भारतीय ग्रामीण जीवन पर स्वयं सहायता समूहों का क्या प्रभाव पड़ा है? वर्णन कीजिये।(125 Words) [UPPSC 2018]
सुगम्य भारत अभियान: भूमिका और महत्त्व **1. परिचय और उद्देश्य सुगम्य भारत अभियान 2015 में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत शुरू किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक स्थानों, परिवहन और सूचना और संचार प्रौद्योगिकी को पारदर्शी बनाना है ताकि विकलांग व्यक्तियों (PwDs) के लिए आसानी से उपलब्ध हRead more
सुगम्य भारत अभियान: भूमिका और महत्त्व
**1. परिचय और उद्देश्य
सुगम्य भारत अभियान 2015 में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत शुरू किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक स्थानों, परिवहन और सूचना और संचार प्रौद्योगिकी को पारदर्शी बनाना है ताकि विकलांग व्यक्तियों (PwDs) के लिए आसानी से उपलब्ध हो सके।
**2. मुख्य घटक
**a. भौतिक पहुंच
अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा सार्वजनिक भवनों, परिवहन प्रणालियों और सार्वजनिक स्थानों की सुलभता सुनिश्चित करना है। इसमें रैंप, लिफ्ट, और सुलभ शौचालय शामिल हैं। दिल्ली मेट्रो ने अपने स्टेशनों में लिफ्ट और व्हीलचेयर-अनुकूल सुविधाओं की स्थापना की है।
**b. डिजिटल पहुंच
यह अभियान डिजिटल प्लेटफार्मों को सुलभ बनाने पर भी ध्यान केंद्रित करता है, जैसे कि वेबसाइट्स, मोबाइल एप्लिकेशन, और इलेक्ट्रॉनिक सेवाएँ। उदाहरण के लिए, “सुगम्य भारत अभियान” की वेबसाइट को वेब एक्सेसिबिलिटी मानकों के अनुसार डिज़ाइन किया गया है।
**c. साक्षरता और प्रशिक्षण
अभियान जन जागरूकता और प्रशिक्षण पर भी ध्यान केंद्रित करता है, ताकि सरकारी अधिकारियों और अन्य हितधारकों को विकलांग व्यक्तियों की ज़रूरतों के बारे में जानकारी मिल सके। प्रशिक्षण कार्यक्रम और वर्कशॉप्स आयोजित किए जाते हैं।
**3. हाल की पहलों
हाल ही में, “सरकारी वेबसाइटों की सुलभता ऑडिट” शुरू किया गया है ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि सरकारी पोर्टल्स विकलांग व्यक्तियों के लिए सुलभ हों। इसके अतिरिक्त, “विकलांगता अधिकार अधिनियम, 2016” इस अभियान का समर्थन करता है।
**4. महत्त्व
सुगम्य भारत अभियान समावेशिता और समान भागीदारी को बढ़ावा देता है। यह विकलांग व्यक्तियों की स्वतंत्रता और सम्मान को सुनिश्चित करता है, और संयुक्त राष्ट्र के विकलांगता अधिकारों पर कन्वेंशन (UNCRPD) के सिद्धांतों के अनुरूप है।
**5. चुनौतियाँ
अभियान को असंगठित कार्यान्वयन, जागरूकता की कमी, और फंडिंग समस्याओं जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इन समस्याओं का समाधान करने के लिए निरंतर प्रयास आवश्यक हैं।
सारांश में, सुगम्य भारत अभियान विकलांग व्यक्तियों के लिए सुलभता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और समावेशिता को प्रोत्साहित करता है।
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भारतीय ग्रामीण जीवन पर स्वयं सहायता समूहों (SHGs) का प्रभाव 1. आर्थिक सशक्तिकरण: SHGs ने ग्रामीण जीवन में आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया है। सदस्य सूक्ष्म वित्त के माध्यम से अपनी आय में वृद्धि कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, नरेगा के तहत SHGs ने कृषि और छोटे व्यवसाय में योगदान दिया है। 2. महिला सशक्तिकरRead more
भारतीय ग्रामीण जीवन पर स्वयं सहायता समूहों (SHGs) का प्रभाव
1. आर्थिक सशक्तिकरण: SHGs ने ग्रामीण जीवन में आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया है। सदस्य सूक्ष्म वित्त के माध्यम से अपनी आय में वृद्धि कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, नरेगा के तहत SHGs ने कृषि और छोटे व्यवसाय में योगदान दिया है।
2. महिला सशक्तिकरण: SHGs ने महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण प्रदान किया है। दीक्षा की योजना (DAY-NRLM) के अंतर्गत, SHGs ने महिलाओं की आर्थिक स्थिति और फैसला लेने की क्षमता को बढ़ाया है।
3. सामाजिक विकास: SHGs ने समुदायिक एकता और सामाजिक विकास को प्रोत्साहित किया है। उदाहरण के लिए, तमिलनाडु में SHGs ने स्वच्छता और शिक्षा से संबंधित परियोजनाएँ सफलतापूर्वक चलायी हैं।
निष्कर्ष: SHGs ने भारतीय ग्रामीण जीवन में आर्थिक अवसर, महिला सशक्तिकरण, और सामाजिक विकास को सशक्त किया है।
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