“पारदर्शिता एवं जवाबदेही एक दूसरे के पूरक है।” टिप्पणी कीजिए। (125 Words) [UPPSC 2023]
चुनावी बांड और राजनीतिक वित्त पोषण में पारदर्शिता 1. चुनावी बांड की परिभाषा: चुनावी बांड ऐसे वित्तीय उपकरण हैं जो भारत में गोपनीय राजनीतिक दान की सुविधा प्रदान करते हैं। दानकर्ता बांड खरीदते हैं और उन्हें राजनीतिक पार्टियों को दान करते हैं। 2. लाभ: गोपनीयता: बांड दानकर्ता की पहचान को गोपनीय रखता है,Read more
चुनावी बांड और राजनीतिक वित्त पोषण में पारदर्शिता
1. चुनावी बांड की परिभाषा: चुनावी बांड ऐसे वित्तीय उपकरण हैं जो भारत में गोपनीय राजनीतिक दान की सुविधा प्रदान करते हैं। दानकर्ता बांड खरीदते हैं और उन्हें राजनीतिक पार्टियों को दान करते हैं।
2. लाभ:
- गोपनीयता: बांड दानकर्ता की पहचान को गोपनीय रखता है, जिससे दबाव और प्रभाव से बचाव होता है।
- सहजता: बांड को खरीदना और दान करना सरल है, जिससे राजनीतिक वित्त पोषण प्रक्रिया को सरल बनाया जा सकता है।
3. पारदर्शिता की सीमाएँ:
- गोपनीयता की कमी: दानकर्ता और राशि की जानकारी सार्वजनिक नहीं होती, जिससे पारदर्शिता प्रभावित होती है।
- हाल की चिंताएँ: 2022 में यह सामने आया कि अधिकांश राजनीतिक वित्त पोषण चुनावी बांड से आता है, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही पर प्रश्न उठते हैं।
निष्कर्ष: चुनावी बांड राजनीतिक दान को सरल बनाने का उद्देश्य रखते हैं, लेकिन दानकर्ता की पहचान और राशि की गोपनीयता की वजह से पारदर्शिता में कमी बनी रहती है।
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पारदर्शिता एवं जवाबदेही: एक दूसरे के पूरक पारदर्शिता: पारदर्शिता (transparency) का तात्पर्य है कि सरकारी और संगठनात्मक निर्णय प्रक्रियाएँ और कार्यवाही जनता के लिए स्पष्ट और सुलभ होनी चाहिए। इससे जनता का विश्वास बढ़ता है और भ्रष्टाचार की संभावना कम होती है। उदाहरण के लिए, RTI (Right to Information) अRead more
पारदर्शिता एवं जवाबदेही: एक दूसरे के पूरक
पारदर्शिता: पारदर्शिता (transparency) का तात्पर्य है कि सरकारी और संगठनात्मक निर्णय प्रक्रियाएँ और कार्यवाही जनता के लिए स्पष्ट और सुलभ होनी चाहिए। इससे जनता का विश्वास बढ़ता है और भ्रष्टाचार की संभावना कम होती है। उदाहरण के लिए, RTI (Right to Information) अधिनियम ने सरकारी कार्यों में पारदर्शिता बढ़ाई है।
जवाबदेही: जवाबदेही (accountability) का मतलब है कि सरकारी और निजी संस्थाओं को उनके निर्णयों और कार्यों के लिए उत्तरदायी होना चाहिए। इसका तात्पर्य है कि गलतियों या भ्रष्टाचार के मामलों में दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है। लोकपाल और लोकायुक्त जैसी संस्थाएँ इस प्रक्रिया को सुनिश्चित करती हैं।
संपर्क: पारदर्शिता और जवाबदेही एक दूसरे के पूरक हैं क्योंकि पारदर्शिता प्रणाली को स्पष्ट करती है, जिससे जवाबदेही स्थापित होती है। जब निर्णय प्रक्रिया स्पष्ट होती है, तो उत्तरदायित्व की मांग स्वाभाविक रूप से बढ़ती है। उदाहरण के लिए, डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म्स जैसे E-Governance पारदर्शिता को बढ़ावा देते हैं और जवाबदेही सुनिश्चित करते हैं।
निष्कर्ष: पारदर्शिता और जवाबदेही दोनों ही एक मजबूत और निष्पक्ष प्रशासन के निर्माण में आवश्यक हैं, और एक के बिना दूसरा प्रभावी नहीं हो सकता।
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