य भू-जल पुनर्भरण और जल उपयोग में सुधार करना है। योजना जलवायु परिवर्तन और जल संकट से निपटने के लिए समुदाय आधारित प्रबंधन पर भी जोर देती है।
**2. प्रभाव
योजना के तहत जल पुनर्भरण के उपायों से कई राज्यों में भू-जल स्तर में सुधार हुआ है। उदाहरण के लिए, राजस्थान और हरियाणा में जल संचयन और पुनर्भरण की गतिविधियों से पानी की उपलब्धता में वृद्धि हुई है। इस योजना ने किसानों को जल प्रबंधन में सहायता प्रदान की और जल संकट से निपटने के लिए सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा दिया।
सारांश में, अटल भू-जल योजना ने भू-जल प्रबंधन में महत्वपूर्ण सुधार लाए हैं और जल संकट से निपटने के लिए स्थायी समाधान प्रदान किए हैं।
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