ग्रामीण एवं शहरी योजना के मध्य मुख्य अन्तर क्या है ? [उत्तर सीमा: 125 शब्द] [UKPSC 2023]
Bio-fertilizers are the ones produced from living microorganisms which improve soil fertility and stimulus to plant growth as natural way. These are differentiated into three characteristic i.e. bacterial (Rhizobium, Azotobacter), fungal (mycorrhizae), and algal (green-blue algae). They fix atmospheRead more
Bio-fertilizers are the ones produced from living microorganisms which improve soil fertility and stimulus to plant growth as natural way. These are differentiated into three characteristic i.e. bacterial (Rhizobium, Azotobacter), fungal (mycorrhizae), and algal (green-blue algae). They fix atmospheric nitrogen, solubilize phosphates and decompose organic matter, making nutrients more accessible to plants. Bio-fertilizers can hold a number of advantages, including better soil health, higher crop productivity, and decrease in reliance on fertilizers that can have an adverse affect on the surrounding habitat. They help foster sustainable agriculture because they enhance soil biodiversity and resilience. Bio-fertilizers are inexpensive and can be produced at a local level and becliboe is available to small-scale farmers.
See less
मनरेगा (MNREGA) या महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, 2005 में लागू किया गया एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में निवासियों को न्यूनतम 100 दिन का निश्चित रोजगार प्रदान करना है। यह एक कानूनी अधिकार है, जो ग्रामीण गरीबों को सामाजिक सुरक्षा का आश्वासन देता हैRead more
मनरेगा (MNREGA) या महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, 2005 में लागू किया गया एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में निवासियों को न्यूनतम 100 दिन का निश्चित रोजगार प्रदान करना है। यह एक कानूनी अधिकार है, जो ग्रामीण गरीबों को सामाजिक सुरक्षा का आश्वासन देता है।
पूर्व की नीतियों से भिन्नता
1. सामाजिक सुरक्षा: पहले की नीतियाँ रोजगार सृजन पर केंद्रित थीं, लेकिन MNREGA ने इसे एक कानूनी अधिकार में परिवर्तित कर दिया है, जिससे मजदूरों को स्थायी रोजगार का आश्वासन मिलता है।
2. जन सहभागिता: MNREGA में स्थानीय समुदायों की भागीदारी को प्राथमिकता दी गई है, जिससे कामों का चयन और कार्यान्वयन स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार होता है।
3. विभिन्न कार्य: पहले की नीतियों में सीमित प्रकार के कार्य थे, जबकि MNREGA के तहत जल संरक्षण, भूमि विकास, और बागवानी जैसे विभिन्न कार्य किए जा सकते हैं।
उत्तराखण्ड में स्थिति
उत्तराखण्ड में MNREGA ने रोजगार सृजन में मदद की है, लेकिन कुछ लक्ष्यों को प्राप्त करने में चुनौतियाँ हैं।
1. अनुपालन की कमी: कुछ क्षेत्रों में काम का सही रिकॉर्ड और पारदर्शिता की कमी है, जिससे लाभार्थियों को वास्तविक लाभ नहीं मिल पाता।
2. अवसंरचना: उचित अवसंरचना की कमी और संसाधनों की उपलब्धता में बाधाएँ कार्यों के समय पर पूरा होने में रुकावट डालती हैं।
3. स्थानीय राजनीतिक मुद्दे: स्थानीय राजनीतिक विवादों के कारण भी योजनाओं का सही तरीके से कार्यान्वयन नहीं हो पाता।
इन चुनौतियों के समाधान के लिए बेहतर योजना, कार्यान्वयन और निगरानी की आवश्यकता है ताकि MNREGA अपने उद्देश्यों को पूर्ण रूप से हासिल कर सके।
See less