ब्लड मून’ (Blood moon) किसे कहते हैं? यह कब होता है ? (125 Words) [UPPSC 2023]
भारत के चंद्रमा मिशन कार्यक्रम 'चंद्रयान-3' के प्रमुख उद्देश्य सॉफ्ट लैंडिंग: चंद्रयान-3 का प्रमुख उद्देश्य चंद्रमा पर एक सफल सॉफ्ट लैंडिंग प्राप्त करना है। पिछली मिशन चंद्रयान-2 में लैंडर का हार्ड लैंडिंग हुआ था, जिसे सुधारने का प्रयास किया गया है। Lunar Surface Exploration: मिशन चंद्रमा की सतह परRead more
भारत के चंद्रमा मिशन कार्यक्रम ‘चंद्रयान-3’ के प्रमुख उद्देश्य
- सॉफ्ट लैंडिंग: चंद्रयान-3 का प्रमुख उद्देश्य चंद्रमा पर एक सफल सॉफ्ट लैंडिंग प्राप्त करना है। पिछली मिशन चंद्रयान-2 में लैंडर का हार्ड लैंडिंग हुआ था, जिसे सुधारने का प्रयास किया गया है।
- Lunar Surface Exploration: मिशन चंद्रमा की सतह पर विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोग और विश्लेषण करना चाहता है। इसमें चंद्रमा की भौगोलिक संरचना और खनिजों का अध्ययन शामिल है।
- प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन: यह मिशन लैंडिंग सिस्टम और रोवर टेक्नोलॉजी के नए प्रणालियों का प्रदर्शन करता है, जो भविष्य की चंद्रमा की खोज के लिए महत्वपूर्ण हैं।
- वैश्विक स्थिति: भारत की अंतरिक्ष अनुसंधान क्षमताओं को दर्शाते हुए, चंद्रयान-3 वैश्विक स्पेस रेस में एक प्रमुख कदम है।
हालिया उदाहरण: 23 अगस्त 2023 को चंद्रयान-3 ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की, जिससे भारत ने इतिहास रचा और अंतरिक्ष अन्वेषण में अपनी स्थिति को मजबूत किया।
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'ब्लड मून' (Blood Moon) एक खगोलीय घटना है, जिसे पूर्ण चंद्रग्रहण के दौरान चंद्रमा की लालिमा के कारण कहा जाता है। जब पृथ्वी चंद्रमा और सूर्य के बीच आ जाती है, तो वह सूर्य की सीधी किरणों को चंद्रमा तक पहुँचने से रोकती है और इसके वातावरण में बिखरी हुई रोशनी लाल रंग की छटा प्रदान करती है। इस घटना के दौरRead more
‘ब्लड मून’ (Blood Moon) एक खगोलीय घटना है, जिसे पूर्ण चंद्रग्रहण के दौरान चंद्रमा की लालिमा के कारण कहा जाता है। जब पृथ्वी चंद्रमा और सूर्य के बीच आ जाती है, तो वह सूर्य की सीधी किरणों को चंद्रमा तक पहुँचने से रोकती है और इसके वातावरण में बिखरी हुई रोशनी लाल रंग की छटा प्रदान करती है। इस घटना के दौरान, चंद्रमा का रंग लाल, नारंगी या भूरा हो जाता है, जिससे इसे ‘ब्लड मून’ कहा जाता है। यह घटना तब होती है जब पूर्ण चंद्रग्रहण होता है, जो औसतन हर 1.5 साल में होता है। चंद्रग्रहण के दौरान, चंद्रमा पृथ्वी की छाया में पूरा या आंशिक रूप से ढका होता है, जिससे ‘ब्लड मून’ का प्रभाव देखा जाता है।
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