“विगत दो दशकों में अनियंत्रित ढंग से बढ़े अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद से विश्वशांति को गंभीर खतरा पैदा हो गया है। इससे निबटने के लिये प्रत्येक राष्ट्र को वैश्विक स्तर पर एक साथ मिलकर लड़ना होगा।” इस कथन की व्याख्या कीजिये। (200 ...
आतंकवाद और भ्रष्टाचार किसी भी देश की आन्तरिक सुरक्षा को गंभीर रूप से प्रभावित करते हैं। आतंकवाद: स्थिरता में बाधा: आतंकवादी गतिविधियाँ समाज में भय और असुरक्षा फैला देती हैं, जिससे सामान्य जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है और सरकारी संस्थाओं पर जनता का विश्वास कमजोर होता है। हाल का उदाहरण: कश्मीर में 2023Read more
आतंकवाद और भ्रष्टाचार किसी भी देश की आन्तरिक सुरक्षा को गंभीर रूप से प्रभावित करते हैं।
आतंकवाद:
- स्थिरता में बाधा: आतंकवादी गतिविधियाँ समाज में भय और असुरक्षा फैला देती हैं, जिससे सामान्य जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है और सरकारी संस्थाओं पर जनता का विश्वास कमजोर होता है। हाल का उदाहरण: कश्मीर में 2023 के आतंकवादी हमले, जिन्होंने सुरक्षा बलों और नागरिकों को निशाना बनाया।
- आर्थिक प्रभाव: आतंकवाद से निपटने के लिए भारी सुरक्षा खर्च और बुनियादी ढांचे की क्षति होती है, जिससे राष्ट्रीय संसाधनों पर बोझ पड़ता है। उदाहरण: मुंबई में 2008 के आतंकवादी हमले के बाद सुरक्षा और पुनर्निर्माण पर व्यय।
- सामाजिक विघटन: आतंकवाद सामुदायिक तनाव और सामाजिक विभाजन को बढ़ावा देता है, जो दीर्घकालिक सामाजिक अस्थिरता का कारण बनता है।
भ्रष्टाचार:
- विश्वास की कमी: भ्रष्टाचार कानून प्रवर्तन और न्याय प्रणाली की प्रभावशीलता को कमजोर करता है, जिससे सार्वजनिक विश्वास और सहयोग घटता है। उदाहरण: पुलिस बलों में भ्रष्टाचार, जो अपराध जांच में बाधा डालता है।
- संसाधनों का गलत उपयोग: भ्रष्टाचार के कारण संसाधनों का असमर्थन और गलत आवंटन आन्तरिक सुरक्षा तंत्र को कमजोर करता है। उदाहरण: 2024 में रक्षा खरीद में भ्रष्टाचार का मामला, जिसने सुरक्षा तैयारी को प्रभावित किया।
- विकास में बाधा: भ्रष्टाचार आर्थिक विकास को अवरुद्ध करता है, जो आन्तरिक स्थिरता और सुरक्षा के लिए आवश्यक है।
निष्कर्ष: आतंकवाद और भ्रष्टाचार दोनों आन्तरिक सुरक्षा को गंभीर रूप से प्रभावित करते हैं, जिससे राष्ट्रीय स्थिरता और सार्वजनिक विश्वास कमजोर होता है। इन समस्याओं का प्रभावी समाधान आन्तरिक सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य है।
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अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद और वैश्विक शांति विगत दो दशकों में, अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद ने वैश्विक शांति और सुरक्षा को गंभीर खतरे में डाल दिया है। आतंकवादी समूहों ने विभिन्न देशों में हिंसा, उग्रवाद और अस्थिरता फैलाने के लिए अत्याधुनिक तकनीक और नेटवर्किंग का उपयोग किया है। 1. आतंकवाद का वैश्विक स्वरूप: आधRead more
अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद और वैश्विक शांति
विगत दो दशकों में, अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद ने वैश्विक शांति और सुरक्षा को गंभीर खतरे में डाल दिया है। आतंकवादी समूहों ने विभिन्न देशों में हिंसा, उग्रवाद और अस्थिरता फैलाने के लिए अत्याधुनिक तकनीक और नेटवर्किंग का उपयोग किया है।
1. आतंकवाद का वैश्विक स्वरूप: आधुनिक आतंकवाद ने सार्वभौमिक स्तर पर सीमा पार की है। 9/11 हमले, पेरिस में आईएसआईएस के हमले, और धार्मिक कट्टरपंथ से प्रेरित हिंसक गतिविधियाँ इसका स्पष्ट उदाहरण हैं। आतंकवादी संगठनों की नेटवर्किंग और सूचना साझा करने की क्षमता ने इसे अधिक व्यापक और घातक बना दिया है।
2. वैश्विक सहयोग की आवश्यकता: आतंकवाद का सामना करने के लिए एकल देश की कोशिशें अपर्याप्त हैं। सहयोगात्मक रणनीतियों और सूचना साझा करने की आवश्यकता है। अंतर्राष्ट्रीय समझौतों और संस्थाओं जैसे संयुक्त राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय पुलिस (इंटरपोल) को सशक्त बनाना अनिवार्य है। देशों को सुरक्षा नीतियों, वित्तीय निगरानी, और गुप्तचर सहयोग के माध्यम से एक साथ काम करना होगा।
3. वैश्विक शांति की रक्षा: आतंकवाद से निपटने के लिए संविधानिक और कानूनी उपाय आवश्यक हैं, जो मानवाधिकार और सामाजिक न्याय की रक्षा करें। वैश्विक स्तर पर सहयोग से ही शांति और सुरक्षा को बनाए रखा जा सकता है।
निष्कर्ष: अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद की बढ़ती चुनौती ने स्पष्ट किया है कि वैश्विक शांति के लिए सभी देशों को सामूहिक प्रयास और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता है। इस संदर्भ में, साझा रणनीतियाँ और मजबूत वैश्विक गठबंधन अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
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