प्रश्न का उत्तर अधिकतम 50 शब्दों/5 से 6 पंक्तियाँ में दीजिए। यह प्रश्न 05 अंक का है। [MPPSC 2023] राष्ट्रीय आयुष मिशन के मुख्य उद्देश्य संक्षेप में लिखिए।
अष्टाङ्ग योग के अंग अष्टाङ्ग योग, जिसे पतंजलि के योग सूत्रों में वर्णित किया गया है, एक समग्र योग प्रणाली है जो आत्मज्ञान और आध्यात्मिक उन्नति के मार्ग को इंगित करती है। इसमें आठ अंग या चरण होते हैं, जो व्यक्तिगत और आत्मिक विकास की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। यहां अष्टाङ्ग योग के आठ अंगों कRead more
अष्टाङ्ग योग के अंग
अष्टाङ्ग योग, जिसे पतंजलि के योग सूत्रों में वर्णित किया गया है, एक समग्र योग प्रणाली है जो आत्मज्ञान और आध्यात्मिक उन्नति के मार्ग को इंगित करती है। इसमें आठ अंग या चरण होते हैं, जो व्यक्तिगत और आत्मिक विकास की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। यहां अष्टाङ्ग योग के आठ अंगों का विवरण और हाल के उदाहरण दिए गए हैं:
1. यम (Ethical Disciplines)
- विवरण:
- यम वे नैतिक और आचार संहिता के नियम हैं जो समाज के प्रति दायित्वों को प्रकट करते हैं। इसमें अहिंसा (अहिंसा), सत्य (सत्यवाद), अस्तेय (चोरी से परहेज), ब्रह्मचर्य (संयम), और अपरिग्रह (अधिकार से परहेज) शामिल हैं।
- हाल का उदाहरण:
- आहार और जीवनशैली में नैतिकता को बढ़ावा देने वाले आंदोलनों, जैसे वीगनिज़्म, यम के सिद्धांतों को अपनाते हैं, जहां पशु क्रूरता और पर्यावरणीय प्रभाव को ध्यान में रखते हुए आहार चुना जाता है।
2. नियम (Personal Observances)
- विवरण:
- नियम वे व्यक्तिगत अनुशासन हैं जो आत्म-उन्नति को प्रोत्साहित करते हैं, जैसे शौच (स्वच्छता), संतोष (संतोष), तप (आत्म-अनुशासन), स्वाध्याय (स्वाध्याय), और ईश्वर प्रणिधान (ईश्वर को समर्पण)।
- हाल का उदाहरण:
- स्वास्थ्य और फिटनेस के क्षेत्रों में, स्वच्छता और स्वाध्याय जैसे नियमों को अपनाने वाले प्रथाएं, जैसे डिटॉक्स डाइट्स और योग रिट्रीट्स, जीवन की गुणवत्ता और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करती हैं।
3. आसन (Physical Postures)
- विवरण:
- आसन शारीरिक स्थितियाँ हैं जो शरीर को मजबूत और लचीला बनाती हैं, जिससे ध्यान और साधना के लिए एक ठोस आधार तैयार होता है।
- हाल का उदाहरण:
- हठ योग और विनयसा फ्लो जैसे योग अभ्यासों में विभिन्न आसनों का उपयोग किया जाता है, जो शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक शांति को बढ़ावा देते हैं। वर्तमान में, पिलेट्स और योग क्लासेस में भी आसनों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
4. प्राणायाम (Breath Control)
- विवरण:
- प्राणायाम में श्वास की नियंत्रण विधियाँ शामिल हैं, जो प्राण (जीवन ऊर्जा) की गतिशीलता को संतुलित करती हैं और मन को शांत करती हैं।
- हाल का उदाहरण:
- नाड़ी शोधन (alternating nostril breathing) और कपालभाति (skull shining breath) जैसी प्राणायाम तकनीकें तनाव प्रबंधन और मानसिक स्पष्टता में सहायक साबित हो रही हैं, और इन्हें विभिन्न मेडिटेशन एप्स और वेलनेस प्रोग्राम्स में शामिल किया गया है।
5. प्रत्याहार (Withdrawal of Senses)
- विवरण:
- प्रत्याहार में बाहरी इंद्रियों को आंतरिक ध्यान के लिए वापस लेना शामिल है, जिससे मानसिक एकाग्रता और आंतरिक शांति प्राप्त होती है।
- हाल का उदाहरण:
- डिजिटल डिटॉक्स और माइंडफुलनेस रिट्रीट्स में प्रत्याहार की विधियों का उपयोग किया जाता है, जहां लोग तकनीकी दुनिया से एक समय के लिए दूर रहकर आत्म-निरीक्षण और आंतरिक शांति की खोज करते हैं।
6. धारणा (Concentration)
- विवरण:
- धारणा का अर्थ है किसी एक बिंदु या वस्तु पर ध्यान केंद्रित करना, जिससे मानसिक स्पष्टता और फोकस प्राप्त होता है।
- हाल का उदाहरण:
- फोकस्ड अटेंशन मेडिटेशन जैसे ध्यान तकनीकें कार्यस्थल पर उत्पादकता और मानसिक स्फूर्ति को बढ़ावा देती हैं, और इन्हें कॉर्पोरेट वेलनेस प्रोग्राम्स में अपनाया जा रहा है।
7. ध्यान (Meditation)
- विवरण:
- ध्यान एक गहरी और लगातार ध्यान की स्थिति है, जहां मन पूरी तरह से ध्यान के वस्तु में लीन हो जाता है।
- हाल का उदाहरण:
- गाइडेड मेडिटेशन और माइंडफुलनेस मेडिटेशन आधुनिक जीवनशैली में मानसिक स्वास्थ्य सुधारने के लिए लोकप्रिय हो रहे हैं, और मेडिटेशन एप्स जैसे कैल्म और हेडस्पेस इन प्रथाओं को सरल बनाते हैं।
8. समाधि (Self-Realization or Enlightenment)
- विवरण:
- समाधि योग का अंतिम लक्ष्य है, जिसमें गहरी आत्म-जागरूकता और दिव्य एकता की स्थिति होती है।
- हाल का उदाहरण:
- विपश्यना रिट्रीट्स और ध्यान केंद्र समाधि की अवस्था को प्राप्त करने के लिए विशेष ध्यान कार्यक्रम प्रदान करते हैं, जहां लोग गहरी आत्म-खोज और शांति का अनुभव करते हैं।
निष्कर्ष
अष्टाङ्ग योग के ये आठ अंग एक समग्र जीवन प्रणाली का हिस्सा हैं, जो शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। आधुनिक समय में भी इन अंगों का अभ्यास जीवन की गुणवत्ता और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रहा है।
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राष्ट्रीय आयुष मिशन के मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय आयुष मिशन (National Ayush Mission - NAM) भारतीय पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों को समर्थन देने और उनके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए एक व्यापक पहल है। इसके तहत आयुर्वेद, योग, सिद्धा, यूनानी, और होम्योपैथी चिकित्सा प्रणालियों को प्रोत्साहित किया जाता है। यहाँRead more
राष्ट्रीय आयुष मिशन के मुख्य उद्देश्य
राष्ट्रीय आयुष मिशन (National Ayush Mission – NAM) भारतीय पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों को समर्थन देने और उनके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए एक व्यापक पहल है। इसके तहत आयुर्वेद, योग, सिद्धा, यूनानी, और होम्योपैथी चिकित्सा प्रणालियों को प्रोत्साहित किया जाता है। यहाँ इसके मुख्य उद्देश्यों का संक्षेप में विवरण दिया गया है:
1. आयुष सेवाओं की पहुँच और गुणवत्ता में सुधार
2. पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों का समर्थन और विकास
3. आयुष शिक्षा और अनुसंधान का संवर्धन
4. मानव संसाधन और बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करना
5. आयुष की समग्र स्वास्थ्य प्रणाली में एकीकरण
निष्कर्ष
राष्ट्रीय आयुष मिशन का उद्देश्य आयुष चिकित्सा प्रणालियों के प्रभावी कार्यान्वयन और विस्तार के लिए एक समग्र दृष्टिकोण अपनाना है। इसके माध्यम से पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों की पहुँच बढ़ाना, गुणवत्ता में सुधार करना, शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देना, और समग्र स्वास्थ्य प्रणाली में एकीकरण को सुनिश्चित करना प्राथमिक लक्ष्य हैं। हाल के उदाहरण इस बात को प्रमाणित करते हैं कि ये पहलें स्वास्थ्य क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन ला रही हैं और पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों को एक नई दिशा प्रदान कर रही हैं।
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