Home/uppsc: mahila & mahila sanghthan ki bhumika
- Recent Questions
- Most Answered
- Answers
- No Answers
- Most Visited
- Most Voted
- Random
- Bump Question
- New Questions
- Sticky Questions
- Polls
- Followed Questions
- Favorite Questions
- Recent Questions With Time
- Most Answered With Time
- Answers With Time
- No Answers With Time
- Most Visited With Time
- Most Voted With Time
- Random With Time
- Bump Question With Time
- New Questions With Time
- Sticky Questions With Time
- Polls With Time
- Followed Questions With Time
- Favorite Questions With Time
भारत में स्त्रियों की बदलती प्रस्थिति का मूल्यांकन कीजिये। (125 Words) [UPPSC 2018]
भारत में स्त्रियों की बदलती स्थिति कानूनी सुधार: भारत में स्त्रियों की स्थिति में सुधार कानूनी सुधारों के कारण हुआ है। निर्भया क़ानून (2013) ने यौन हिंसा के खिलाफ कड़ी सज़ा सुनिश्चित की है, जिससे सुरक्षा में वृद्धि हुई है। शिक्षा और रोजगार: बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना और मुद्रा योजना जैसी पहलों ने शिRead more
भारत में स्त्रियों की बदलती स्थिति
कानूनी सुधार: भारत में स्त्रियों की स्थिति में सुधार कानूनी सुधारों के कारण हुआ है। निर्भया क़ानून (2013) ने यौन हिंसा के खिलाफ कड़ी सज़ा सुनिश्चित की है, जिससे सुरक्षा में वृद्धि हुई है।
शिक्षा और रोजगार: बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना और मुद्रा योजना जैसी पहलों ने शिक्षा और रोजगार के अवसर बढ़ाए हैं। इनसे महिलाओं की साक्षरता दर और उद्यमिता में सुधार हुआ है।
सामाजिक दृष्टिकोण: फिर भी, समाज में गहरे पैठी हुई पितृसत्ता का प्रभाव बना हुआ है। कटुवा बलात्कार मामला जैसी घटनाएं इसे उजागर करती हैं।
राजनीतिक भागीदारी: महिलाओं की राजनीति में भागीदारी बढ़ी है, जैसे निर्मला सीतारमण का रक्षा मंत्री के पद पर होना, लेकिन नेतृत्व में लैंगिक समानता अभी भी चुनौतीपूर्ण है।
See lessसमकालीन भारत में प्रमुख महिला संगठनों के योगदानों का अलोचनात्मक परीक्षण कीजिये। (125 Words) [UPPSC 2020]
समकालीन भारत में प्रमुख महिला संगठनों के योगदान अधिकार और न्याय: राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) और ब्रेकथ्रू जैसे संगठनों ने महिला अधिकारों के संरक्षण और संवर्धन के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, कानूनी सुधारों और न्याय की दिशा में प्रयास किए हैं। शिक्षा और कौशल विकास: सेवा (SEWA) और प्रथम जैसे संगठनोंRead more
समकालीन भारत में प्रमुख महिला संगठनों के योगदान
अलोचनात्मक परीक्षण: जबकि ये संगठनों ने महत्वपूर्ण कार्य किए हैं, उनकी पहुंच और प्रभाव सीमित हो सकते हैं। क्षेत्रीय भिन्नताओं और संसाधनों की कमी उनके काम में बाधाएँ उत्पन्न कर सकती हैं।
निष्कर्ष: प्रमुख महिला संगठनों ने महिलाओं के अधिकार, शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, लेकिन इनकी प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास और सुधार की आवश्यकता है।
See lessमहिला सशक्तिकरण में महिला संगठनों की भूमिका का मूल्यांकन कीजिए । (200 Words) [UPPSC 2023]
महिला सशक्तिकरण में महिला संगठनों की भूमिका का मूल्यांकन 1. सामाजिक जागरूकता: महिला संगठनों ने महिला अधिकारों और समानता के प्रति समाज में जागरूकता बढ़ाई है। उदाहरण के लिए, नीरजा चतुर्वेदी, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसी मुहिमों ने महिलाओं के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण में सुधार किया है। 2. शिक्षा और प्रशिकRead more
महिला सशक्तिकरण में महिला संगठनों की भूमिका का मूल्यांकन
1. सामाजिक जागरूकता: महिला संगठनों ने महिला अधिकारों और समानता के प्रति समाज में जागरूकता बढ़ाई है। उदाहरण के लिए, नीरजा चतुर्वेदी, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसी मुहिमों ने महिलाओं के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण में सुधार किया है।
2. शिक्षा और प्रशिक्षण: महिला संगठनों ने शैक्षिक अवसर और कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर महिलाओं को स्वावलंबी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। महिला स्वयं सहायता समूह और एनजीओ जैसे सपना और आंगनवाड़ी महिलाओं को रोजगार और कौशल विकास के अवसर प्रदान करते हैं।
3. कानूनी सहायता और नीति सुधार: महिला संगठनों ने कानूनी सुधार और नीति निर्माण में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने महिला सुरक्षा कानून जैसे दुष्कर्म और घरेलू हिंसा के खिलाफ कानूनों की दिशा में सक्रिय रूप से काम किया है।
4. स्वास्थ्य और कल्याण: महिला संगठनों ने स्वास्थ्य सेवाएं और सामाजिक कल्याण कार्यक्रम शुरू किए हैं, जो महिलाओं के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक हैं।
5. सामाजिक और राजनीतिक प्रतिनिधित्व: महिला संगठनों ने राजनीतिक भागीदारी और सामाजिक प्रतिनिधित्व को बढ़ावा दिया है। उदाहरण के लिए, महिला आरक्षण के मुद्दे पर काम कर वे नीतिगत बदलाव में योगदान दे रही हैं।
निष्कर्ष: महिला संगठनों का सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण योगदान है। उनकी जागरूकता, शिक्षा, कानूनी सुधार, स्वास्थ्य सेवाएं, और राजनीतिक भागीदारी ने महिलाओं की स्थिति में सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
See lessक्या आप सहमत है कि भारत में महिलाओं के प्रति अपराध में वृद्धि हो रही है ? (125 Words) [UPPSC 2023]
महिलाओं के प्रति अपराध में वृद्धि: विश्लेषण 1. आंकड़े और रिपोर्ट: हालिया आंकड़े और रिपोर्ट, जैसे राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की वार्षिक रिपोर्ट, महिलाओं के प्रति अपराध में वृद्धि को दर्शाती हैं। उदाहरणस्वरूप, बलात्कार और यौन उत्पीड़न के मामलों में वृद्धि देखी गई है। 2. समाज में जागरूकता: अRead more
महिलाओं के प्रति अपराध में वृद्धि: विश्लेषण
1. आंकड़े और रिपोर्ट: हालिया आंकड़े और रिपोर्ट, जैसे राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की वार्षिक रिपोर्ट, महिलाओं के प्रति अपराध में वृद्धि को दर्शाती हैं। उदाहरणस्वरूप, बलात्कार और यौन उत्पीड़न के मामलों में वृद्धि देखी गई है।
2. समाज में जागरूकता: अधिक महिलाएं अब सभी प्रकार के अपराधों की रिपोर्ट कर रही हैं, जिससे आंकड़े बढ़े हैं। यह जागरूकता और प्रशासनिक उत्तरदायित्व में सुधार को भी दिखाता है।
3. सामाजिक और आर्थिक कारक: सामाजिक असमानता, आर्थिक तनाव और संस्कृतिक रूढ़िवादिता महिलाओं के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा दे सकते हैं।
4. सुरक्षा और कानूनी सुधार: बावजूद कानूनी सुधारों और सुरक्षा उपायों के, अपराध में वृद्धि एक चिंता का विषय है।
निष्कर्ष: आंकड़े बताते हैं कि महिलाओं के प्रति अपराध की संख्या बढ़ रही है, हालांकि यह जागरूकता और रिपोर्टिंग में वृद्धि का परिणाम भी हो सकता है। अपराध की रोकथाम और सशक्तिकरण की दिशा में निरंतर प्रयास आवश्यक हैं।
See less