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कृषि कौमत नीति के मुख्य उद्देश्य क्या है? भारत की कृषि कीमत नीति का वर्णन कीजिये | [उत्तर सीमा: 250 शब्द] [UKPSC 2016]
भारत की कृषि कीमत नीति का मुख्य उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि करना और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इसके अंतर्गत निम्नलिखित प्रमुख उद्देश्य शामिल हैं: किसानों की आय में वृद्धि: कृषि मूल्य नीति का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसानों को उनके उत्पादों के लिए उचित मूल्य मिले, जिससे उनकी आर्थRead more
भारत की कृषि कीमत नीति का मुख्य उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि करना और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इसके अंतर्गत निम्नलिखित प्रमुख उद्देश्य शामिल हैं:
भारत की कृषि कीमत नीति में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की व्यवस्था की गई है, जो यह सुनिश्चित करती है कि किसानों को उनके उत्पादों के लिए एक न्यूनतम कीमत मिले। यह मूल्य सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है और किसानों को बाजार में अनिश्चितता से बचाता है। इसके साथ ही, नीति में आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए उपाय भी शामिल हैं, जिससे उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर खाद्य सामग्री उपलब्ध हो सके। इस प्रकार, कृषि कीमत नीति भारत की कृषि और खाद्य सुरक्षा को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
See lessभारतीय अर्थव्यवस्था में बहुराष्ट्रीय निगमों की भूमिका की समीक्षा कीजिये | [उत्तर सीमा: 125 शब्द] [UKPSC 2016]
भारतीय अर्थव्यवस्था में बहुराष्ट्रीय निगमों (MNCs) की भूमिका महत्वपूर्ण है। ये निगम न केवल पूंजी निवेश करते हैं, बल्कि तकनीकी हस्तांतरण और नवाचार को भी बढ़ावा देते हैं। MNCs भारत में रोजगार के अवसर प्रदान करते हैं, जिससे स्थानीय समुदायों की आर्थिक स्थिति में सुधार होता है। इनका योगदान जीडीपी में भीRead more
भारतीय अर्थव्यवस्था में बहुराष्ट्रीय निगमों (MNCs) की भूमिका महत्वपूर्ण है। ये निगम न केवल पूंजी निवेश करते हैं, बल्कि तकनीकी हस्तांतरण और नवाचार को भी बढ़ावा देते हैं। MNCs भारत में रोजगार के अवसर प्रदान करते हैं, जिससे स्थानीय समुदायों की आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।
इनका योगदान जीडीपी में भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे विदेशी मुद्रा अर्जित करने में सहायक होते हैं। MNCs द्वारा विकसित उत्पाद और सेवाएँ भारतीय बाजार में प्रतिस्पर्धा को बढ़ाती हैं, जिससे गुणवत्ता में सुधार होता है।
हालांकि, इनके आना स्थानीय उद्योगों पर दबाव डाल सकता है, और कभी-कभी वे बाजार में असमान प्रतिस्पर्धा उत्पन्न कर सकते हैं। कुल मिलाकर, MNCs भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
See lessव्यापार संबंधी बौद्धिक संपदा अधिकारों के विषय में एक नोट लिखिये। [उत्तर सीमा: 125 शब्द] [UKPSC 2016]
व्यापार संबंधी बौद्धिक संपदा अधिकार (Intellectual Property Rights - IPR) का तात्पर्य उन अधिकारों से है जो व्यावसायिक नवाचार, ब्रांड नाम, और रचनात्मक कार्यों की सुरक्षा करते हैं। इनमें प्रमुखतः पेटेंट, कॉपीराइट, ट्रेडमार्क और औद्योगिक डिज़ाइन शामिल हैं। पेटेंट: यह एक विशेष आविष्कार को सुरक्षित करता हRead more
व्यापार संबंधी बौद्धिक संपदा अधिकार (Intellectual Property Rights – IPR) का तात्पर्य उन अधिकारों से है जो व्यावसायिक नवाचार, ब्रांड नाम, और रचनात्मक कार्यों की सुरक्षा करते हैं। इनमें प्रमुखतः पेटेंट, कॉपीराइट, ट्रेडमार्क और औद्योगिक डिज़ाइन शामिल हैं।
बौद्धिक संपदा अधिकारों का संरक्षण नवाचार को प्रोत्साहित करता है और आर्थिक विकास में सहायक होता है।
See lessउत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में जोतों की चकचंदी में आने वाली कठिनाइयाँ क्या है? [उत्तर सीमा: 125 शब्द] [UKPSC 2016]
उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में जोतों की चकचंदी (खेतों में फसल उगाने) में कई कठिनाइयाँ आती हैं: भौगोलिक बाधाएँ: पहाड़ी क्षेत्रों की ऊँचाई और ढलान के कारण कृषि करना कठिन होता है, जिससे मिट्टी का कटाव और फसलों की वृद्धि प्रभावित होती है। जल संकट: सीमित जल संसाधन और असमय वर्षा की समस्या फसल उत्पादनRead more
उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में जोतों की चकचंदी (खेतों में फसल उगाने) में कई कठिनाइयाँ आती हैं:
इन समस्याओं के कारण पर्वतीय क्षेत्रों में कृषि विकास प्रभावित होता है।
See lessरिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के प्रमुख कार्यों को बताइये। [उत्तर सीमा: 125 शब्द] [UKPSC 2016]
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं: मौद्रिक नीति निर्धारण: RBI देश की मौद्रिक नीति को तैयार करता है, जिससे महंगाई और विकास को संतुलित किया जा सके। बैंकिंग प्रणाली का नियमन: RBI सभी वाणिज्यिक बैंकों और वित्तीय संस्थानों का नियमन और पर्यवेक्षण करता है, जिससे वित्तीय स्थिरता बनीRead more
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं:
ये कार्य RBI को भारतीय अर्थव्यवस्था में एक केंद्रीय भूमिका निभाने में सक्षम बनाते हैं।
See lessचौदहवें वित्त आयोग की प्रमुख सिफारिशों को बताइये | [उत्तर सीमा: 125 शब्द] [UKPSC 2016]
चौदहवें वित्त आयोग (2015-20) की प्रमुख सिफारिशें निम्नलिखित हैं: राजस्व साझा करना: राज्यों को केंद्रीय करों में 42% हिस्सेदारी देने की सिफारिश, जो पहले 32% थी, जिससे राज्यों को वित्तीय स्वतंत्रता मिलेगी। अनुदान वितरण: आयोग ने राज्यों को अनुदान के वितरण में सुधार की बात की, विशेषकर गरीब और पिछड़े राजRead more
चौदहवें वित्त आयोग (2015-20) की प्रमुख सिफारिशें निम्नलिखित हैं:
इन सिफारिशों का उद्देश्य राज्यों की आर्थिक स्थिति में सुधार करना और समग्र विकास को बढ़ावा देना था।
See lessगाँधीजी की सत्याग्रह की अवधारणा स्पष्ट कीजिये। क्या आप सोचते हैं कि गाँधीजी ने इसे केवल एक राजनीतिक नीति-कौशल के तौर पर अपनाया, क्योंकि तब भारत अंग्रेजी साम्राज्य की ताकत से टकराने की स्थिति में नहीं था? [उत्तर सीमा 50 शब्द, अंक: 05] [UKPSC-2016]
Satyagrah - Means that (satya+agrah) truth demands. Gandhiji's thoughts were not revolutionary, he felt that till now, as many uprisings and battles were fought and suppressed, but we should adopt such a path that we can find independence through peaceful means without bloodshed and get at least aRead more
Satyagrah – Means that (satya+agrah) truth demands.
Gandhiji’s thoughts were not revolutionary, he felt that till now, as many uprisings and battles were fought and suppressed, but we should adopt such a path that we can find independence through peaceful means without bloodshed and get at least a little self-reliance. In 1917 Gandhi said ” give me 1 yr I will give you Independence ‘
Because Gandhi did not think that people still do not understand the definition of Satyagraha.
But later some such incidents happened for example, Jallianawala Bagh massacre. Gandhi stopped the non-cooperation for some time but after a few years he started the civil disobedience movement again in 1930s. When Gandhi ousted the Ottoman Caliph from the throne, he supported the Caliphate movement to gain Muslim support, and the Muslim Satyagraha did not receive this absolute support.
:SOME MOVEMENT START BY GANDHIJI:
1) champaran satyagrah 1917
2) salt march
3) against rowllat acts 1919
4) Ahmadabad movement strike 1918
5) Quite movement 1942
बस्तु एवम् सेवाकर को पाँच विशेषताएँ लिखिये | [उत्तर सीमा: 125 शब्द] [UKPSC 2016]
वस्तु एवं सेवा कर (GST) की पाँच विशेषताएँ निम्नलिखित हैं: एकीकृत कर प्रणाली: GST भारत में एक समान कर प्रणाली है, जो सभी राज्यों और केंद्र में लागू होती है, जिससे कराधान में समानता आती है। समावेशी कर: यह वस्तुओं और सेवाओं पर एकल कर है, जिसमें पूर्व के विभिन्न अप्रत्यक्ष करों (जैसे VAT, सर्विस टैक्स)Read more
वस्तु एवं सेवा कर (GST) की पाँच विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
गढ़वाल एवं कुमाऊँ की भारत छोड़ो आन्दोलन में क्या भूमिका थी? व्याख्या कीजिए। [उत्तर सीमा: 250 शब्द] [UKPSC 2023]
गढ़वाल और कुमाऊँ ने भारत छोड़ो आंदोलन (1942) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक अहम पड़ाव था। इस आंदोलन ने उत्तराखंड के इन क्षेत्रों में व्यापक जनसंघर्ष को जन्म दिया। गढ़वाल की भूमिका: गढ़वाल में स्थानीय नेताओं ने आंदोलन को गति दी। यहाँ के किसानों, श्रमिकों और विद्यार्थिRead more
गढ़वाल और कुमाऊँ ने भारत छोड़ो आंदोलन (1942) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक अहम पड़ाव था। इस आंदोलन ने उत्तराखंड के इन क्षेत्रों में व्यापक जनसंघर्ष को जन्म दिया।
गढ़वाल की भूमिका:
गढ़वाल में स्थानीय नेताओं ने आंदोलन को गति दी। यहाँ के किसानों, श्रमिकों और विद्यार्थियों ने मिलकर ब्रिटिश शासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए। गढ़वाल में, आंदोलन ने ग्रामीण इलाकों में जागरूकता फैलाई, और लोगों ने स्वतंत्रता के लिए सशक्त तरीके से आगे बढ़ने का संकल्प लिया।
कुमाऊँ की भूमिका:
कुमाऊँ में भी आंदोलन का व्यापक असर देखा गया। यहाँ के लोगों ने रैलियाँ निकालीं और सत्याग्रह किए। स्थानीय नेताओं जैसे कि हरि चंद्र कर्णाटक ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। महिलाओं ने भी इस आंदोलन में सक्रिय भाग लिया, जिससे आंदोलन की धार और मजबूत हुई।
सामूहिक संघर्ष:
दोनों क्षेत्रों में आंदोलनों ने ग्रामीण समुदायों को एकजुट किया और सामूहिक चेतना को जागृत किया। यहाँ के लोग न केवल राजनीतिक स्वतंत्रता की मांग कर रहे थे, बल्कि सामाजिक और आर्थिक सुधारों की भी आवश्यकता महसूस कर रहे थे।
इस प्रकार, गढ़वाल और कुमाऊँ ने भारत छोड़ो आंदोलन में सक्रिय भागीदारी की, जो स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय बन गया। इन क्षेत्रों की सक्रियता ने न केवल स्थानीय समुदायों को प्रभावित किया, बल्कि पूरे देश के स्वतंत्रता आंदोलन को भी नई ऊर्जा दी।
See lessभारत में 'द्वितीय हरित क्रान्ति' के क्या उद्देश्य हैं? [उत्तर सीमा: 50 शब्द] [UKPSC 2016]
भारत में 'द्वितीय हरित क्रांति' के उद्देश्य हैं: उत्पादकता बढ़ाना: खाद्य और फसल उत्पादन को बढ़ाना। पर्यावरण संरक्षण: सतत कृषि प्रथाओं को अपनाना। संसाधन उपयोग: जल और पोषक तत्वों के कुशल उपयोग को बढ़ावा देना। किसानों की आय: किसानों की आय में सुधार करना। ग्रामीण विकास: ग्रामीण क्षेत्रों में समग्र विकासRead more
भारत में ‘द्वितीय हरित क्रांति’ के उद्देश्य हैं: