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"उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की उत्पत्ति सागरीय भागों पर होती है एवं स्थलीय भागों पर पहुँचते ही ये तूफान धीरे-धीरे क्षीण होकर खत्म हो जाते हैं।" कारण सहित स्पष्ट करें। (125 Words) [UPPSC 2019]
1. ऊष्मा की कमी: उष्णकटिबंधीय चक्रवात समुद्र की सतह से ऊष्मा और नमी प्राप्त करते हैं। जब ये चक्रवात स्थलीय भागों पर पहुँचते हैं, तो इनका ऊष्मा और नमी का स्रोत समाप्त हो जाता है, जिससे तूफान की ऊर्जा और इंटेन्सिटी घट जाती है। 2. वृक्षों और अन्य बाधाएँ: स्थलीय भागों पर पहुंचते ही, चक्रवात धरती पर उपस्Read more
1. ऊष्मा की कमी: उष्णकटिबंधीय चक्रवात समुद्र की सतह से ऊष्मा और नमी प्राप्त करते हैं। जब ये चक्रवात स्थलीय भागों पर पहुँचते हैं, तो इनका ऊष्मा और नमी का स्रोत समाप्त हो जाता है, जिससे तूफान की ऊर्जा और इंटेन्सिटी घट जाती है।
2. वृक्षों और अन्य बाधाएँ: स्थलीय भागों पर पहुंचते ही, चक्रवात धरती पर उपस्थित वनों, भौगोलिक रुकावटों, और स्थल की ऊँचाइयों के संपर्क में आता है। ये बाधाएँ वातावरणीय प्रवाह को अस्थिर करती हैं, जिससे चक्रवात की धारा कमजोर हो जाती है।
3. नमी की कमी: स्थलीय क्षेत्रों में वातावरणीय नमी की कमी होती है, जो चक्रवात के लिए आवश्यक होती है। उदाहरण के तौर पर, चक्रवात अम्फान (2020) ने बांग्लादेश और भारत के स्थलीय हिस्सों में पहुँचने के बाद अपनी तूफानी ताकत खो दी थी।
4. विवर्तन और घर्षण: स्थलीय क्षेत्रों पर घर्षण की अधिकता के कारण, चक्रवात की वातावरणीय संरचना में अस्थिरता आती है, जिससे इसके चक्रवातीय बल कमजोर हो जाते हैं।
निष्कर्ष: उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की स्थलीय भागों पर पहुँचने के बाद ऊष्मा और नमी की कमी, भौगोलिक रुकावटें, और घर्षण के कारण ये धीरे-धीरे क्षीण हो जाते हैं।
See lessचक्रवात क्या है? शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवातों के उत्पत्ति के कारणों की व्याख्या कीजिये। (200 Words) [UPPSC 2021]
चक्रवात: परिभाषा और शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवातों के उत्पत्ति के कारण चक्रवात एक वायुमंडलीय प्रणाली है जिसमें लो प्रेशर के चारों ओर हवा घूमती है, जिससे विवर्तन और वायु की गति बढ़ जाती है। यह वायुमंडलीय दबाव के निम्न स्तर पर केंद्रित होता है और इसमें मूसलधार बारिश, उच्च हवाएं, और सूनामी जैसी खतरनाक स्थिRead more
चक्रवात: परिभाषा और शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवातों के उत्पत्ति के कारण
चक्रवात एक वायुमंडलीय प्रणाली है जिसमें लो प्रेशर के चारों ओर हवा घूमती है, जिससे विवर्तन और वायु की गति बढ़ जाती है। यह वायुमंडलीय दबाव के निम्न स्तर पर केंद्रित होता है और इसमें मूसलधार बारिश, उच्च हवाएं, और सूनामी जैसी खतरनाक स्थितियाँ उत्पन्न होती हैं।
शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवातों का उदय मुख्यतः निम्नलिखित कारणों से होता है:
निष्कर्ष: शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवातों की उत्पत्ति जटिल वायुमंडलीय प्रक्रियाओं, तापीय असंतुलन, फ्रंटल गतिविधियों, जेट स्ट्रीम, और कोरिओलिस प्रभाव के संयोजन से होती है। ये चक्रवात विभिन्न जलवायु स्थितियों को प्रभावित करते हैं और अक्सर प्राकृतिक आपदाओं का कारण बनते हैं।
See lessउष्ण कटिबन्धीय चक्रवातों की उत्पत्ति के कारण, संरचना तथा सम्बन्धित मौसम का वर्णन कीजिए। (200 Words) [UPPSC 2022]
उष्ण कटिबन्धीय चक्रवातों की उत्पत्ति के कारण, संरचना तथा सम्बन्धित मौसम उत्पत्ति के कारण: उष्ण कटिबन्धीय चक्रवातों की उत्पत्ति के लिए आवश्यक हैं: गर्म समुद्री जल: उष्ण कटिबन्धीय चक्रवातों की उत्पत्ति के लिए समुद्री जल का सामान्य ताप 26.5°C (80°F) से अधिक होना चाहिए। द्रविता-प्रवाह: उच्च स्तर का वायुRead more
उष्ण कटिबन्धीय चक्रवातों की उत्पत्ति के कारण, संरचना तथा सम्बन्धित मौसम
उत्पत्ति के कारण:
उष्ण कटिबन्धीय चक्रवातों की उत्पत्ति के लिए आवश्यक हैं:
संरचना:
उष्ण कटिबन्धीय चक्रवात की संरचना में प्रमुख भाग हैं:
सम्बन्धित मौसम:
उष्ण कटिबन्धीय चक्रवातों से जुड़े मौसम में शामिल हैं:
शीतोष्ण चक्रवात पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। यह भारत को कैसे प्रभावित करता है ? (200 Words) [UPPSC 2023]
शीतोष्ण चक्रवात: संक्षिप्त टिप्पणी और भारत पर प्रभाव शीतोष्ण चक्रवात (Temperate Cyclone) आमतौर पर उत्तरी अक्षांशों में विकसित होते हैं और मध्य वायुमंडल में कम दबाव के कारण बनते हैं। ये चक्रवात सर्दियों में मध्य और उच्च अक्षांशों में होते हैं, और इनकी प्रमुख विशेषताएँ गति, दिशा और वायवीय विशेषताएँ होRead more
शीतोष्ण चक्रवात: संक्षिप्त टिप्पणी और भारत पर प्रभाव
शीतोष्ण चक्रवात (Temperate Cyclone) आमतौर पर उत्तरी अक्षांशों में विकसित होते हैं और मध्य वायुमंडल में कम दबाव के कारण बनते हैं। ये चक्रवात सर्दियों में मध्य और उच्च अक्षांशों में होते हैं, और इनकी प्रमुख विशेषताएँ गति, दिशा और वायवीय विशेषताएँ होती हैं।
1. वातावरणीय प्रभाव: शीतोष्ण चक्रवात हवा के कम दबाव के कारण प्रवण वायु और मॉनसून की ओर उन्मुख होते हैं। इससे वर्षा और ठंडी हवाएं उत्पन्न होती हैं।
2. भूगोलिक प्रभाव: भारत के उत्तरी और पूर्वी तटों पर, जैसे उड़ीसा और बंगाल की खाड़ी में, शीतोष्ण चक्रवात से तटीय क्षेत्रों में भारी बारिश, बाढ़ और तूफान की स्थिति उत्पन्न होती है। यह फसलों को नुकसान पहुंचाता है और आवश्यक सेवाओं को बाधित करता है।
3. आर्थिक और सामाजिक प्रभाव: इन चक्रवातों से जन जीवन, आर्थिक गतिविधियाँ और परिवहन प्रणाली प्रभावित होती हैं। आपदाओं के बाद मरम्मत कार्य और सहायता प्रयास में वेतन और संसाधनों का बहुत अधिक खर्च होता है।
निष्कर्ष: शीतोष्ण चक्रवात भारत में मौसम और जलवायु पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालते हैं, विशेषकर तटीय क्षेत्रों में। इनके वातावरणीय और आर्थिक प्रभाव को समझना और संबंधित तैयारी आवश्यक है ताकि प्राकृतिक आपदाओं से कम से कम नुकसान हो सके।
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