अस्पृश्यता के विरुद्ध सांविधानिक प्रावधानों की विवेचना कीजिये। भारत में अस्पृश्यता को दूर करने के लिये कौन-कौन से उपाय किये गए हैं? | [उत्तर सीमा: 250 शब्द] [UKPSC 2012]
Main defects of the Lucknow Pact: limited representation, lack of Hindu-Muslim unity, and insufficient political rights for the general populace.
Main defects of the Lucknow Pact: limited representation, lack of Hindu-Muslim unity, and insufficient political rights for the general populace.
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अस्पृश्यता के विरुद्ध भारत में कई सांविधानिक प्रावधान हैं, जो सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में महत्वपूर्ण हैं: अनुच्छेद 15: यह अनुच्छेद किसी भी व्यक्ति के साथ जाति, धर्म, लिंग, या जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव करने से रोकता है। इसमें अस्पृश्यता के खिलाफ विशेष प्रावधान भी शामिल हैं। अनुच्छेद 17: यहRead more
अस्पृश्यता के विरुद्ध भारत में कई सांविधानिक प्रावधान हैं, जो सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में महत्वपूर्ण हैं:
अनुच्छेद 15: यह अनुच्छेद किसी भी व्यक्ति के साथ जाति, धर्म, लिंग, या जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव करने से रोकता है। इसमें अस्पृश्यता के खिलाफ विशेष प्रावधान भी शामिल हैं।
अनुच्छेद 17: यह अस्पृश्यता को समाप्त करने की दिशा में स्पष्ट प्रावधान है। इसे कानूनी रूप से अपराध घोषित किया गया है और इसे समाप्त करने के लिए सभी नागरिकों को समान अधिकार प्रदान किए गए हैं।
अनुच्छेद 46: यह अनुच्छेद अनुसूचित जातियों और जनजातियों के हितों की रक्षा के लिए विशेष प्रावधान करता है, जिससे उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।
उपाय:
सामाजिक कल्याण योजनाएँ: सरकार ने विभिन्न योजनाएँ लागू की हैं, जैसे कि शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोजगार के क्षेत्र में विशेष सुविधाएँ प्रदान करना।
शिक्षा का प्रचार: विशेष रूप से अनुसूचित जातियों के लिए स्कूलों और कॉलेजों में आरक्षण दिया गया है, जिससे उन्हें उच्च शिक्षा तक पहुँचने में सहायता मिल सके।
आरक्षण: सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है, जिससे उनके सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार हो।
कानूनी प्रावधान: अनुसूचित जातियों और जनजातियों (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम, 1989 जैसे कानूनों के माध्यम से कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है, ताकि समाज में जातिगत भेदभाव को समाप्त किया जा सके।
इन सांविधानिक प्रावधानों और उपायों के माध्यम से भारत में अस्पृश्यता को समाप्त करने की दिशा में ठोस प्रयास किए जा रहे हैं।
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